भारत में सबसे ज्यादा डाइबिटीज के मरीज हैं, ये एक ऐसी बीमारी है जो एक बार हो गई तो आप को जिंदगी भर इसका असर झेलना पड़ता है। लेकिन एक ऐसा पौधा है जिसकी पत्तियां चबाकर आप काफी हद तक अपना शुगर कंट्रोल कर सकते हैं। तभी इस पौधे को इंसुलिन पौधा बुलाया जाता है। इंसुलिन प्लांट्स का आयुर्वेद में काफी महत्व है। इसका वैज्ञानिक नाम कोक्टस पिक्टस है। इसे क्रेप अदरक, केमुक, कुए, कीकंद, कुमुल, पकरमुला और पुष्करमूला जैसे नामों से भी जाना जाता है। इसकी पत्तियों का टेस्ट खट्ट होता है, इसका सेवन करके ब्लड शुगर कंट्रोल किया जाता है।
सिर्फ शुगर ही नहीं खांसी, जुकाम, स्किन इंफेक्शन, आंखों का इंफेक्शन, फेफड़ों की बीमारियां, दमा, गर्भाशय संकुचन, दस्त, कब्ज आदि बीमारियों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
इंसुलनि के पौधे की दो पत्तियों को पीसकर एक गिलास पानी में घोलकर सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने पर डाइबिटीज की बीमारी से राहत मिलती है।
हिमालयी क्षेत्रों में इसकी खेती होती है, भारत समेत कई अन्य देशों में इस पौधे को लेकर शोध चल रहे हैं। इसकी जैव प्रौद्योगिकी नर्सरी भी तैयार की जा रही है।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।
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