मध्य प्रदेश के मैहर में खसरे से 2 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। वहीं करीब 17 बच्चों को संक्रमित बताया जा रहा है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबित जिला प्रशासन ने आठ गांवों में सभी स्कूलों को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया है। एक स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए एक मेडिकल टीम तैनात की गई है। वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) एल के तिवारी ने कहा, "दो बच्चों की 14 और 16 फरवरी को संदिग्ध खसरे से मौत हो गई। उनमें से एक बच्चा 7 साल का था। इसके अलावा करीब 8 गांव के 17 और बच्चे भी संक्रमित पाए गए।" जिसमें से 7 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खसरे के इन मामलों को देखते हुए प्रभावित गांव के स्कूलों की 3 दिन की छुट्टी के आदेश दिए गए हैं।
जिला अधिकारी ने इलाके में 5 किलोमीटर तक के गांव और बस्तियों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है साथ ही प्रभावित इलाकों में किसी भी समारोह में बच्चों के हिस्सा लेने पर रोक लगा दी गई है। संक्रमित बच्चों के सैंपल भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भेज दिए गए हैं। वहीं WHO की एक टीम भी प्रभावित इलाके का दौरा करेगी।
खसरा क्यों है इतना खतरनाक?
खसरा जिसे रूबेला नाम से भी जानते हैं ये एक संक्रामक बीमारी है, जो वायरस से फैलती है। खसरे का वायरस नाक और गले के म्यूकस में रहता है। जब संक्रमित व्यक्ति खांसता और छींकता है तो ये वायरस फैलता है। CDC के मुताबिक खसरा होने के 7 से 14 दिनों के भीतर त्वचा पर हल्के रैश दिखते हैं। खसरा छोटे बच्चों और शिशुओं के लिए ज्यादा खतरनाक है।
खसरा होने पर दिखते हैं ये लक्षण
- 104 डिग्री तक तेज बुखार आना
- खांसी, बहती नाक
- आंखों से पानी आना
- गंभीर स्थिति में दस्त
- गाल के अंदर सफेद छोटे धब्बे
- शरीर में गहरे और लाल दाने निकलना
खसरे से कैसे बच सकते हैं?
सेंट्रल डिजीज के अनुसार खसरे से बचने का सबसे सुरक्षित तकीरा है टीकाकरण। अगर फिर भी कोई खसरा से प्रभावित है तो उसे संक्रमण से बचाने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। खरसे के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। साफ-सफाई का ख्याल रखें। संक्रमित बच्चे के संपर्क में आने से बचे। ध्यान रखें खसरा एक गंभीर संक्रामक बीमारी है।
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