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ICMR की टेस्टिंग में पास हुआ पुरुषों का गर्भ निरोधक इंजेक्शन, जानें कैसे करता है काम

ICMR Male Contraceptive: पुरुषों के लिए पहला भारतीय गर्भनिरोधक इंजेक्शन आ गया है। खास बात ये है कि इस इंजेक्शन से 99 प्रतिशत प्रेग्नेंसी रोकी जा सकती है। जानते हैं कैसे करता है काम और पूरी रिसर्च।

ICMR Male Contraceptive - India TV Hindi Image Source : SOCIAL ICMR Male Contraceptive

ICMR Male Contraceptive: पुरुषों के लिए पहली भारतीय गर्भ निरोधक इंजेक्शन आ गई है। जी हां, खुद इंडियन कौन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने अपनी रिसर्च के बाद इसे पास किया है। खास बात ये है कि इस इंजेक्शन को लेना आसान है और ये काफी प्रभावी है। आईसीएमआर की इस रिसर्च की मानें तो ये इंजेक्शन प्रेगनेंसी को रोकने में 99% तक प्रभावी है।  इसके अलावा भी इसे लेकर आईसीएमआर की रिपोर्ट में काफी कुछ है। जानते हैं इस बारे में विस्तार से। उससे पहले जान लेते हैं क्या है ये इंजेक्शन।

7 सालों के शोध के बाद आया Risug इंजेक्शन 

पुरुष गर्भ निरोधक RISUG का सफलतापूर्वक परीक्षण करने में आईसीएमआर को 7 साल लग गए।  आईसीएमआर ने इसके रिसर्च के लिए 303 स्वस्थ शादीशुदा पुरुष को ये इंजेक्शन दिया और 7 साल के फॉलोअप के बाद ये निष्कर्ष निकाला। दरअसल, ये इंजेक्शन नॉन हार्मोनल इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक ( Non hormonal injectable male contraceptive) है। ये रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म (RISUG) सुरक्षित और प्रभावकारी है। इस रिसर्च को इंटरनेशनल ओपन एक्सेस जर्नल एंड्रोलॉजी ( journal Andrology) में प्रकाशित किया गया है।

प्रेगनेंसी रोकने में 99% प्रभावी है ये इंजेक्शन

अध्ययन से पता चला है कि प्रेगनेंसी रोकने में ये इंजेक्शन लगभग 99.02% तक प्रभावी रहा। खास बात ये थे कि एक भी मामले में प्रेगनेंसी की बात सामने नहीं आई। न ही लोगों को कोई भी साइड इफेक्ट हुआ। इसके अलावा यह कान्ट्रासेप्टिव 13 साल तक काम कर सकता है। यानी कि एक बार इंजेक्शन लगवाने के बाद ये 13 साल तक काम करता रहेगा।

Image Source : socialHow does RISUG prevent pregnancy

कैसे काम करता है ये गर्भनिरोधक इंजेक्शन? 

हर टेस्टिकल में स्पर्म डक्ट होता है और यहीं से पेनिस तक स्पर्म पहुंचता है। इस इंजेक्शन को स्पर्म डक्ट में इंजेक्ट किया जाता है। RISUG को एक के बाद एक, दोनों स्पर्म डक्ट्स में इंजेक्ट किया जाता है। इंजेक्शन वाली जगह पर लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है। इंजेक्शन लगने के बाद पॉजिटिव चार्ज वाले स्पर्म, डक्ट की दीवारों से चिपक जाते हैं। जब ये निगेटिव चार्ज्ड स्पर्म के संपर्क में आता है तो नष्ट हो जाता है। इससे ये अंडे को फर्टिलाइज नहीं कर पाता और प्रेगनेंसी को रोका जाता सकता है। 

Source: International open access journal Andrology

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