यूरिक एसिड सभी की बॉडी में होता है लेकिन इसके बढ़ने से इंसान का चलना फिरना भी मुश्कल हो जाता है। नेचुरली हमारी किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर कर बाहर निकाल देती है लेकिन जब इसकी मात्रा शरीर में बढ़ जाती है तो ये क्रिस्टल के रूप में हमारे जोड़ों में जमा हो जाता है। जिससे जोड़ों में सूजन, लालिमा और दर्द की समस्या बढ़ जाती है। लंबे समय तक बढ़ा हुआ यूरिक एसिड गाउट जैसी हेल्थ प्रोब्लम का कारण बनता है। ऐसे में आप कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं।
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेद में गोखरू को असरदार जड़ी बूटी माना गया है। हफ्तेभर गोखरू का इस्तेमाल करने से यूरिक एसिड के दर्द को कम किया जा सकता है। इसके अलावा प्यूरीन से भरपूर आहार डाइट में कम कर दें। जैसे ज्यादा प्रोटीन वाली सब्जियां, रेड मीट, ऑर्गन मीट, बीयर जैसी चीजों से दूरी बना लें। इन चीजों से सेवन से शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे दर्द तेज हो जाता है।
बिना दवा के कैसे कंट्रोल करें यूरिक एसिड
बाबा रामदेव यूरिक एसिड को कंट्रोल करने का रामबाण इलाज मानते हैं गोखरू का पानी। गोखरू एक कांटेदार रूखड़ी यानि खरपतवार होता है जिसे कई आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। बाबा रामदेव की मानें तो गोखरू का पानी पीने से बिना दवाई के ही यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है। आयुर्वेद के मुताबिक गोखरू एक ऐसा हर्ब है जो तेजी से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करता है।
यूरिक एसिड में फायदेमंद जड़ी-बूटी है गोखरू
आयुर्वेद के मुताबिक गोखरू में यूरिक एसिड कंट्रोल करने वाले कई गुण पाए जाते हैं इसमें पोटैशियम, विटामिन सी, कैल्शियम, फ्लेवोनोइड, प्रोटीन और नाइट्रेट होता है। जिससे किडनी का फंक्शन बेहतर होता है और इसके मूत्रवर्धक गुण शरीर में जमा प्यूरीन को पेशाब के जरिए बाहर निकाल देते हैं।
यूरिक एसिड में कैसे करें गोखरू का इस्तेमाल?
जिन लोगों का यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है वो गोखरू का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप गोखरू का पानी पी सकते हैं। गोखरू को पानी में भिगो दें और सुबह इस पानी को छानकर पी लें। आप चाहें तो गोखरू के पाउडर में पिसी सोंठ, मेथी और अश्वगंधा बराबर मिला कर भी खा सकते हैं। इस पाउडर को सुबह शाम खाएं।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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