ओमिक्रॉन के खतरे के बीच कैसे रखें लंग्स को स्वस्थ? जानिए स्वामी रामदेव से अचूक उपाय और योगासन
ओमिक्रॉन के इंफेक्शन का असर सबसे ज्यादा रेस्पिरेटरी ट्रैक के ऊपरी हिस्सों में होता है, जिससे लंग्स भी डैमेज हो रहे हैं।
Highlights
- 95 परसेंट लोगों को वैक्सीन की सिंगल डोज ले चुके हैं लेकिन कोरोना बढ़ता जा रहा है।
- ओमिक्रॉन का संक्रमण फेफड़ों को भी डैमेज कर रहा है।
- ओमिक्रॉन उन्हें भी परेशान कर रहा है जो अन्य रोगों के कॉम्प्लिकेशन से गुजर रहे हैं।
देश में कोरोना की तीसरी लहर अब बेकाबू होने लगी है। 11 ही दिन में इंफेक्शन के मामले हर रोज बढ़ कर अब एक लाख से ज्यादा आने लगे हैं। जबकि पहली लहर में रोजाना एक लाख का आंकड़ा छूने में 119 दिन लग गये थे, तो दूसरी लहर में ये नंबर 45 दिन में जाकर एक लाख तक पहुंचा था।
ओमिक्रॉन की वजह से भारत समेत अमेरिका, यूरोप में कंडीशन सीरियस हो चुकी है। अमेरिका में लोगों को हॉस्पिटल में जगह नहीं मिल रही है। 100 परसेंट मरीज वेंटिलेटर इस्तेमाल में हैं, वहीं भारत में भी हॉस्पिटल में भीड़ बढ़ने लगी है। ये हालात तब हैं जब देश के 95 परसेंट लोग वैक्सीन की सिंगल डोज ले चुके हैं।
ऐसे में कफ आना, गला सूखना, बुखार, सिरदर्द थकान को मामूली सीजनल प्रॉब्लम समझने की भूल ना करें, ये ओमिक्रॉन इंफेक्शन के लक्षण हैं। जो इंफेक्शन के तीसरे दिन से ही दिखने लगते हैं। ओमिक्रॉन के इंफेक्शन का असर सबसे ज्यादा रेस्पिरेटरी ट्रैक के ऊपरी हिस्सों में होता है, लेकिन इससे लंग्स भी डैमेज हो रहे हैं। ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच कैसे रखें लंग्स को स्वस्थ? जानिए स्वामी रामदेव से उपाय और अचूक योगासन।
फेफड़ों के रोग- COPD
- सिस्टिक फ्राइब्रोसिस
- अस्थमा
- ब्रोंकाइटिस
- निमोनिया
खतरे में फेफड़े
- लंग्स कैंसर के 25 फीसदी मरीज
- पॉल्यूशन सबसे बड़ी वजह
- हर साल 12 लाख मौत
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लंग्स बनाएं हेल्दी
- रोज प्राणायाम करें
- गर्म पानी पिएं
- पानी में तुलसी उबालकर पिएं।
- ठंडा पानी न लें
- दही-छाछ न खाएं
- तले-भुने खाने से बचें
- रोज शंख बजाएं।
- गुब्बारे फुलाएं
- मोमबत्ती बुझाएं
- दोनों हाथ खोलकर हंसे
सांसों के लिए सुपरफूड
- हल्दी
- अदरक
- विटामिन-सी वाले फल
- अलसी
- अखरोट
- गुड़
- टमाटर
- पालक
- लहसुन
लंग्स बनेंगे मजबूत
- श्वसारि खाली पेट दो गोली सुबह-शाम लें
- अस्थमा के लिए स्वर्ण बसंत मालती लें
- कच्ची हल्दी को दूध में पकाएं
- हल्दी दूध में शिलाजीत मिलाएं
- रोजाना हल्दी दूध पीना फायदेमंद
श्वसारि के फायदे: कफ को बाहर निकालने में कारगर। गले में आई खराश को दूर करता है। सांस नली में सूजन खत्म करता है। निमोनिया रोग में फायदेमंद। लंग्स में इंफेक्शन को दूर करता है।
इम्युनिटी के लिए:
- एलोवेरा जूस
- गिलोय जूस
- श्वासारि क्वाथ
- अश्वशिला
- च्यवनप्राश
- शहद
सूर्य नमस्कार के फायदे
- इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग करता है।
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक
- वजन घटाने में मददगार
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र बेहतर होगा है
- शरीर को ऊर्जा मिलती है
- फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है
दंड बैठक के फायदे
- मसल्स को मजबूत बनाता है
- मोटापे को दूर भगाता है
- वजन को नियंत्रण में रखता है
- पैरों और जांघों को मजबूती मिलती है
उष्ट्रासन के फायदे
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- मोटापा दूर करने में सहायक
- शरीर का पोश्चर सुधरता है
- पाचन प्रणाली ठीक होती है
- टखने के दर्द को दूर भगाता है
मंडूकासन के फायदे
- डायबिटीज को दूर करता है
- पेट और दिल के लिए लाभकारी
- पाचन तंत्र सही होता है
भुजंगासन के फायदे
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है
- तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर करता है
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है
- फेफड़ों, कंधों और सीने को स्ट्रेच करता है
मकरासन के फायदे
- लंग्स मजबूत करता है
- कमर दर्द में आराम मिलता है
- तनाव दूर होता है
- पेट से जुड़ी परेशानी में फायदेमंद
गोमुखासन के फायदे
- फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है
- पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- शरीर को लचकदार बनाता है
- सीने को चौड़ा करने में सहायक
- शरीर के पॉश्चर को सुधारता है
रोजाना करें योग
- सूर्य नमस्कार
- उष्ट्रासन
- भुजंगासन
- चक्रासन
- अर्धचक्रासन
- शलभासन
- धनुरासन
- गोमुखासन
- सर्वांगासन
- उत्तानपादासन
कारगर प्राणायाम
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- भस्त्रिका
- भ्रामरी
- उज्जायी
- उद्गीथ
भस्त्रिका के फायदे: लंग्स क्लियर करता है। तनाव और चिंता दूर होती है। वजन घटाने के लिए बहुत कारगर है। दिल को स्वस्थ रखने में सहायक। अस्थमा के रोग को दूर करता है।
अनुलोम विलोम के फायदे: बॉडी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। तनाव और चिंता दूर होती है। वजन घटाने में बेहद कारगर। दिल को स्वस्थ रखने में सहायक। अस्थमा के रोग दूर करता है।
कपालभाति के फायदे: पेट के लिए बेहद कारगर प्राणायाम। सांस लेने में आसानी होती है। नर्व मजबूत बनते हैं। शरीर के ब्लड फ्लो में सुधार होता है।