कोरोना वायरस: लॉकडाउन में हो रहे हैं चिंता और तनाव का शिकार? डॉक्टरों और मनोवैज्ञानिकों ने दिया जवाब
देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया गया है।
देश में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मृतकों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में इस घातक महामारी को रोकने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में अगर आप घर बैठे-बैठे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं? पति-पत्नी के झगड़े बढ़ने लगे हैं? आपको अपना ही घर काटने को दौड़ रहा है? बच्चों से समय नहीं बीत रहा है? ऐसी बहुत-सी समस्याएं हैं, जिनसे अगर आप भी जूझ रहे हैं तो हम आपकी 'बैचेनी के वायरस' का इलाज कर रहे हैं।
इंडिया टीवी के खास प्रोग्राम में आज चिंता और तनाव से संबंधी सवालों का जवाब मशहूर डॉक्टर्स और मनोवैज्ञानिकों डॉक्टर प्रशांत भिमानी, डॉक्टर कविता अरोड़ा और डॉक्टर नितिन एन नागर ने दिया। जानें इस हालात में खुद को कोरोना वायरस और लॉकडाउन के दौरान होने वाली घबराहट को कैसे दूर करना है...
सवाल: बच्चे पूरे दिन टीवी देखते हैं, एक मां को क्या करना चाहिए?
जवाब: सीनियर मनोवैज्ञानिक डॉक्टर प्रशांत भिमानी ने कहा, 'ये बच्चों के पास बिताने का क्वालिटी समय है। एक रुटीन बनाएं। उनके साथ किताब-कॉपी लेकर बैठ जाएं। अगर वो टीवी देख रहे हैं तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन क्या देख रहे हैं, वो जरूरी है। खुद सोशल मीडिया पर कम वक्त बिताएं, ताकि बच्चे भी टीवी से दूर रहें। क्रिएटिव और रुचिकर गेम खेलें।' वहीं, डॉक्टर कविता अरोड़ा ने कहा, 'ये बच्चों की जिंदगी में बड़ा बदलाव है, वो बाहर जाकर खेलते थे, इसलिए वो घर पर नहीं रह पा रहे हैं। इसलिए उनके साथ ज्यादा वक्त बिताएं।'
सवाल: बच्चे गेम से बोर हो चुके हैं और झगड़ा करते हैं, क्या करना चाहिए?
जवाब: डॉक्टर कविता अरोड़ा ने कहा, 'इस समय टीम वर्क होना चाहिए। इसे एक मौके की तरह लेना चाहिए। जिद की वजह से बच्चे परेशान होने लगते हैं, इसलिए उनसे बातचीत करें। उनके साथ बैठकर एक रुटीन बनाएं। बच्चों को एक जिम्मेदारी का अहसास कराएं।' फैमिली एक्सपर्ट नितिन एन नागर ने कहा, 'किसी भी सूरत में झगड़ा नहीं करना है। माता-पिता को घर में तनाव का माहौल नहीं होने देना चाहिए।'
सवाल: मन में बैठ गया है कोरोना वायरस से मरने का डर?
जवाब: डॉक्टर भिमानी ने कहा, 'चिंता सिर्फ जानकारी की वजह से है। घर में ऐसा माहौल बना दिया है कि कोरोना की वजह से प्रलय आ गया है और सब खत्म हो जाएगा। अगर बड़ों के अंदर चिंता और तनाव होगा तो बच्चों के मन में यही सवाल आएगा। बच्चों को बताएं कि क्या सही है और क्या गलत है।' वहीं, डॉक्टर कविता ने कहा, 'सबसे पहले बच्चों की पूरी बात सुनें और फिर उसका सही जवाब दें। उनको बताएं कि अगर आप हाथ धोएंगे, बाहर नहीं जाएंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कुछ नहीं होगा। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए घर पर ही एक्सरसाइज करें।'
सवाल: दोस्तों के साथ बाहर घूमने का मन करता है?
जवाब: डॉक्टर नितिन एन नागर ने कहा, 'आज कोरोना के बहाने आपको कई मौके मिल रहे हैं। आप ज्यादा से ज्यादा दोस्तों से बातचीत कर सकते हैं, जोकि पहले कम समय के कारण नहीं कर पाते थे।' डॉक्टर कविता ने कहा, 'खुद से दोस्ती करने का सही समय है।' डॉक्टर प्रशांत ने कहा, 'पहले खुद स्वीकार करें कि ये स्थिति है तो है। अगर आप दिमाग से अकेलापन शब्द निकाल देंगे तो आप परेशान नहीं होंगे। अच्छी बात ये है कि ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड अपने घरवालों को रिलेशनशिप के बारे में बता सकते हैं।'
सवाल: डॉक्टरों पर अटैक करने वाले लोगों की कैसी सोच है?
जवाब: डॉक्टर प्रशांत ने कहा, 'इन लोगों को बहुत ज्यादा समझाने की जरूरत है। धार्मिक नेताओं को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।' डॉक्टर कविता ने कहा, 'डर की वजह से ऐसा हो रहा है। इसलिए लोगों को समझाने की जरूरत है।' डॉक्टर नागर ने कहा, 'राष्ट्रीय व्यवहार समझने की जरूरत है। खुद के बर्ताव छोड़कर सिर्फ राष्ट्रहित का व्यवहार करना चाहिए। चाहे वो किसी भी धर्म या संप्रदाय के हों।'
सवाल: क्या लॉकडाउन लोग मोबाइल और टीवी के सहारे रहेंगे?
जवाब: डॉक्टर प्रशांत ने कहा, 'लोग पहले भी टीवी और मोबाइल का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब कोरोना वायरस की वजह से ज्यादा देख रहे हैं। अगर आप खबरों को देखकर परेशान हो रहे हैं तो आपको ये समझने की जरूरत है कि कौन-सी खबर देखनी है और कौन-सी नहीं।'
सवाल: दिन में सो रहा हूं, रात में नहीं आती नींद?
जवाब: डॉक्टर नितिन एन नागर ने कहा, 'सोने से एनर्जी आती है, इसलिए सही टाइम पर सोएं। घर पर ही एक्सरसाइज करें। घर के काम करें।' डॉक्टर कविता अरोड़ा ने कहा, 'अगर आपने सुबह-शाम टहलने की वजह से क्लॉक बना रखा था, तो उसे रि-सेट कीजिए। ये समय का बदलाव है।'
सवाल: बच्चों और वाइफ के टीवी देखने से खुद बोर हो रहे हैं?
जवाब: डॉक्टर प्रशांत ने कहा, 'आप कुछ ऐसा शो देखें, जो सबको पसंद आए। एक-दूसरे से बात करें कि इस समय क्या देखना अच्छा है या क्रिएटिव है। घर में अच्छी तरह से डेमोक्रेसी होनी चाहिए। सबको अपनी बात रखने का हक है।'
सवाल: गुस्सा आने पर घर में रहना पड़ता है? वाइफ बहुत ज्यादा हाथ धो रही है?
जवाब: डॉक्टर नितिन एन नागर ने कहा, 'अगर आपको घर में रहकर गुस्सा आ रहा है तो बात को टालने की कोशिश करें।' डॉक्टर कविता ने कहा 'इस तरह का डिसऑर्डर बहुत लोगों में देखने को मिल रहा है। इसलिए तुरंत मनोवैज्ञानिक को कंस्ल्ट करें। इसका इलाज जरूर कराएं। डॉक्टर प्रशांत ने कहा, 'घर में रहने से अगर पति-पत्नी के बीच झगड़े बढ़ रहे हैं तो ये समझना चाहिए कि हम सब एक जैसे ही हैं। सबमें कमियां और अच्छाईयां होती हैं।'