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Hindi News हेल्थ अर्थराइटिस की समस्या से बचने के लिए अपना लें ये तरीके, बढ़ती उम्र में आसपास भी नहीं भटकेगी ये दर्दनाक बीमारी

अर्थराइटिस की समस्या से बचने के लिए अपना लें ये तरीके, बढ़ती उम्र में आसपास भी नहीं भटकेगी ये दर्दनाक बीमारी

बढ़ती उम्र के साथ-साथ अर्थराइटिस का खतरा भी बढ़ता जाता है। अगर आप भी इस दर्दनाक बीमारी का शिकार बनने से बचना चाहते हैं तो कुछ टिप्स को फॉलो करना शुरू कर दीजिए।

How to reduce the risk of Arthritis?- India TV Hindi Image Source : FREEPIK How to reduce the risk of Arthritis?

अर्थराइटिस यानी गठिया एक दर्दनाक बीमारी है। इस बीमारी को अक्सर बढ़ती उम्र के लोगों के साथ जोड़कर देखा जाता है। अगर आप भी अपने बुढ़ापे में इस बीमारी की चपेट में आने से खुद को बचाना चाहते हैं तो आपको अपनी जवानी से ही कुछ बातों पर गौर करना चाहिए। सबसे पहले आपको एक हेल्दी लाइफस्टाइल और बैलेंस्ड डाइट प्लान पर फोकस करना चाहिए। आइए जानते हैं कि आप किस तरीके से इस बीमारी के खतरे को कम कर सकते हैं।

कंट्रोल करें वेट

बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता हुआ वजन अर्थराइटिस के खतरे को बढ़ा सकता है। इस बीमारी से बचने के लिए आपको एक हेल्दी वेट को मेंटेन करना चाहिए। इसका मतलब ये है कि आपका वेट आपकी हाइट और उम्र के हिसाब से ज्यादा नहीं होना चाहिए। गठिया की समस्या से बचने के लिए आपको रेगुलरली एक्सरसाइज करनी चाहिए जिससे आप मोटापे से खुद को दूर रख पाएं।

तनाव लेने से बचें

अगर आप छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेना बंद नहीं करते हैं, तो आप जाने-अनजाने में गठिया जैसी दर्दनाक बीमारी को आमंत्रित कर रहे हैं। तनाव कम करने के लिए आप मेडिटेशन की मदद ले सकते हैं। अगर आप बढ़ती उम्र में अर्थराइटिस की चपेट में आने से बचना चाहते हैं तो आपको तनाव से दूरी बना लेनी चाहिए।

रूटीन में शामिल करें योग

जॉइंट्स को फ्लेक्सिबल बनाए रखने के लिए आपको अपने डेली रूटीन में योग को जरूर शामिल कर लेना चाहिए। योग की मदद से आप अपनी बोन हेल्थ को मजबूत बना सकते हैं। यकीन मानिए हर रोज योग करने से अर्थराइटिस के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

स्मोकिंग से करें परहेज

स्मोकिंग की आदत गठिया के खतरे को बढ़ा सकती है। अगर आप वाकई में इस दर्दनाक बीमारी का शिकार नहीं बनना चाहते हैं, तो आपको स्मोकिंग को हमेशा के लिए अलविदा कह देना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्मोकिंग बंद कर देने से इस दर्दनाक बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है।

 

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