पत्थरचट्टा के फायदे: पथरचट्टा एल्कलॉइड्स, फ्लेवोनोइड्स , ग्लाइकोसाइड्स, कार्डिएनोलाइड्स और स्टेरॉयड जैसे बायोएक्टिव गुणों से भरपूर है। इनके पत्तों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कि शरीर को कई बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं। तो, आज हम जानेंगे उन बीमारियों के बारे में जिनमें पथरचट्टा का सेवन फायदेमंद है। साथ ही जानेंगे पत्थरचट्टा के पत्ते कैसे खाएं।
पत्थरचट्टा कौन-कौन सी बीमारी में काम आता है?
गठिया में फायदेमंद है पत्थरचट्टा
पथरचट्टा में सूजन-रोधी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं। परिणाम से पता चला कि पथरचट्टा के तने का अर्क दर्द और सूजन को कम कर सकता है। खासकर कि हड्डियों से जुड़ी समस्याएं जैसे कि गठिया और जोड़ों के दर्द में पथरचट्टा का सेवन फायदेमंद है।
पथरी में फायदेमंद है पथरचट्टा
गुर्दे की पथरी कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल से बनी होती है। पथरचट्टा पौधे का सैपोनिन कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल को तोड़ सकता है। ये पथरियों को पानी के साथ फ्लश ऑउट करने में मदद करता है और फिर किडनी को स्वस्थ रखने में मददगार है।
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डायबिटीज में पथरचट्टा
पथरचट्टा का उपयोग डायबिटीज मेलेटस के मामले में किया जा सकता है। पथरचट्टा में फिनाइल एल्काइल ईथर नामक बायोएक्टिव कंपाउंड होता है जो कि इंसुलिन के प्रोडक्शन को उत्तेजित कर सकता है, जिससे शुगर का स्तर और कम हो सकता है।
पत्थरचट्टा के पत्ते कैसे खाएं?
पत्थरचट्टा के पत्तों को उबाल लें और इसमें नमक मिला लें और फिर इसके रस को छान लें। फिर इसे एक कप में डालें और आराम से बैठकर इसका सेवन करें। इसके अलावा आप इनकी पत्तियों को पीसकर इनका अर्क निकालकर भी इनका सेवन कर सकते हैं। इस प्रकार से पत्थरचट्टा के पत्तों का सेवन सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है।
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