जस्टिन बीबर की भूल को न दोहराए, स्वामी रामदेव से जानिए कैसे मजबूत होंगी हड्डियां और मांसपेशियां
स्वामी रामदेव के अनुसार स्ट्रक्चर इनबैलेंस के कारण 100 से अधिक बीमारियां होती है। इन्हें योग और प्राणायाम के द्वारा आसानी से मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं।
Highlights
- गरुड़ासन से पैर के मसल्स मजबूत होते हैं।
- तिर्यक ताड़ासन से रीढ़ की हड्डी की मालिश होती है।
जिंदगी भी बड़ी अजीब चीज है इंसान सोचता कुछ और है और हो कुछ और जाता है अब फेमस सिंगर जस्टिन बीबर को ही ले लीजिए। युवाओं के बीच काफी पॉपुलर जस्टिन बीबर वर्ल्ड टूर की तैयारी में थे। इंडिया में भी उनका कन्सर्ट होना था। लेकिन एक रेयर बीमारी से उनके आधे चेहरे पर पैरालिसिस हो गया है।
बता दें कि ये रेयर बीमारी 'रामसे हंट सिंड्रोम'(Ramsay Hunt syndrome) है। जो वायरल अटैक की वजह से होता है। नर्वस सिस्टम में प्रॉब्लम आने से मसल्स पर कंट्रोल कम हो जाता है।
वैसे ये बीमारी ज्यादातर युवाओं में होती है। लेकिन मसल्स से ही जुड़ी एक और परेशानी है जिसका पता यंग एज में चलता है। मतलब जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है हाथ,कमर के मसल्स डैमेज होने लगते हैं। करीब 9 साल की उम्र के बाद, लंग्स और हार्ट के मसल्स भी कमजोर होने लगते हैं और हार्ट फेल होने का रिस्क बढ़ जाता है।
दरअसल ये एक तरह की जेनेटिक डिजीज है और करीब 3 साल की उम्र में इसके लक्षण दिखने लगते हैं। जैसे -बच्चे का उठते हुए अचानक लड़खड़ाना, बार-बार गिरना, एड़ी उठाकर चलना। जिन बच्चों को ये बीमारी होती है उनके माता-पिता का जीवन इतना दर्दनाक होता है जिसकी कल्पना से भी सिहरन होती है। इसलिए समय रहते इलाज शुरु कर दें। शरीर की हर मांसपेशियां मजबूत बने इसके लिए जरूरी है कि रोजाना योग करे। स्वामी रामदेव के अनुसार स्ट्रक्चर इनबैलेंस के कारण 100 से अधिक बीमारियां होती है। इन्हें योग और प्राणायाम के द्वारा आसानी से मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं।
मांसपेशियां कमजोर होने का लक्षण- कमजोरी
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान अधिक होना
- ब्रीदिंग समस्या होना।
- थोड़ा चलने पर ही सांस फूलने लगना
- मस्कुलर डिस्ट्राफी
- मसल्स में सूजन
- खिंचाव और अकड़न
- बॉडी इम्बैलेंस
- न्यूरो संबंधी समस्या
- हार्ट संबंधी समस्या
ताड़ासन
- गठिया में बेहद कारगर
- दिल की बीमारी में कारगर आसन
- शरीर को लचीला बनाता है
- थकान, तनाव, चिंता दूर करता है
- पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
तिर्यक ताड़ासन
- रीढ़ की हड्डी की मालिश होती है
- वजन कम करने में करे मदद
- घुटने और पीठ दर्द में फायदेमंद
- पैर, जांघ, घुटनों को करें मजबूत
- शरीर के हर दर्द से दिलाए छुटकारा
- कब्ज की समस्या दूर करें
गरुड़ासन
- पैर के मसल्स मजबूत होते हैं
- दोनों घुटनों के बीच कैप होता है
- फ्लैट लेग की समस्या दूर होती है
- एकाग्रता में सुधार आता है
त्रिकोणासन
- शरीर बैलेंस होगा।
- गर्दन, पीठ को मजबूत बनाने में कारगर
- लंबाई बढ़ाने में कारगर
- पेट की चर्बी करने में मददगार
पश्चिमोत्तानासन
- त्वचा के रोग को दूर भगाता है
- एजिंग की रफ्तार धीमी होती है
- चेहरे पर तेज लाने में सहायक
- तनाव कम करने में मदद करता है
- पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है
- मोटापे से मुक्ति दिलाने में मददगार
- कमर दर्द में भी आराम मिलता है
गरुड़ासन
- पैर के मसल्स मजबूत होते हैं
- दोनों घुटनों के बीच कैप होता है
- फ्लैट लेग की समस्या दूर होती है
सूक्ष्म व्यायाम
- 100-100 बार करें
- बॉडी को एक्टिव करता है
- शरीर में थकान नहीं होती है
- कई तरह के दर्द से राहत
- ऊर्जा का संचार करता है
- शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है
मकरासन
- लंग्स मजबूत करता है
- तनाव दूर करता है
- पेट से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद
- कमर दर्द में आराम
भुजंगासन
- फेफड़ों, कंधों, सीनों को सेट्रेच करता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर होता है
- छाती चौड़ी होती है
- लिवर से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है
शलभासन
- फेफड़े सक्रिय होते हैं
- तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है
- खून को साफ करता है
- शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है
- हाथों और कंधों की मज़बूती बढ़ाता है
मर्कटासन
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है
- पीठ का दर्द दूर हो जाता है
- फेफड़ों के लिए फायदेमंद
- पेट संबंधी समस्या दूर होती है
- एकाग्रता बढ़ती है
- गुर्दे, अग्नाशय, लीवर सक्रिय होते हैं
उष्ट्रासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- मोटापा दूर करने में सहायक
- शरीर का पोश्चर सुधरता है
- पाचन प्रणाली को ठीक होती है
- टखने के दर्द को दूर भगाता है
- कंधों और पीठ को मजबूत करता है
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार
मंडूकासन
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- पेट और हृदय के लिए भी लाभकारी
- कंसंट्रेशन की क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र सही करने में सहायक
- लीवर, किडनी को स्वस्थ रखता है
- वजन घटाने में मदद करता है
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है
- डायबिटीज को रोकने में सहायक
- गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है
पवनमुक्तासन
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
- पेट की चर्बी को दूर करता है
- मोटापा कम करने में मददगार
- हृदय को सेहतमंद रखता है
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
- रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है
वक्रासन
- पेट पर पड़ने वाला दबाव फायदेमंद
- कैंसर की रोकथाम में बेहद कारगर
- पेट की कई समस्याओं में राहत
- पाचन क्रिया ठीक रहती है
- कब्ज को रोकने का रामबाण इलाज
गोमुखासन
- शरीर को बनाए मजबूत
- फेफड़ों को बनाए मजबूत
- शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाए
- रीढ़ की हड्डी मजबूत बनाए
मसल्स मजबूत रखने के लिए प्राणायाम
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- उज्जायी
- भ्रामरी
- उद्गीथ
- एमिनोग्रिड वटी पाउडर 100 ग्राम, वसंत कुस्माकर 10 ग्राम, 2-4 मोतिपिष्टी, प्रवाल पंचामृता 1- ग्राम,
- मोरिंगा और स्पूनिला खाने के बाद खाएं
- दूध, दही, सोयाबिन इसके साथ ही विटामिन बी12 के लिए कॉर्न खाएं।
- क्रैप्स की समस्य़ा से निजात पाने के लि चद्रप्रभा वटी का सेवन करे।
- चीनी का सेवन बिल्कुल भी ना खाएं। इसके अलावा गुड़, शहद का सेवन भी थोड़े दिन बंद कर दें। इससे मांसपेशियां संबंधी समस्या से निजात मिलेगा।