Intermittent Fasting: भरपेट खाना खाकर भी घटाएं तेजी से वजन, जानिए कैसे करें इंटरमिटेंट फास्टिंग
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसी डाइट हैं जिसमें व्रत एक तरीके से किया जाता है। इस डाइट को फॉलो करने से आपका वजन तो कम होगा ही इसके साथ कई खतरनाक बीमारियों से बच सकते हैं।
आज के समय में वजन घटाने के लिए कई तरह की डाइट्स का ट्रेंड चल रहा है। इन्हीं में से एक है इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) । यह एक तरह का व्रत रखने का तरीका है। आमतौर पर वजन घटाने के लिए सलाह दी जाती हैं कि आपको व्रत नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपका वेट तेजी से बढ़ सकता है। लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसी डाइट हैं जिसमें व्रत एक तरीके से किया जाता है। इस डाइट को फॉलो करने से आपका वजन तो कम होगा ही इसके साथ-साथ ब्लड प्रेशर,कैंसर, तनाव, अल्जाइमर से छुटकारा मिलने के साथ-साथ दिल भी हेल्दी रहेगा। जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है। इसे कैसे फॉलो करे।
क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसी डाइट है जिसमें व्रत के साथ-साथ खाने का एक अलग तरीका है। इस व्रत का एक निर्धारित समय होता है। जिसे कोई भी व्यक्ति अपने सुविधानुसार फॉलो कर सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के समय ध्यान रखें ये बातें
इस फॉस्टिंग में कैलोरी वाली चीजों का सेवन पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है। इसके साथ ही अधिक से अधिक पानी का सेवन करे। जिससे आपका शरीर हमेशा हाइड्रेट रहे। आप पानी के अलाया नारियल पानी जैसे ड्रिंक भी पी सकते हैं। उपवास तोड़ने के बाद हल्की चीजों का सेवन करे। लगातार इंटरमिटेंट फास्टिंग करने की आदत न डाले। अगर आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या हैं तो इस फॉस्टिंग को न करे।उपवास के दौरान जंक, फास्ट फूड से दूर रहे। इंटरमिटेंट फास्टिंग की शुरुआत करने से पहले डॉक्टर या फिर डायटिशियन से सलाह जरूर लें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार और तरीका
16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग
यह इंटरमिटेंट फास्टिंग का सबसे ज्यादा चर्चित मानी जाती हैं। इसमें पुरुषों को 16 घंटे और महिलाओं को 14-15 घंटे का उपवास करना होता है और 8 घंटे का वक्त खाने के लिए रखा जाता है । उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 12 बजे अपना पहला भोजन करता हैं तो वह अपना आखिरी भोजन 8 बजे तक कर लेगा। इसका मतलब आप 16 घंटे का व्रत रखते हैं। कई लोगों के लिए ब्रेकफास्ट स्किप करना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में वह पानी, कॉफी या फिर ऐसी चीज का थोड़ी मात्रा में सेवन कर सकते हैं जिसमें कैलोरी जीरो हो। इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आपको जिस समय भोजन करना है। उसमें आप हेल्दी खाना खाएं।
रोजाना करे गुलकंद का सेवन, अनिद्रा, कब्ज के अलावा इन बीमारियों से मिलेगा छुटकारा
5/2 डाइट
इस डाइट में सप्ताह में 5 दिन नॉर्मल खाना खाया जाता है। वहीं बचे हुए 2 दिनों में 500-600 कैलोरी कर ही खा सकते हैं। इस डाइट को फास्ट डाइट के नाम से जाना जाता है। उदाहरण के लिए अगर आप सोमवार से लेकर गुरुवार तक नॉर्मल खाना खाते हैं। तो शुक्रवार से रविवार तक आप 2 छोटे मील 250-250 कैलोरी के महिलाएं ले सकती हैं। वहीं पुरुष 300 कैलोरी तक ले सकते हैं।
हर दूसरे दिन का उपवास
इस डाइट में आपको हर दूसरे दिन व्रत रखना होगा। अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग की शुरुआत कर रहे हैं तो यह आपके लिए सबसे बेस्ट है। इसके लिए आप पहले दिन नॉर्मल खाएं और दूसरे दिन व्रत रखें। इसी तरह तीसरी दिन नॉर्मल खाएं और चौथे दिव व्रत रखें। अगर आपको व्रत के दौरा अधिक भूख लग रही हैं तो 100 कैलोरी तक कुछ खा सकते हैं।
30 दिन में करीब 10 किलो वजन बढ़ाने में कारगर होगा ये आयुर्वेदिक Diet Chart, स्वामी रामदेव से जानिए
वॉरियर डाइट
इस डाइट में पूरे दिन में कच्चे फल और सब्जियों का सेवन किया जाता है। इसके साथ ही एक बार ज्यादा खाना खाया जाता है। उदाहरण के लिए, आप सुबह से दोपहर 12 बजे तक फल और सब्जियों का सेवन करे। इसके बाद 4 बजे हैवी मील लें और उसके बाद उपवास रखें। इसमें अधिक से अधिक प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन किया जाता है।
भोजन स्किप करना
इंटरमिटेंट फास्टिंग का यह डाइट प्लान भी काफी पॉपुलर है। इसमें सप्ताह में 2 बार एक बार का खाना स्किप करना होता है। उदाहरण के लिए, आप पहले दिन तीनों समय का खाना खा रहे हैं तो दूसरे दिन ब्रेकफास्ट न करे। इसकी तरह पांचवे दिन डिनर न करे।
इंटरमिटेंट फास्टिंग कब नहीं करनी चाहिए
- अगर आपका वजन ज्यादा नहीं है तो इस उपवास को फॉलो न करे।
- गर्भवती और ब्रेस्टफीडिंग करने वाली महिलाएं इस डाइट को फॉलो न करे।
- बच्चे इस उपवास को न करे
- अगर कोई व्यक्ति ब्लड प्रेशर, हार्ट संबंधी या फिर ब्लड शुगर की दवा ले रहा हैं तो इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।