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Hindi News हेल्थ यूरिक एसिड में प्यूरीन को निकाल फेंक बाहर करता है ये हरा पान का पत्ता, जानिए कैसे करें इस्तेमाल

यूरिक एसिड में प्यूरीन को निकाल फेंक बाहर करता है ये हरा पान का पत्ता, जानिए कैसे करें इस्तेमाल

Paan Patta In Uric Acid: यूरिक एसिड को खान-पान से काफी कंट्रोल किया जा सकता है। हाई एसिड के मरीज के लिए पान का पत्ता बहुत फायदेमंद साबित होता है। इससे सूजन में आराम मिलता है जानिए पान के पत्ते का कैसे करें इस्तेमाल?

यूरिक एसिड में पान का पत्ता- India TV Hindi Image Source : FREEPIK यूरिक एसिड में पान का पत्ता

आयुर्वेद में पान के पत्ते को दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। हरे रंग के पान के पत्ते में कई औषधिय गुण पाए जाते हैं। पूजा-पाठ से लेकर कई बीमारियों को ठीक करने के लिए पान के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है। यूरिक एसिड के मरीज के लिए भी पान का पत्ता फायदेमंद साबित होता है। पान के पत्तों से यूरिक एसिड की समस्या को काफी कंट्रोल किया जा सकता है। आइये जानते हैं हाई यूरिक एसिड के मरीज को कैसे इस्तेमाल करना चाहिए पान का पत्ता और इससे क्या फायदा मिलता है?

यूरिक एसिड में पान का पत्ता कैसे इस्तेमाल करें?

यूरिक एसिड के मरीज पान के पत्ते को उबालकर पी सकते हैं। इसके लिए पान करीब 2 कप पानी लें और उसमें 2-4 पान की ताजा पत्ते डाल दें। अब इसे उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो छानकर पी लें।
आप चाहें तो पान के पत्तों को पीसकर इसका रस निकाल लें और इसे आधा कप गुनगुने पानी में मिलाकर पी लें। इससे आपको काफी फायदा होगा। पान के पत्ते को धोकर ऐसे ही पान की तरह चबाकर भी खा सकते हैं। इससे पत्ते के अंदर का रस शरीर में जाएगा और आपको यूरिक एसिड में फायदा होगा।

पान के पत्ते खाने के फायदे?

  • यूरिक एसिड को कंट्रोल करे- पान के पत्तों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो आपकी किडनी को बेहतर बनाते हैं। इससे किडनी फंक्शन में सुधार आता है और शरीर से यूरिक एसिड बाहर निकल जाता है। ये प्राकृतिक मूत्रवर्धक का काम करते हैं जिससे यूरिन के जरिए शरीर में जमा यूरिक एसिड भी बाहर हो जाता है। 

  • सूजन कम करे- पान के पत्तों से सूजन को कम करने में मदद मिलती है। पान में पॉलीफेनोल्स और कई बायोएक्टिव कम्पाउंड होते हैं जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। इससे सूजन की समस्या कम होती है। शरीर में सूजन बढ़ने से यूरिक एसिड बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है। पान से गठिया को भी कम किया जा सकता है।

  • विटामिन ए और सी से भरपूर- पान के पत्ते में विटामिन ए और विटामिन सी पाया जाता है। इसके अलावा पान के पत्ते में एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं जो त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। पान के पत्तों का सेवन शरीर की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाते हैं और यूरिक एसिड को कम करते हैं।

  • पाचन और मेटाबॉलिज्म मजबूत- पाचन में सुधार लाने और मेटाबॉलिज्म को तेज बनाने के लिए खासतौर से पान के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे पाचन तंत्र बेहतर होता है और खाना सही तरह से शरीर को लगता है। ये सारे गुण यूरिक एसिड को काबू करने में भी मदद करते हैं।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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