दिल मजबूर नहीं मजबूत होना चाहिए और दिल को स्वस्थ रखने के लिए हम न जाने कितने तरीके आजमाते हैं, लेकिन हमारा दिल ठीक से काम कर रहा है या नहीं ये हमें पता भी नहीं चल पाता है। गांवों में लोग मसालेदार तीखा खाना खाते हैं और उनका दिल भी शहर में रहने वाले लोगों के मुकाबले ज्यादा मजबूत होता है, बहुत कम ही गांव के लोग दिल के मरीज होंगे। दरअसल हमारे पांरपरिक भोजन और मसालों में कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है, जिसे अब विज्ञान भी मान रहा है। जो इस पारंपरिक ज्ञान के जितने करीब है वो उतना ही स्वस्थ है।
साइंटिस्ट और हर्बल मेडिसिन एक्सपर्ट दीपक आचार्य ने हमें बताया कि "न्यूट्रिशन जर्नल" में 2014 में एक शोध के परिणाम प्रकाशित किए थे, इस शोध के दौरान खूब सारे मसालों जैसे दालचीनी, हल्दी, लहसुन, जीरा, अजवायन, तेजपान, लौंग, कालीमिर्च, अदरक, प्याज, मिर्च आदि से तैयार "करी" या सब्जी तैयार की गयी और इसका सेवन 45 वर्ष की आयु के आसपास वाले 14 स्वस्थ लोगों को कराया गया, 14 अन्य स्वस्थ लोगों को इसका सेवन नहीं कराया गया और उन्हें मसालेरहित भोज्य पदार्थ दिए गए। इस "करी" के सेवन से पहले और बाद में इन लोगों के ब्लड वेसल्स का परीक्षण किया गया। भोजन के बाद वेसल्स की रिपोर्ट्स से पाया गया कि जिन्होंने करी का सेवन किया उन तमाम लोगों के ब्लड वेसल्स से रक्त प्रवाह (Blood Flow) की दर तेज (Increased FMD- Flow Mediated Vasodilation) हो गयी जबकि अन्य लोगों में इस दर का घटाव (Decreased FMD) देखा गया। रिपोर्ट में बताया गया कि मसालों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स की वजह से ऐसा होता है।
Image Source : PIXABAYभारतीय मसाले
जिन लोगों के हृदय की धमनियों में कठोरपन (Hardening of Arteries) की शिकायत होती है जिसे एथिरोस्क्लोरोसिस कहा जाता है, उन्हें इस तरह के भोज्यपदार्थों का सेवन जरूर करना चाहिए। बस ध्यान आपको इस बात का रखना है कि बहुत ज्यादा और हर रोज मसालेदार भोजन न करें वरना दूसरी समस्याएं शुरू हो जाएंगी।
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सप्ताह में एक बार खूब मसालेदार तीखी करी या सब्जी का सेवन करना शुरु करें। अब आधुनिक शोध परिणाम भी हमारे देश के पारंपरिक ज्ञान के दावों को मान रहा है तो आप हम क्यों इससे चूकें?
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