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डॉक्टरों से जानिए आखिर क्यों कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लग रहा है इतना समय

डाक्टरों से जानें आखिर कोरोना वायरस की वैक्सीन आने में इतना वक्त क्यों लग रहा है। आखिर क्या है किसी वैक्सीन को मार्केट तक आने का प्रोसेस?

कोरोना वायरस को लेकर पूरी दूनिया बेहाल हो चुकी है। जहां देश में इस 3 मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही सरकार लोगों से अपील कर रही है कि घरों में रहें। जिससे इस संक्रमण की चैन को तोड़ा जा सके। देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। वहीं दूसरे ओर कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए लगाकार रिसर्च हो रही है। लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही इसकी वैक्सीन आ जाएगी और हमें इस महामारी से निजात मिलेगा। लेकिन समय के साथ ही इसकी वैक्सीन आने में देरी हो रही है। ऐसे में हर किसी के दिमाग में एक ही सवाल है कि आखिर वैक्सीन आने में इतना वक्त क्यों लग रहा हैं। इस सवाल का जवाब जानें इंडिया टीवी के खास शो में मौजूद डॉक्टरों से।

डॉक्टर सुरेंद्र पुरोहित के अनुसार वैक्सीन बनने में इसलिए समय लग रहा है क्योंकि हम जानना चाहते हैं कि यह सुरक्षित है कि नहीं। इसके साथ ही यह कोरोना वायरस से इफेक्टिव है कि नहीं। यह सब  टेस्टिंग करने में टाइम लगता है। इसलिए जल्दी से जल्दी अगर कहा तो कम से कम सालभर का समय लग सकता है।

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डॉक्टर कौशल वर्मा के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है। अभी तक जितनी चीजें सामने आई है वो इस वायरस के बारे में बहुत ही कम है।  अभी तक इसका बिहेवियर समझने में समय लग रहा है। ऐसे में वैक्सीन जल्दी आ जाए ऐसा तो संभव नहीं है।

जब कोई भी वैक्सीन आती है तो वह कई स्टेप से होकर निकलती है। पहले वैक्सीन बनता है। उसके बाद टेस्टिंग होती है। फिर उसके बाद किसी व्यक्ति पर टेस्टिंग की जाती है। फिर फील्ड ट्रायर्स किए जाते है। जिसके बाद देखा जाता है कि यह मार्केट में जाने लायक है कि नहीं। इसके बाद ही इसे लोगों पर इस्तेमाल की जाती है।  इसलिए एक से डेढ़ साल अधिकतम समय लग सकता है।

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