National Epilepsy Day 2023: क्यों पड़ते में मिर्गी के दौरे, जानिए इसके लक्षण और कैसे करें बचाव
National Epilepsy Day: मिर्गी के दौरे पड़ना कई बार जानलेवा भी साबित हो सकता है। जानिए इसके क्या हैं कारण? क्यों पड़ते हैं मिर्गी के दौरे? कैसे किया जाए बचाव और क्या है इसका इलाज, जानिए।
मिर्गी आना एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर होता है, जिसमें दिमाग के अंदर असामान्य तरंगें उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसी स्थिति में इंसान को बार-बार दौरा पड़ने लगता है। जब दौरा पड़ता है तो दिमाग और शरीर का संतुलन पूरी तरह से बिगड़ जाता है। बेहोश होकर कुछ लोग जमीन पर गिर जाते हैं कुछ लोग लड़खड़ाने लगते हैं। अगर समय पर इसका इलाज नहीं कराया गया तो ये बीमारी काफी खतरनाक साबित हो सकती है। भारत में लोगो को मिर्गी के बारे में जागरुक करने के लिए हर साल 17 नवंबर को 'नेशनल एपिलेप्सी डे' (National Epilepsy Day 2020) मनाया जाता है।
मिर्गी दौरे पड़ने के कारण (What Is Epilepsy In Hindi)
डॉक्टर्स की मानें तो कई बार रोगियों में मिर्गी के सही कारणों का पता लगा पाना मुश्किल हो जाता है। कुछ लोगों को किसी गंभीर बीमारी के बाद मिर्गी के दौरे पड़ने लगते हैं। दिमाग में गंभीर चोट लगने या चोट के निशान रह जाने पर भी लोगों को मिर्गी का दौरे पड़ने लगते है। कार्डियोवस्क्युलर डिसीज यानि हार्ट से जुड़ी बीमारियां होने पर भी इंसान को मिर्गी की बीमारी हो सकती है। कुछ मामलों में तेज बुखार भी दिमाग पर असर डाल सकता है।
क्या हैं मिर्गी के लक्षण (Epilepsy Symptoms In Hindi)
मिर्गी दो तरह के दौरा पैदा करती है। जिसमें एक होता है जनरलाइज्ड एपिलेप्सी (Generalized Epilepsy) इस कंडीशन में पूरे दिमाग में दौरा पड़ता है। ये तब तक होता है जब तक कि इंसान बेहोश न हो जाए। दूसरा होता है फोकल एपिलेप्सी (Focal Epilepsy), ऐसी स्थिति में दिमाग के कुछ हिस्सों में इलेक्ट्रिकल तरंगे दौड़ती हैं। ऐसी स्थिति में इंसान के सूंघने या चखने की शक्ति बदल जाती है। शरीर में मरोड़ आने लगती है चक्कर आने लगता है और देखने, सुनने या फील करने की क्षमता खो जाती है।
क्या हैं मिर्गी के कारण (Epilepsy Causes In Hindi)
अगर आपको ब्रेन स्ट्रोक आया है तो इससे आपको मिर्गी के दौरा पड़ने का खतरा रहता है।
अगर ब्रेन में ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है तो भी मिर्गी का दौरा पड़ सकता है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो ब्रेन ट्यूमर या दिमाग में फोड़ा होने पर भी ये खतरा पैदा हो सकता है।
जिन लोगों को उम्र बढ़ने पर डेमेंशिया या अल्जाइमर जैसी बीमारियां होती हैं उन्हें भी मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं।
एड्स या मैनिंजाइटिस से पीड़ित व्यक्ति के भी मिर्गी की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है।
कई बार नशीली दवाओं के सेवन और जेनेटिक कारणों से भी मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं।
मिर्गी के दौरे से कैसे बचें? (Epilepsy Prevent In Hindi)
डॉक्टर की बताई दवा समय पर और नियमित रूप से खाएं
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
पर्याप्त नींद लेना जरूरी है
नियमित व्यायाम करना जरूरी है
तनाव और चिंता कम करें
संतुलित आहार खाएं
शराब और नशीली चीजों से दूर रहें
दिन में खूब पानी पिएं
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)