अलग-अलग शिफ्ट में काम करते हैं तो हो सकते हैं एबनॉर्मल स्लीप पैटर्न्स के शिकार, स्वामी रामदेव ने बताया कैसे नुकसानों से बचें
एबनॉर्मल स्लीप पैटर्न्स की वजह से आपके फेफड़ों को भी नुकसान (Irregular sleep patterns side effects) हो सकता है। क्यों और कैसे, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
क्या आप भी रात 2 बजे तक ऑफिस से जुड़े कामों को लेकर रणनीति बनाते हैंप्रोजेक्ट की डेडलाइन अधूरे टास्क और मीटिंग में हुई बहस के बारे में सोचते हैं या फिर अलग-अलग शिफ्ट में काम करते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है ! रोचेस्टर यूनिवर्सिटी की लेटेस्ट स्टडी के मुताबिक ऐसे लोगों की सेहत पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। आप सही सुन रहे हैं, अब ये भी जान लीजिए कि आप डेंजर जोन में कैसे आते हैं। दरअसल हमारे शरीर में एक बायोलॉजिकल क्लॉक होती है जो हमें बताती है कब खाना है। कब सोना है, लेकिन जब ये रुटीन हम बिगाड़ते हैं तो इसका बुरा असर सेहत पर दिखता है। अब एक ताजा रिसर्च के मुताबिक एबनॉर्मल स्लीप पैटर्न्स का सीधा असर फेफड़ों पर होता है जिसकी वजह से Pulmonary fibrosis की परेशानी शुरु होती है। मतलब ये कि लंग्स के सेल्स डैमेज होने लगते हैं, फेफड़े सख्त होने से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
और फिर शरीर में ऑक्सीजन का लेवल घटने लगता है, जिससे एंग्जायटी अटैक आते हैं। फेफड़े की कई दूसरी परेशानियां शुरु हो जाती है। वैसे, लॉन्ग कोविड की वजह से भीज्यादातर लोग Pulmonary fibrosis से परेशान हैं आज भी 100 में से 90 लोगों के लंग्स पर..कोरोना का साइड इफेक्ट बना हुआ है और ये लंग्स फाइब्रोसिस कितना जानलेवा है..इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक फाइब्रोसिस के 15% मरीज पल्मोनरी हाइपरटेंशन की गिरफ्त में आ गए हैं। मतलब ये कि लंग्स में खून की सप्लाई करने वाले वेसेल्स पर ब्लड का प्रेशर हाई हो जाता है जिसका असर हार्ट पर पड़ता है...यानि हार्ट फेलियर का रिस्क भी बढ़ जाता है। तो चलिए योग की सुरक्षा में चलते हैं। शरीर की घड़ी को भी ठीक करते हैं..और लंग्स को भी फौलादी बनाते हैं।
मॉनसून में एलर्जी
नाक बंद
चेस्ट कंजेशन
बार-बार छींकें
आंखें लाल होना
बदन पर रैशेज
वायरल बुखार
इनडाइजेशन
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मॉनसून में बचकर
रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर
लंग्स में इंफेक्शन
सांस नली में सिकुड़न
चेस्ट में जकड़न-भारीपन
सांस लेने में दिक्कत
रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर
लंग्स में इंफेक्शन
सांस नली में सिकुड़न
चेस्ट में जकड़न-भारीपन
सांस लेने में दिक्कत
जुकाम से बचें
गर्म चीज़ें पीएं-खाएं
गुनगुना पानी ही पीएं
नमक डालकर गरारे करें
नाक में अणु तेल डालें
कारगर काढ़ा
अदरक
लौंग
दालचीनी
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अस्थमा में आराम
सोते वक्त तलवों पर
गर्म सरसों तेल लगाएं
नाभि में सरसों
तेल डालें
नाक में सरसों
तेल डालें