धीरे-धीरे ही सही ,मौसम सर्द होने लगा है। पहले तो सुबह-शाम ही महसूस होती थी। लेकिन अब तो दिन में भी ठंड लगने लगी है, इस बार मौसम विभाग का अनुमान एकदम सटीक जा रहा है और ऐसा हुआ तो क्रिसमस तक कड़ाके की ठंड पड़ने लगेगी। हजारों मील दूर से प्रवासी पक्षी भी आने लगे हैं। दिल्ली और दिल्ली से जुड़े इलाकों में विदेशी पक्षियों के झुंड दिखाई देने लगे हैं। ये मेहमान परिंदे पूरी सर्दी भारत में रहेंगे और मौसम बदलने के साथ अपने वतन लौट जाएंगे। वैसे एक और चीज है जो सर्दी बढ़ने के साथ कॉमन हो जाती है वो है सर्दी, खांसी, अस्थमा, निमोनिया और बीपी-शुगर का इम्बैलेंस होना और ये मैं इसलिए याद दिला रही हूं कि मौसम का मजा तभी ले पाएंगे विंटर ब्रेक में परिवार के साथ सेंचुरी और जंगल सफारी तभी कर पाएंगे जब आप सीजनल प्रॉब्लम से बचे रहेंगे।
जिन मौसमी परेशानियों का वो जिक्र कर रहे हैं वो कई ऐसी दिक्कत देती है जिससे पूरी सर्दी दर्द में बितानी पड़ जाती है अब मामूली सी खांसी को ही ले लीजिए जो कई बार ऐसी आफत बनती है कि रुकने का नाम नहीं लेती और फिर इसका असर पेट, पीठ, चेस्ट, हर जगह दिखता है। ठीक बात, ज्यादा जोर से खांसने पर कई बार शरीर के इंटरनल ऑर्गन अपनी जगह से हिल जाते हैं और अपनी कैविटी से बाहर निकल आते हैं नतीजा शरीर के ऊपर छोटे-छोटे बबल नजर आते हैं और भयंकर दर्द होने लगता है। चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। इसे हर्निया की बीमारी कहते हैं। एकदम ठीक। आप भी अब लक्षण सुनकर बीमारी का अंदाजा लगा लेती है तो चलिए आज हर्निया से कैसे बचें, ये योगगुरु स्वामी रामदेव से जानते हैं।
हर्निया में कारगर योग
मंडूकासन
शशकासन
वक्रासन
गोमुखासन
हर्निया में प्राणायाम
धीरे-धीरे करें
अनुलोम विलोम
कपालभाति
भस्त्रिका
हर्निया में कारगर काढ़ा
अमरुद का पत्ता
आम का पत्ता
पुनर्नवा
भूमि आंवला
मकोय
आंवला
बहेड़ा
हरड
हर्निया में रामबाण
व्हीट ग्रास
एलोवेरा
लौकी का जूस
हर्निया में रामबाण
अजवाइन का अर्क
पुदीने का रस
सेब का सिरका
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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