कोरोना की रैपिड टेस्टिंग किट फेल होने के पीछे क्या है कारण, जाने डॉक्टरों से
कोरोना के लिए रैपिड टेस्टिंग किट के रिजल्ट गलत क्यों आ रहे हैं? इस सवाल का जवाब जानें इंडिया टीवी के खास प्रोग्राम में मौजूद देश-दुनिया के फेमस डॉक्टरों से।
कोरोना संकट के बीच जहां एक तरफ भारत की टेस्टिंग क्षमताओं को लेकर कई सवाल उठे हैं। इसी बीच सरकार ने चीन, दक्षिण कोरिया जैसे देशों से रैपिड टेस्टिंग किट मंगा कर भारी मात्रा में टेस्ट करना शुरू कर दिया। लेकिन अब खबर आ रही हैं कि राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए जिस रैपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल किया था उस पर रोक लगा दी है। राज्य में रैपिड टेस्टिंग के लिए जिस किट का इस्तेमाल हो रहा है उसके लगभग 95 प्रतिशत रिजल्ट गलत आए हैं। राजस्थान में रैपिड टेस्टिंग के लिए लगभग 10000 किट मंगाई गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर टेस्ट करने में रिजल्ट गलत क्यों आ रहे हैं।
असल में रैपिड टेस्टिंग किट के रिजल्ट गलत क्यों आ रहे हैं? इस सवाल का जवाब जानें इंडिया टीवी के खास प्रोग्राम में मौजूद देश-दुनिया के फेमस डॉक्टरों से।
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डॉक्टर हर्ष महाजन का कहना हैं कि यह बहुत बड़ी प्रॉब्लम आ रही है। राजस्थान में इतनी बड़ी मात्रा में रिजल्ट गलत आना बहुत बड़ी बात है। दरअसल पूरी दुनिया इसे बनाने के पीछे भाग रही है। ऐसे में कहा जा सकता है कि इस किट को बनाते समय कोई समस्या हुई हो।
डॉक्टर संजीव चौके का इस बारे में कहना है कि रैपिड टेस्टिंग किट की मात्रा ज्यादा नहीं है लेकिन इसे हर देश में सप्लाई करना है। ऐसे में जब अधिक मात्रा में ये किट बन रही है तो यह ठीक ढंग से चेक नहीं हो पा रही हैं। शायद क्वालिटी या फिर सैपलिंग ठीक ढंग से नहीं हो पा रही हैं।
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रैपिड टेस्ट की पॉजिटिव और निगेटिव टेस्ट की बात की जाए तो ऐसे में वह कंफर्म नहीं आता है। खराब क्वालिटी की किट के कारण उसके ऊपर हम जो ब्लड सैंपल ले रहे हैं। हो सकता है उतनी मात्रा में वह चेक नहीं किया जा सकता हो।