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Hindi News हेल्थ कैल्शियम की कमी से हड्डियों पर ही नहीं दिमाग पर भी पड़ता है गहरा असर, हो जाती है ये गंभीर बीमारी

कैल्शियम की कमी से हड्डियों पर ही नहीं दिमाग पर भी पड़ता है गहरा असर, हो जाती है ये गंभीर बीमारी

शरीर में कैल्शियम की कमी से हड्डियां ही कमजोर नहीं होती हैं बल्कि लोग हाइपोकैल्सीमिया नामक दिमाग से जुड़ी बीमारी की चपेट में आने लगते हैं। चलिए जानते हैं आखिर क्या है हाइपोकैल्सीमिया और ये दिमाग पर कैसे असर डालती है?

Calcium deficiency- India TV Hindi Image Source : SOCIAL Calcium deficiency

आजकल की बदलती जीवनशैली में ज़्यादातर लोगों के शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगी है। इसके पीछे बिगड़ी हुई डाइट और विटामिन डी की कमी ज़िम्मेदार है। दरअसल, आपकी बेहतरीन डाइट और विटामिन डी मिलकर शरीर में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाते हैं। लेकिन, जब आप डाइट में विटामिन डी से भरपूर फूड्स का सेवन नहीं करते हैं तो शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है। इस कारण सिर्फ हड्डियां ही कमजोर नहीं होती हैं बल्कि लोग हाइपोकैल्सीमिया (hypocalcemia) नामक दिमाग से जुड़ी बीमारी की चपेट में आने लगते हैं। चलिए जानते हैं आखिर क्या है हाइपोकैल्सीमिया और ये दिमाग पर कैसे असर डालती है?

क्या है हाइपोकैल्सीमिया?

जब आपके खून में कैल्शियम का स्तर बहुत कम हो जाता है तब हाइपोकैल्सीमिया की स्थिति पैदा होती है। वैसे तो इस बीमारी के होने के पीछे कई अलग अलह कंडीशन भी होते हैं लेकिन यह ज़्यादातार शरीर में पैराथाइरॉइड हार्मोन (पीटीएच) या विटामिन डी के असामान्य स्तर के कारण होता है। इस वजह से शरीर के कई अंग भी प्रभावित होते हैं।

दिमाग को कैसे करती है प्रभावित:

शरीर में कैल्शियम कम होने के कारण थकान ज़्यादा होती है जिससे ऊर्जा की कमी और हमेशा सुस्ती महसूस होती है। इस वजह से नींद न आने की समस्या भी शुरू हो जाती है। जिस कारण लोगों में फोकस की कमी, भूलने की बीमारी और भ्रम की स्थिति होने लगती है। इस बीमारी की शुरुआत में कमर और पैरों की में ऐंठन और अकड़न आता है। धीरे धीरे समय के साथ, हाइपोकैल्सीमिया का असर दिमाग पर पड़ता है और उस कारण भ्रम, मेमोरी लॉस, याद न रहना, डेलिरियम, डिप्रेशन जैसी गंभीर कंडीशन का सामना करना पड़ता है।

ऐसे करें अपना बचाव:

हाइपोकैल्सीमिया से खुद को बचाने के लिए अपनी डाइट बेहतर कर विटामिन डी से भरपूर फूड्स का सेवन करें। डेयरी उत्पादों का सेवन करें जिनमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा आप हर 6 महीने पर कैल्शियम का टेस्ट करवाएं जो कि इसकी कमी से बचने के लिए बेहद जरूरी है।

 

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