आ गया इस औषधीय फूल का मौसम! हाई यूरिक एसिड के मरीज बिना देरी करें इस्तेमाल
हाई यूरिक एसिड में हरसिंगार: यूरिक एसिड की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में हरसिंगार का फूल जो कि कई औषधियों गुणों से भरपूर है, इस समस्या में कैसे काम आ सकता है। जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
हाई यूरिक एसिड में हरसिंगार: ये मौसम हरसिंगार के फूलों का है। इन दिनों आपको ये फूल पेड़ों पर लदे हुए नजर आएंगे। दरअसल,इन फूलों में कई औषधीय गुण होते हैं जिसकी वजह से आयुर्वेद में इसे व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। आज हम हाई यूरिक एसिड के मरीजों के लिए इन फूलों के इस्तेमाल को लेकर बात करेंगे। दरअसल, इन फूलों में लैक्सेटिव गुण है। एंटी इंफ्लेमेटरी गुण है और ये हड्डियों की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। लेकिन, यूरिक एसिड बढ़ (Harsingar for high uric acid) जाने पर आप इसका कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। इन्हें इस्तेमाल करने के फायदे क्या हैं, जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार से।
हाई यूरिक एसिड में हरसिंगार के फूलों के फायदे-Harsingar ke fayde for high uric acid in hindi
1. प्यूरिन पचाने में मददगार है हरसिंगार
जब यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो, सबसे पहले हमें इनके कारणों पर काम करना चाहिए। जैसे कि आप प्यूरिन पचाने के लिए हरसिंगार का इस्तेमाल कर सकते हैं। हरसिंगार में रेचक गुण है यानी कि ये हड्डियों के बीच जमा प्यूरिन की पथरियों को अपने साथ चिपकाकर बाहर निकालने के साथ प्यूरिन मेटाबोलिज्म को भी तेज करने में मददगार है। इससे प्यूरिन शरीर में जमा नहीं होता, हड्डियों के बीच गैप पैदा नहीं करता है और इस समस्या में कमी लाने में मदद करता है।
2. जोड़ों के बीच सूजन को कम करता है
जोड़ों के बीच सूजन को कम करने में हरसिंगार के फूल आपकी मदद कर सकते हैं। दरअसल, इस पेड़ के फूड और पत्ते दोनों ही एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हैं और जोड़ों के बीच सूजन और दर्द को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इस तरह से गाउट की समस्या में भी कारगर तरीके से काम करते हैं।
हाई यूरिक एसिड में कैसे करें इसका इस्तेमाल
हाई यूरिक एसिड में आप इसका कई प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे कि आप इसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं या फिर आप इसके लेप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। तो, आपको करना ये है कि हरसिंगार के फूलों को इसकी 2 पत्तियों के साथ मिलाकर पानी में उबाल लें। अब इस पानी को छान लें और इसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें। इसके अलावा आप इसे पीसकर लेप बनाकर सूजन और दर्द वाली जगह पर भी लगा सकते हैं।