बवासीर यानि पाइल्स की समस्या खराब खान-पान के कारण तेजी से बढ़ने लगी है। बवासीर में मलाशय के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है। जिससे मल त्यागने में परेशानी होने लगती है। कई बार गंभीर दर्द और खुजली से लोग परेशान हो जाते हैं। अगर समय पर इलाज न कराया जाए तो बवासीर का समस्या गंभीर रूप ले सकती है। बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए आप कई घरेलू उपाय और नुस्खे भी अपना सकते हैं। आयुर्वेद में ऐसी कई चीजें है जिनके इस्तेमाल से बवासीर की समस्या खत्म हो सकती है। बवासीर में पान के पत्ते को असरदार माना जाता है। इससे प्रभावी तरीके से बवासीर का इलाज किया जा सकता है। जानिए पान के पत्ते का बवासीर में कैसे इस्तेमाल करें?
बवासीर में फायदेमंद पान का पत्ता
आयुर्वेद में पान के पत्ते को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए पान के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है। आचार्य बाल श्री बालकृष्ण की मानें तो पान के पत्ते की तासीर गर्म होती है, जो पाचन को दुरुस्त करने में मदद करता है। इससे मल पास होने में आसानी होती है। पान का पत्ता बवासीर में सूजन को कम करता है और पेट को ठंडा रखता है। इससे कब्ज की समस्या में तुरंत राहत मिलती है।
बवासीर में कैसे करें पान के पत्ते का इस्तेमाल?
पान के पत्ते का पानी- बवासीर को खत्म करने के लिए आप पान के पत्तों का पानी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए किसी पैन में 1 गिलास पानी डालें और उसमें 3-4 पान के पत्ते डाल दें। पानी में उबाल आने दें और जब पानी उबलकर आधा रह जाए तो इसे छानकर हल्का ठंडा होने पर पी लें। इससे बवासीर के लक्षणों में कमी आएगी और समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी।
पान का पेस्ट लगाएं- बवासीर के मरीज पान के पत्तों को सूजन वाली जगह पर लगा भी सकते हैं। इसके लिए पान के पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें। प्रभावित जगह पर पत्तों का लेप लगाकर छोड़ दें। दिन में 1-2 बार इस पेस्ट को लगा सकते हैं। इससे काफी हद तक आपसी समस्या दूर हो जाएगी।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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