स्ट्रक्चरल इम्बैलेंस से शरीर बन जाता है बीमारियों का घर, बाबा रामदेव से जानें जीवन में संतुलन कैसे बनाएं
650 मांसपेशियों,72 हज़ार नस नाड़ियों, 206 हड्डियों और 360 ज्वाइंट्स से जो बॉडी स्ट्रक्चर तैयार होता है। अगर उसका संतुलन बिगड़ जाए तो बीमार पड़ना तय है। ये संतुलन अक्सर कान, गर्दन, कंधे, कोहनी, स्पाइन, घुटने एड़ी जैसे जोड़ों में बिगड़ता है, जिसे स्ट्रक्चरल इम्बैलेंस कहते हैं
संतुलन ये एक ऐसा शब्द है, जिसके बिना ज़िंदगी की कश्ती डगमगाने लगती है। चाहे बात काम की हो या फिर रिश्तों की। हर जगह बैलेंस बनाकर रखना ज़रूरी है। अब पति पत्नी को ही ले लीजिए। पति ऑफिस जाता है तो पत्नी पूरा घर संभालती है, तो कई वर्किंग वुमन ऑफिस के कामकाज के साथ साथ घर पर भी दिन भर काम करती हैं। ऐसे ही कामकाजी पति पत्नियों के उपर नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक घर के बाहर पुरुष महिलाओं से ढाई घंटे ज़्यादा काम करते हैं। लेकिन जब बात घर के कामों की आती है तो महिलाएं आगे निकल जाती है। घरेलू काम महिलाएं पुरुषों के मुक़ाबले करीब साढ़े 4 घंटे ज़्यादा करती है। यानि कहीं पति ज़्यादा काम कर रहा है तो कहीं पत्नी और यही कम-ज़्यादा उनके काम को बैलेंस कर देता है। अगर ये बैलेंस बिगड़ा तो समझिए हसबैंड-वाइफ के बीच थर्ड वर्ल्ड वॉर छिड़ना तय है। वैसे ऐसे ही बैलेंस की ज़रूरत हमारे शरीर को भी होती है क्योंकि 650 मांसपेशियों,72 हज़ार नस नाड़ियों, 206 हड्डियों और 360 ज्वाइंट्स से जो बॉडी स्ट्रक्चर तैयार होता है।
अगर उसका संतुलन बिगड़ जाए तो बीमार पड़ना तय है। ये संतुलन अक्सर कान, गर्दन, कंधे, कोहनी, स्पाइन, घुटने एड़ी जैसे जोड़ों में बिगड़ता है। जिसे स्ट्रक्चरल इम्बैलेंस कहते हैं और ये इम्बैलेंस पार्किंसन, स्पॉन्डिलाइटिस, इनडायजेशन जैसी तमाम तरह की प्रॉब्लम्स की वजह बनता है। आपने देखा भी होगा कि चलते चलते झटके से गड्ढे में पैर चले जाने से पेट में स्वेलिंग आ जाती है। आंतों में इंफेक्शन हो जाता है। स्पाइन में चोट लगने पर यूरिन प्रॉब्लम, हार्ट प्रॉब्लम, लंग्स प्रॉब्लम जैसी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और तो और गलत पॉश्चर में बैठने से सर्वाइकल लोअर बैक प्रॉब्लम जैसी कई दिक्कतें हो जाती हैं। इन तमाम बीमारियों से बचना है तो बॉडी का स्ट्रक्चर परफेक्ट रखना होगा और जिनके शरीर का संतुलन बिगड़ गया है उनको उसे करेक्ट करना होगा। सिर्फ शरीर का संतुलन ठीक करने से काम नहीं चलेगा। लाइफस्टाइल को भी बैलेंस करना होगा। क्या खाना है, कितना खाना है, कितनी देर वर्कआउट करना है। सब समझना होगा और जीवन में ये संतुलन कैसे बनाएं ये बताने के लिए स्वामी रामदेव हमारे साथ जुड़ चुके हैं।
मसल्स की परेशानी
- मस्कुलर डिस्ट्रॉफी - मसल्स में सूजन
- खिंचाव-अकड़न - बॉडी इम्बैलेंस
स्ट्रक्चरल इम्बैलेंस कैसे करें दूर?
- रोजाना व्यायाम करें
- विटामिन-डी से भरपूर खाना खाएं
- दिन में 4-5 लीटर पानी पीएं
- आंवले का सेवन करें
स्ट्रक्चरल इम्बैलेंस - कारगर औषधि
- दूध
- हल्दी
- शिलाजीत
- च्यवनप्राश
- गिलोय काढ़ा
- अश्वगंधा
योग से बॉडी बैलेंस - आयुर्वेदिक उपाय
- गिलोय पाउडर- 10 ग्राम
- एकांगवीर रस- 10 ग्राम
- रसराज रस- 2 ग्राम
- वसंत कुसमाकर- 2 ग्राम
- मोती पिष्टी- 4 ग्राम
- रजत भस्म- 2 ग्राम
- हीरक भस्म- 3 ml
- सबको मिलाकर 60 पैकेट बनाएं
- रोजाना 1-1 पैकेट सुबह शाम लें
बॉडी इम्बैलेंस से प्रॉब्लम - क्या हैं सॉल्यूशन
- पैदल चले
- रोज़ दूध पीएं
- ताज़ा फल खाएं
- हरी सब्ज़ियां खाएं
- मोटापा घटाएं
- वर्कआउट करें
- जंक फूड से परहेज़
बढ़ता वजन - क्या है वजह?
- हाई कैलोरी फूड
- विटामिन-D की कमी
- ज्यादा नींद आना
- वर्कआउट ना करना
कब्ज़ की छुट्टी
- सौंफ और मिश्री चबाएं
- जीरा,धनिया,सौंफ का पानी लें
- खाने के बाद भुना अदरक खाएं
गैस होगी दूर - मिलेगा सुकून
- अंकुरित मेथी खाएं
- मेथी का पानी पीएं
- अनार खाएं
- त्रिफला चूर्ण लें
- खाना अच्छे से चबाएं
हार्ट के लिए सुपरफूड
- अलसी
- लहसुन
- दालचीनी
- हल्दी
किडनी प्रॉब्लम - कैसे बचें?
- वर्कआउट करें
- वजन कंट्रोल करें
- स्मोकिंग ना करें
- खूब पानी पीएं
- जंकफूड ना लें
- ज्यादा पेनकिलर ना लें
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