आजकल नए-नए इनोवेंशन हो रहे हैं जिससे जिंदगी आसान तो हो हई है, लेकिन इसके साइडइफेक्ट्स भी सामने आ रहे हैं। मोबाइन और इंटरनेट ने दुनिया को बदल कर रख दिया है और अब तो AI और रोबोट भी आ चुके हैं। जो इंटरनेट से मुमकिन हो पाया, लेकिन हर पल ऑनलाइन अपडेटेड रहने की ये आदत, सेहत की दुश्मन बन गई है। लंदन यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक इंटरनेट एक्पोजर का दिमाग के न्यूरॉन सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है। युवाओं के बर्ताव में बदलाव आ रहा है। ओवर थिंकिंग, लो कंसंट्रेशन के मामले दिनों-दिन बढ़ रहे हैं।
इंटरनेट और मोबाइल से बढ़ रहा है खतरा
इतना ही नहीं घंटों इंटरनेट के इस्तेमाल और मोबाइल पर लंबी बात करने से ब्रेन ट्यूमर के मामले भी बढ़ रहे हैं। ट्रीटमेंट में देरी मामूली से टयूमर को कैंसरस बना रही है। इसके हल्के में लेना जानलेवा हो सकता है। दरअसल जब दिमाग के सेल्स एबनॉर्मल तरीके से बढ़ने लगते है, तो ब्रेन में टिश्यूज की एक गांठ बन जाती है। ये गांठ भी दो तरीके की होती है। एक बिनाइन और दूसरी मेलिग्नेंट, बिनाइन ट्यूमर धीरे-धीरे बढ़ता है और मेलिग्नेंट ट्यूमर की ग्रोथ बहुत तेजी से होती है और ये कैंसरस होता है।
हर साल 8 लाख लोगों की ब्रेन ट्यूमर से मौत
WHO के मुताबिक दुनिया में हर साल लगभग 8 लाख लोग ब्रेन कैंसर से जान गवांते हैं। भारत में भी हर साल तकरीबन 50 हजार केसे सामने आते हैं, इनमें भी 20 परसेंट छोटे बच्चे होते है। जबकि शरीर में दिमाग का काम बहुत इम्पोर्टेंट है। भूख से लेकर नींद तक, बॉडी के तमाम सिस्टम को दिमाग ही कंट्रोल करता है। यही वजह है कि ब्रेन हेल्थ को लेकर हल्के में नहीं लेना चाहिए। योग से दिमाग को शांत रखें और बीमारियों से दूर रखें। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे योग और आयुर्वेदिक तरीकों से दिमाग को स्वस्थ रख सकते हैं?
ब्रेन ट्यूमर के क्या हैं लक्षण
- सिरदर्द
- वॉमिटिंग
- मूड स्विंग्स
- सुनने में दिक्कत
- बोलने में दिक्कत
- याददाश्त कमजोर
- नजर कमजोर
ब्रेन डिसऑर्डर बीमारी
- पार्किंसन
- अल्जाइमर
- डिमेंशिया
- ब्रेन इंजरी
- ब्रेन ट्यूमर
ब्रेन रहेगा हेल्दी कर लें ये 5 उपाय
- एक्सरसाइज
- बैलेंस डाइट
- तनाव से दूर
- म्यूजिक
- अच्छी नींद
ब्रेन रहेगा स्ट्रॉन्ग
- बादाम रोगन दूध में डालकर पीएं
- बादाम रोगन नाक में डालें
- बादाम-अखरोट पीसकर खाएं
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