नेचुरोपैथी से शरीर को मिलते हैं कई बेहतरीन फायदे, बाबा रामदेव से जानें इसे करने के तरीके
आयुर्वेद के हिसाब से कल्पवास संयम और संतुलन देता है। प्राकृतिक चिकित्सा में सात्विक भोजन-शुद्ध हवा-औषधिय गुणों से भरा गंगा का पानी,और सूर्य की रोशनी का महत्व है। बाबा रामदेव बता रहे हैं नेचुरोपैथी से शरीर को कैसे फायदे मिलते हैं?
प्रयाग की पावन भूमि से आप सभी का स्वागत है। महाकुंभ को लेकर उत्साह चरम पर है। साधु-संतों, अखाड़ों के शिविर तैयार हो गए हैं, संगम की रेत पर मंदिर और महल के नजारे दिखने लगे हैं। महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता के बीच, बस एक दिन बाद 'पौष पूर्णिमा स्नान' से महाकुंभ की शुरुआत होगी जो महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान के साथ पूर्ण हो जाएगा। इस बीच--मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा पर भी करोड़ों श्रद्धालू आस्था की डुबकी लगाएंगे तो लाखों तीर्थयात्री 45 दिनों के कल्पवास से अपना काया-कल्प करेंगे। योगगुरु स्वामी रामदेव भी--पतंजलि अष्टांग योग के हवाले से ये बताते रहे हैं कि सेहत के लिए कल्पवास की बड़ी अहमियत है। कल्पवास के दौरान योगाभ्यास, हेल्दी लाइफ स्टाइल, और सही खानपान से शरीर को कई बीमारियों से मुक्ति मिलती है। कल्पवास को हर चिकित्सा पद्धति में खास महत्व दिया गया है आयुर्वेद के हिसाब से कल्पवास संयम और संतुलन देता है। तो एलोपैथ पेट की बीमारियों से राहत की बात करता है। प्राकृतिक चिकित्सा में सात्विक भोजन-शुद्ध हवा-औषधिय गुणों से भरा गंगा का पानी,और सूर्य की रोशनी का महत्व है। यूनानी चिकित्सा ये मानती है कि कल्पवास से रोगों से लड़ने की क्षमता बेहतर होती है।
कुदरत और सेहत का तो गहरा रिश्ता है, कुदरत से दूर जाते ही सेहत में अधूरापन दिखने लगता है और तभी तो ऋषि-मुनियों के वक्त से चली आ रही इस परंपरा को पश्चिम वाले भी मानने लगे हैं। माइंडफुलनेस के साथ बेहद जरूरी चीजों का ही इस्तेमाल करते हैं, गैर जरूरी चीजों को अपनी जिंदगी से हटा रहे हैं। अच्छी बात ये है कि मिनिमलिस्ट के लिए ये मजबूरी नहीं,चॉयस का मामला है और कल्पवास हमें यही याद दिलाता है। 45 दिन नदी के किनारे रहकर कल्पवास करना तो ज्यादातर लोगों के लिए मुमकिन नहीं है। हां लेकिन, कायाकल्प कुदरती तरीके से आप घर बैठे भी कर सकते हैं लेकिन ये कैसे किया जा सकता है ये बताने के लिए स्वामी रामदेव हमारे साथ जुड़ चुके हैं।
प्राकृतिक चिकित्सा - भारत की विरासत
- क्षिति-मिट्टी
- जल-पानी
- पावक-आग
- गगन-खाली जगह
- समीर-हवा
भारत में नेचुरोपैथी
- यूरोप से भारत में वापसी
- बापू नेचुरोपैथी के मुरीद
- भारत में बनाया पॉपुलर
क्या है नेचुरोपैथी?
- कुदरती तरीके से जीने की कला
- बिना दवा के रोगों का उपचार
- लाइफ स्टाइल देखकर इलाज
नेचुरोपैथी के तरीके
- जल चिकित्सा
- सूर्य चिकित्सा
- वायु चिकित्सा
- मिट्टी चिकित्सा
- एक्यूप्रेशर
- योग-व्रत
नेचुरोपैथी में उपाय -सर्दी-बुखार
- आराम करें
- नींबू पानी पीएं
- लिक्विड डाइट लें
नेचुरोपैथी में उपाय - ज्वाइंट्स पेन
- सरसों तेल से मालिश
- गर्म-ठंडे पानी से सिकाई
नेचुरोपैथी में उपाय -चेस्ट इन्फेक्शन
- कुंजल क्रिया- बलगम बाहर निकल आता है
- चेस्ट पर - गुनगुने तेल से मालिश करें
- गुनगुने पानी से हाथ और पैर को धोएं
नेचुरोपैथी में उपाय -मड थेरेपी
- 6-8 फीट अंदर की मिट्टी लें
- मिट्टी को 12-14 घंटे धूप में सुखाएं
- पत्थर या गंदगी हो तो निकाल दें
- कीचड़ बनाकर पूरे शरीर में लेप लें
- शरीर में मिट्टी लेप से नर्व्स को आराम
- स्किन में मौजूद टॉक्सिन दूर होते हैं
- पेट के हिस्से में लगाने से कब्ज दूर