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Hindi News हेल्थ स्कूल जाने वाले बच्चों को हीट स्ट्रोक से कैसे बचाएं? जानिए गर्मी और लू में कैसे रखें ख्याल?

स्कूल जाने वाले बच्चों को हीट स्ट्रोक से कैसे बचाएं? जानिए गर्मी और लू में कैसे रखें ख्याल?

Protect Children Form Heat Stroke: पारा हर दिन आसमान छू रहा है। मई में बच्चों के स्कूल खुले रहते हैं। ऐसे में बच्चों को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए कुछ खास बातों का ख्याल रखना जरूरी है। आइये जानते हैं बच्चों को स्कूल या घर बाहर भेजते वक्त किन बातों का ध्यान रखें?

Heat Stroke - India TV Hindi Image Source : FREEPIK Heat Stroke

मई का महीना आते ही तापमान आसमान छूने लगता है। तेज धूप और गर्मी से बचाव करना सभी के लिए बहुत जरूरी है। खासतौर से छोटे बच्चों को बहुत जल्दी लू लगती है। इसलिए बच्चों को धूप और हीट स्ट्रोक से बचाकर रखना चाहिए। बच्चों के स्कूल मई में खुले रहते हैं। जब तपती गर्मी में स्कूल से बच्चे घर आते हैं तो चेहरा एकदम मुरझाया सा लगता है। इसी वक्त बच्चों तो लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। अस्पलातों में भी ऐसे केस बढ़ जाते हैं जब बच्चों को हाई फीवर, डायरिया या डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो 10 से 15 साल के बच्चे हीट स्ट्रोक के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। बच्चों में हीट स्ट्रोक का खतरा बड़ों से काफी ज्यादा रहता है। बच्चों को बड़ों के मुकाबले कम पसीना आता है। जिससे बच्चे गर्मी में जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं। 

बच्चों में हीट स्ट्रोक के लक्षण

हाई फीवर आना
न्यूरोलॉजिकल समस्या
हार्टबीट का बढ़ना
सिर में दर्द होना
उल्टी और दस्त होना
डिहाइड्रेशन होना
त्वचा लाल और रूखी होना

बच्चों में हीट स्ट्रोक के कारण

जो बच्चे लगातार तेज धूप में रहते हैं उन्हें हीट स्ट्रोक का खतरा रहता है। अगर बच्चे एकदम एसी या कूलर से बाहर आते हैं, तो बीमार पड़ सकते हैं। कुछ बच्चे पानी कम पीते हैं उन्हें लू लगने या डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। खासतौर से गर्मी में स्कूल जाने वाले बच्चों में हीट स्ट्रोक का खतरा पैदा होता है। ऐसे में बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखें।

हीट स्ट्रोक होने पर क्या करें

शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी के अनुसार अगर बच्चा हीट स्ट्रोक का शिकार हो गया है, तो सबसे पहले बच्चे को ठंडे पानी से नहला दें। आप चाहें तो बच्चे के शरीर पर आइस पैक भी लगा सकते हैं। बच्चो को तुरंत आराम पहुंचाने के लिए गीली तौलिया उसके हाथ, पैर और सिर पर रख दें। बच्चे को हवादार जगह पर बिठाएं और उसे पानी पिलाते रहें। दिनभर में ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं।

हीट स्ट्रोक से बच्चों को कैसे बचाएं?

बच्चे के साथ पानी की बोतल हमेशा रखें।
जब भी धूप में बच्चा बाहर निकले तो सिर को कवर कर दें।
बच्चों को छाता या कैप लगातर बाहर भेजें।
हल्का खाना बच्चों को खिलाते रहें और भूखे न रहने दें।
बच्चों को फ्रेश फ्रूट्, जूस या नींबू पानी पिलाएं
समय-समय पर बच्चों को ग्लूकोन डी या ओआरएस पिलाएं
कोशिश करें कि बच्चों को धूप और गर्मी में घर में ही रखें
धूप में खलने या स्पोर्ट्स एक्टिविटी करने से बचाएं
बच्चों को खूब पानी पिलाएं और हाइड्रेट रखें
गर्मी में बच्चों को हल्के और सूती कपड़े पहनाएं
बच्चों को बासी और बाहर का खाना न खिलाएं

अगर हीट स्ट्रोक के लक्षण है या बच्चे को तेज बुखार है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। कई बार घरेलू उपाय या आपकी देरी से समस्या ज्यादा गंभीर हो सकती है। इससे बच्चे के दिमाग में बुखार चढ़ सकता है। 

 

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