खराब लाइफस्टाइल के कारण हार्ट से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही है। खासतौर से 30 साल के बाद हार्ट से जुड़ी बीमारियां युवाओं में भी उभरने लगी हैं। हार्ट में ब्लॉकेज का कारण हाई कोलेस्ट्रॉल को माना जाता है। जिससे आर्टरी में ब्लॉकेज आने लगती है। खराब कोलेस्ट्रॉल धमनियों की दीवारों पर जाकर चिपक जाता है। जिससे हार्ट तक खून और ऑक्सीजन पहुंचने में परेशानी पैदा होती है। इसे एक्वायर्ड हार्ट ब्लॉकेज (acquired heart blockage) कहते हैं। ये स्थिति हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार होती है। खून के थक्के बनने से दिल का दौरा पड़ता है। इसे एक्यूट मायोकार्डियल इंफार्कशन कहा जाता है। हालांकि हार्ट में ब्लॉकेज का कारण जन्मजात भी हो सकता है। जिसे कॉन्जेनिटल हार्ट ब्लॉकेज (Congenital heart blockage) कहते हैं। हार्ट में ब्लॉकेज होने पर कुछ घरेलू आयुर्वेदिक उपाय असरदार साबित होते हैं। आचार्य बालकृष्ण की मानें तो आपकी रसोई में भी ऐसे कई मसाले मौजूद हैं जो हार्ट की ब्लॉकेज को खोलने का काम करते हैं। जानिए हार्ट ब्लॉकेज को कैसे कम करें?
हार्ट ब्लॉकेज खोलने के लिए क्या करें?
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दालचीनी- दालचीना का सेवन करने से बैड कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। दालचीनी हार्ट को मजबूती देने का काम करती है। इसमें ओक्सिडाइजिंग तत्व पाए जाते हैं जो सांसों की तकलीफ को दूर करते हैं। इसलिए दालचीनी को डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं। ये हार्ट अटैक के खतरे को कम करती है।
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हल्दी- बंद धमनियों को खोलने में हल्दी भी असरदार काम करती है। हल्दी में करक्यूमिन होता है। हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं जो खून को जमने में रोकते हैं। हल्दी के सेवन से सूजन कम होती है। इसे हार्ट की ब्लॉकेज को भी कम किया जा सकता है। हल्दी वाला दूध पीने से कई बीमारियां भी दूर होती हैं।
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लाल मिर्च- आजकल लोगों ने डाइट से लाल मिर्च को एकदम से आउट कर दिया है। जबकि लाल मिर्च में मौजूद कैप्सेसिन नामक तत्व बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। लाल मिर्च खाने से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। जिससे धमनियों की रुकावट कम होती है और ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार आता है। लाल मिर्च का सेवन हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है।
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इलायची- खाने का स्वाद बढ़ाने वाली और अच्छी खुशबू के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इलायची भी बड़ी फायदेमंद है। इलायची खाने से खराब कोलेस्ट्रोल कम होता है। इलायची के सेवन से खून में फाइब्रिनोलिटिक गतिविधि बढ़ती है। जो खून को थक्का बनने से रोकती है और हार्ट ब्लॉकेज को कम करती है।
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