आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी बूटियां हैं जिनका इस्तेमाल कर आप कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोक सकते हैं। ये आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, सूजन घटाने, बॉडी को डिटॉक्स करने, फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करती हैं। इसके लिए आंवला से लेकर अश्वगंधा तक और हल्दी से लेकर दालचीनी तक कई चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। आइये जानते हैं कैंसर की रोकथाम करने में मददगार साबित होने वाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां कौन सी है और इनका क्या फायदा है?
अश्वगंधा- आयुर्वेद में अश्वगंधा का उपयोग एक जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। अश्वगंधा तनाव को कम करता है। इसमें पाए जाने वाले गुण शरीर में आई सूजन को कम करते हैं। भले ही अश्वगंधा को कैंसर के खतरे को कम करने में कोई ठोस रिसर्च नहीं है, लेकिन ये इम्यूनिटी बढ़ाने और शरीर में बढ़ रही सेल्स की ग्रोथ को कम करने में मदद करता है।
आंवला- विटामिन सी से भरपूर आंवला सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आंवला का सेवन करने से शरीर फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचता है। आंवला प्रोइन्फ्लेमेटरी कोशिकाओं की सक्रियता को कम कर सकता है। जिससे ट्यूमर या कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। आपको आंवला का सेवन जरूर करना चाहिए।
हल्दी- मसाले में इस्तेमाल होने वाली हल्दी का उपयोग सूजन घटाने से लेकर कई दूसरी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। कई रिसर्च में ये सामने आ चुका है कि हल्दी में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करने और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मददगार साबित होते हैं।
गिलोय- आयुर्वेदिक चिकित्सा में गिलोय का इस्तेमाल इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए किया जाता है। गिलोय का सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। इसके अलावा, यह ट्यूमर के विकास को रोक सकता है, और मेटास्टेसिस के जोखिम को कम कर सकता है। हालांकि सीधे कैंसर में असरदार है या नहीं इसे लेकर शोध किए जा रहे हैं।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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