खराब लाइफस्टाइल के चलते शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। जिससे डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी पैदा होती है। डायबिटीज शरीर को अंदर से खोखला बना देती है। एक एक करके सारे अंगों पर बढ़ते शुगर लेवल का असर दिखने लगता है। इसलिए समय रहते अपने बढ़े हुए ब्लड शुगर को कंट्रोल कर लें। आयुर्वेज में ऐसी कई दवाएं और घरेलू उपचार हैं जिससे शुगर की बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। वहीं आयुर्वेदिक पद्धति पंचकर्म भी डायबिटीज के मरीज के लिए असरदार साबित होती है। पंचकर्म से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
भोपाल स्थित पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद कालेज में डायबिटीज को लेकर कई रिसर्च किए जा रहे हैं जिसमें मधुमेह पर पंचकर्म और आयुर्वेदिक औषधियों का असर जानने के लिए करीब 1050 मरीजों पर एक रिसर्च किया जा रहा है। रिसर्च में सामने आ रहे शुरुआती नतीजों को लेकर डाक्टर्स काफी उत्साहित हैं। कहा जा रहा है कि रोगियों का शुगर लेवल 350 था उनका शुगर लेवल पंचकर्म के बाद 200 तक आ गया। कुछ लोगों में ये असर एक सप्ताह में नजर आया तो वहीं कुछ में 15 दिन में ही ये बदलाव देखने को मिला। ये रिसर्च केंद्रीय आयुष मंत्रालय करवा रहा है। इस रिसर्च को पूरा होने में करीब 1 साल का समय और लगेगा।
क्या है पंचकर्म?
पंचकर्म में वमन- उल्टी कराना, विरेचन- दस्त कराना, अनुवासन वस्ति- इसमें अलग अलग तेल का इस्तेमाल एनिमा की तरह किया जाता है, निरूह वस्ति- काढ़ा पिलाकर दस्त कराया जाता है और नस्य कर्म- नाक में औषधियां डाली जाती हैं। इससे शरीर में जमा सारी गंदगी साफ हो जाती है। सारे अंग अपना काम ठीक से करने लगते हैं।
डायबिटीज का आयुर्वेदिक इलाज
रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों का एचबीए 1 सी 10 से कम है, उन्हें ही रिसर्च में शामिल किया है। जिससे उनकी हेल्थ को लेकर कोई रिस्क न हो। अभी 1 महीने में अलग-अलग समय में अस्पताल में जो लोग भर्ती हुए उसमें से 10 मरीजों को पंचकर्म और दवा देने के बाद 8 मरीज का एचबीए 1 सी 10 से 6 पर आ गया। वहीं कुछ का एचबीए । सी 13 से 6-7 आ गया। इसमें मरीजों पर पंचकर्म के साथ औषधियां, सिर्फ औषधियां और तीसरे को सिर्फ डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव कर रिसर्च किया जाएगा।
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