योगाभ्यास से बदलें जीवन, प्राणायाम से अंहिसा का मंत्र, स्वामी रामदेव से जानिए बीमारियों का देसी इलाज
आज स्वामी रामदेव ने वो योग बताए हैं, जिसके अभ्यास से आसानी से गुस्से पर काबू पाया जा सकता है। स्ट्रेस, टेंशन, एंजाइटी, डिप्रेशन को दूर भगाया जा सकता है।
आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 73वीं पुण्यतिथि है। बापू ने जिंदगी भर सत्य और अंहिसा के रास्ते पर चलने का व्रत लिया और मरते दम तक इसका पालन भी किया। बापू हमेशा कहते थे कि कोई भी फैसला शांत मन से करना चाहिए, क्योंकि गुस्सा ना सिर्फ आपकी समझ का बल्कि आपके शरीर का भी बहुत बड़ा दुश्मन है। न तो गुस्से में लिया गया फैसला सही होता है और न ही बार-बार गुस्सा आना आपकी सेहत के लिहाज से सही है। ये एक तरह का धीमा जहर है। जिसकी वजह से धीरे-धीरे आपका शरीर बीमारियों का घर बन जाता है।
सत्य, अंहिसा और संयम.. बापू ने जीवन भर इस धर्म को निभाया, लेकिन आज जब हम अपने आसपास के माहौल को देखते हैं तो वो बापू के विचारों से मेल नहीं खाता है। छोटी-छोटी बात पर लोग मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं। गुस्सा और आक्रोश तो 24 घंटे अपने साथ लेकर चलते हैं। बर्दाश्त करने की क्षमता खत्म हो चुकी है। निरोग रहने के लिए योग अभ्यास की जगह ढेर सारी गोलियां खाते हैं। प्रकृति से दूर बंद कमरे में अपना जीवन बिता रहे हैं। लोगों के अंदर सब्र खत्म हो चुका है।
बापू की पुण्यतिथि पर योग का सत्याग्रह करिए, ताकि आप सब्र करना सीखें। अहिंसा के रास्ते पर चलना सीखे। बापू ने जिंदगी भर योग, आयुर्वेद और देसी इलाज को अपनाने की बात कही। महात्मा गांधी खुद भी सेहतमंद रहने के लिए नैचुरोपैथी को आजमाते थे। आज स्वामी रामदेव भी वो योग बताने वाले हैं, जिसके अभ्यास से आसानी से गुस्से पर काबू पाया जा सकता है। स्ट्रेस, टेंशन, एंजाइटी, डिप्रेशन को दूर भगाया जा सकता है।
संपूर्ण सेहत के लिए लीजिए योग का प्रण:
- गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ था।
- 30 जनवरी 1948 में बापू का निधन हुआ था।
- बापू का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है।
- भारत की आजादी में सबसे बड़ी भूमिका रही।
- बापू को महात्मा की उपाधि टैगोर ने दी थी।
- अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलन किए।
- सत्य और अहिंसा के पुजारी थे बापू।
- बापू ने अनासक्ति योग का पालन किया।
- बापू ने लोगों को योग का महत्व समझाया।
योग से बदलेगा जीवन:
- सूक्ष्म व्यायाम
- यौगिक जॉगिंग
- ताड़ासन
- वृक्षासन
- सूर्य नमस्कार
- उष्ट्रासन
- भुजंगासन
- मर्कटासन
- पवन मुक्तासन
- मंडूकासन
प्राणायाम से अहिंसा का मंत्र:
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- भस्त्रिका
- भ्रामरी
- उज्जायी
- उद्गीथ
क्या है नैचुरोपैथी?
- कुदरती तरीके से जीने की कला।
- बिना दवा के रोगों का उपचार।
- लाइफ स्टाइल देखकर इलाज।
नैचुरोपैथी के तरीके:
- जल चिकित्सा
- सूर्य चिकित्सा
- वायु चिकित्सा
- मिट्टी चिकित्सा
- एक्यूप्रेशर
- योगाभ्यास
सर्दी-बुखार के लिए करें ये काम:
- आराम करें और नींबू पानी पिएं।
- बीमारी में सिर्फ लिक्विड डाइट लें।
ज्वॉइंट्स पेन के लिए करें ये काम:
- सरसों के तेल से मालिश करें।
- गर्म और ठंडे पानी से सिकाई करें।
चेस्ट इंफेक्शन में करें ये काम:
- इंफेक्शन से बचने के लिए कुंजल करें।
- बलगम उल्टी से बाहर निकल आता है।
- चेस्ट पर गुनगुने तेल से मालिश करें।
- गुनगुने पानी से हाथ और पैर धोएं।
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मिट्टी पट्टी:
- 6-8 फीट अंदर की मिट्टी लें।
- मिट्टी को 12-14 घंटे धूप में सुखाएं।
- पत्थर या गंदगी हो तो निकाल दें।
- कीचड़ बनाकर पूरे शरीर में लेप लगाएं।
- स्किन में मौजूद टॉक्सिन साफ होती है।
- पेट के हिस्से में लगाने से कब्ज दूर होता है।
सूक्ष्म व्यायाम के फायदे:
- ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करता है।
- शरीर में थकान नहीं होती है।
- ऊर्जा-स्फूर्ति का संचार करता है।
- शरीर में कई तरह के दर्द से राहत मिलती है।
- शरीर की मसल्स को मजबूत बनाता है।
- शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है।
मंडूकासन के फायदे:
- डायजेशन से जुड़े साइड इफेक्ट में कारगर है।
- फैटी लीवर की समस्या दूर होती है।
- ब्लड शुगर को कम करने में कारगर है।
- लिवर, किडनी को स्वस्थ रखता है।
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है।
- गैस-कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है।
भुजंगासन के फायदे:
- दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
- मजबूत लंग्स से सर्दी की बीमारी नहीं होती है।
- पेट से जुड़े रोगों में कारगर है।
- शरीर को सुंदर और स्लिम बनाता है।
- मोटापा कम करने में मदद करता है।
- फेफड़े, कंधे और सीने को स्ट्रेच करता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- आसन से लंग्स मजबूत होते हैं।
- ब्लड शुगर को कम करने में कारगर है।