हर छोटी बीमारी में लेते हैं Antibiotics तो संभल जाएं, बाबा रामदेव से जानें क्या है बेहतरीन विकल्प?
जिन लोगों को एंटीबायोटिक लेने की आदत है वो आज से बल्कि अभी से अपनी ये आदत छोड़ दें वरना इसके कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं। बाबा रामदेव से जाने नेचुरोपैथी और योग से खुद को कैसे हेल्दी बनाएं?
जिन लोगों को बात बात पर एंटीबायोटिक लेने की आदत है जो ज़रा ज़रा सी तकलीफ पर गोली खाते हैं वो आज से बल्कि अभी से अपनी ये आदत छोड़ दें वरना एक वक्त आएगा जब लोग बीमार तो होंगे लेकिन एंटीबायोटिक दवाएं काम नहीं आएंगी उनका असर खत्म हो जाएगा। ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक तो निमोनिया टाइफाइड और ब्लड इंफेक्शन जैसी घातक बीमारियों में एंटीबायोटिक्स से फायदा नहीं मिल रहा हैं। इसी वजह से डॉक्टर्स,साइंटिस्ट्स खौफज़दा हैं उन्हें लग रहा है कि यही हाल रहा तो दुनिया 80-90 साल पहले की स्टेज में यानि प्री एंटीबायोटिक युग में ना पहुंच जाएं। प्री एंटीबायोटिक युग मतलब वो वक्त जब बैक्टीरिया, इंफेक्शन के लिए एंटीबायोटिक मेडिसिन का ईजाद नहीं हुआ था। एक्सपर्ट्स कह रहे हैं जिस तरह लोग आम खांसी, ज़ुकाम में बिना सोच समझे एंटीबायोटिक खा लेते हैं उससे अगले 20-25 साल में संक्रमण होने पर एंटीबायोटिक बेअसर हो जाएंगी।
W.H.O की एक बेहद डराने वाली रिसर्च बताती है कि एंटी बायोटिक दवाओं के गलत इस्तेमाल से इंसानियत के सामने 'एंटी माइक्रो-बियल रेजिस्टेंस'किसी भी महामारी से बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है। एंटी माइक्रो-बियल रेजिस्टेंस' यानि AMR की वजह से दुनिया में हर साल 50 लाख से ज़्यादा मौत होती हैं जो अगले 25 साल में बढ़कर 4 करोड़ के करीब हो जाएंगी। AMR जब एंटीबायोटिक से लगातार किसी बैक्टीरिया का इलाज किया जाता है तो वो बैक्टीरिया इस मेडिसिन के खिलाफ इम्यूनिटी डेवलप कर लेता है और वायरस का इलाज मुश्किल या नामुमकिन हो जाता है इसी को एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस कहते हैं। ऐसे में ट्रीटमेंट तो होता नहीं उल्टे एंटीबायोटिक ज़्यादा लेने से लिवर-किडनी पर खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में लोग सवाल करते हैं कि तबीयत खराब होने पर दवा ना खाएं तो क्या करें। दवा तो खाइए लेकिन उसे आदत मत बनाइए हर छोटे-मोटे मर्ज़ में गोली मत निगलिए। नेचुरोपैथी अपनाइए और योग करके खुद को हेल्दी बनाइए। फिर ना बीमार पड़ेंगे।और ना दवा खाएंगे
प्राकृतिक चिकित्सा - भारत की विरासत
- क्षिति-मिट्टी
- जल-पानी
- पावक-आग
- गगन-खाली जगह
- समीर-हवा
भारत में नेचुरोपैथी -
- यूरोप से भारत में वापसी
- बापू नेचुरोपैथी के मुरीद
- भारत में बनाया पॉपुलर
क्या है नेचुरोपैथी?
- कुदरती तरीके से जीने की कला
- बिना दवा के रोगों का उपचार
- लाइफ स्टाइल देखकर इलाज
नेचुरोपैथी के तरीके
- जल चिकित्सा
- सूर्य चिकित्सा
- वायु चिकित्सा
- मिट्टी चिकित्सा
- एक्यूप्रेशर
- योग-व्रत
नेचुरोपैथी में उपाय - सर्दी-बुखार
- आराम करें
- नींबू पानी पीएं
- लिक्विड डाइट लें
नेचुरोपैथी में उपाय - ज्वाइंट्स पेन
- सरसों तेल से मालिश
- गर्म-ठंडे पानी से सिकाई
नेचुरोपैथी में उपाय - चेस्ट इन्फेक्शन
- कुंजल क्रिया - बलगम बाहर निकल आता है
- चेस्ट पर - गुनगुने तेल से मालिश करें
- गुनगुने पानी से हाथ और पैर को धोएं
नेचुरोपैथी में उपाय - मड थेरेपी
- 6-8 फीट अंदर की मिट्टी लें
- मिट्टी को 12-14 घंटे धूप में सुखाएं
- पत्थर या गंदगी हो तो निकाल दें
- कीचड़ बनाकर पूरे शरीर में लेप लें
- शरीर में मिट्टी लेप से नर्व्स को आराम
- स्किन में मौजूद टॉक्सिन दूर होते हैं
- पेट के हिस्से में लगाने से कब्ज दूर