ये योगासन तोड़ेंगे बीमारियों की चेन, स्वामी रामदेव से जानिए जेनेटिक डिजीज को बच्चों तक फैलने से रोकने का तरीका
बीमारियों की फैमिली चेन को तोड़ा भी जा सकता है। इसलिए अगर माता-पिता योग करेंगे तो ना तो बच्चों में जेनेटिक बीमारियां जाएंगी, बल्कि रोजाना योग के संकल्प से वो ताउम्र निरोगी भी बने रहेंगे।
कहते हैं दुनिया में दो ही लोग बगैर कुछ कहे मन की हर एक बात को समझ सकते हैं और वो होते हैं मां और पिता। हर माता-पिता बच्चों को आगे बढ़ाने, उन्हें अच्छे संस्कार देने की हर मुमकिन कोशिश हमेशा करते रहते हैं। इसलिए घर को बच्चों का पहला स्कूल कहा जाता है। मां-बाप को पहला शिक्षक कहा जाता है, लेकिन अगर हम आपसे कहें कि वो जाने-अनजाने अच्छे संस्कारों के साथ-साथ बच्चों को विरासत में बीमारियां भी दे सकते हैं तो आप हैरान जरूर होंगे।
हम बात कर रहे हैं जेनेटिक यानि हेरेडिटरी डिजीज की, जिनसे बचना बहुत जरूरी है वर्ना वो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे चलती रहती है और परिवार के दूसरे लोगों को अपना शिकार बनाती रहती है। दरअसल हमारा शरीर सेल्स से मिलकर बना होता है और हर सेल में 46 क्रोमोसोम होते हैं। ये क्रोमोसोम डीएनए, आरएनए और प्रोटीन से बने होते हैं। सीधे शब्दों में कहे तो ये क्रोमोसोम ही हैं, जो अलग-अलग कैरेक्टर्स को पैरेंट्स से बच्चों में लेकर आते हैं। चाहे वो रंग हो, रूप हो या फिर बीमारियां हो।
मां-बाप चाहकर भी इन चीजों को रोक नहीं पाते हैं, लेकिन ये चीजें कैसे रुकेंगी, आज हम ये आपको बताएंगे। इसीलिए इनको जेनेटिक बीमारी कहा जाता है। कई हेरेडिटरी बीमारियां ऐसे होती हैं, जिनका कोई इलाज भी नहीं होता। मां-बाप बेबस होते हैं कि उनसे ये बीमारी उनके बच्चों तक जाती है। लेकिन डायबिटीज, हाइपरटेंशन , हाईकोलेस्ट्रॉल, थायरॉइड, अस्थमा, स्किन की जो बीमारियां हैं और अर्थराइटिस का इलाज मुमकिन है। ये ठीक हो सकते हैं। इनको ठीक किया जा सकता है और इनसे बचा भी जा सकता है।
साइंस यानि रिसर्च की माने तो योग और मेडिटेशन से डीएनए के रिक्रिएशन को रिवर्स किया जा सकता है। बहुत चमत्कारी लगता है, लेकिन ये पॉसिबल है। बीमारियों की फैमिली चेन को तोड़ा भी जा सकता है। इसलिए अगर माता-पिता योग करेंगे तो ना तो बच्चों में जेनेटिक बीमारियां जाएंगी, बल्कि रोजाना योग के संकल्प से वो ताउम्र निरोगी भी बने रहेंगे। पैरेंट्स डे पर योग की इसी ताकत को हम तक स्वामी रामदेव ने पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि खानदानी बीमारियों के लिए पांच आसन करना बेहद जरूरी है।
अगर किसी को डायबिटीज होने की संभावना है तो योगमुद्रासन, मंडूकासन, वक्रासन, गोमुखासान और उत्तानपादासन जरूर करें। जिन लोगों को जेनेटिक बीपी की बीमारी है, वे लौकी का जूस पिएं। भ्रामरी और अनुलोम विलोम सहित अन्य प्राणायाम करें।
जेनेटिक बीमारियां
DNA से बने होते हैं क्रोमोसोम
जीन के रूप में मौजूद होता है डीएनए
क्रोमोसोम में गड़बड़ी से होते हैं रोग
37 ट्रिलियन सेल से मिलकर बनता है शरीर
हर सेल में 46 क्रोमोसोम होते हैं।
कैसे होते हैं जेनेटिक रोग?
शरीर में अरबों सेल होते हैं।
हर सेल में 46 क्रोमोसोम होते हैं।
डीएनए से बने होते हैं क्रोमोसोम
जीन के रूप में होता है डीएनए
जेनेटिक रोगों से बचें
- डायबिटीज
- हाइपरटेंशन
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- थायरॉइड
- अस्थमा
- अर्थराइटिस
- स्किन की बीमारी
- खून की बीमारियां
- कई तरह के कैंसर
- सिस्टिम फाइब्रोसिस
ये 5 योगासन तोड़ेंगे बीमारियों की चेन
शीर्षासन
डिप्रेशन दूर होता है
चेहरे पर चमक आती है
सुंदरता बढ़ती है
मेमोरी तेज होती है
ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है
सिरदर्द में आराम मिलता है
सर्वांगासन
तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है
एकाग्रता बढ़ाता है
याद की हुई चीजें भूलती नहीं हैं
सिरदर्द ठीक करता है
तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है
हलासन
दिमाग शांत होता है
थायरॉइड की बीमारी ठीक होती है
स्ट्रेस और थकान मिटाता है
रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है
डायबिटीज कंट्रोल रहती है
चक्रासन
त्वचा में चमक आती है
कमर और रीढ़ मजबूत बनती है
मोटापे को कम करता है
पेट की चर्बी कम करता है
पाचन तंत्र दुरुस्त होता है
फेफड़ों के लिए लाभदायक
पश्चिमोत्तानासन
डायबिटीज कंट्रोल होती है
सिरदर्द की समस्या में आराम देता है
मोटापा कम करने में मददगार
रोजाना करें योग
- सूर्य नमस्कार
- उष्ट्रासन
- भुजंगासन
- चक्रासन
- अर्धचक्रासन
- शलभासन
- धनुरासन
- गोमुखासन
- सर्वांगासन
- उत्तानपादासन
योगमुद्रासन
कब्ज की समस्या दूर होती है
गैस से छुटकारा मिलता है
पाचन की परेशानी दूर होती है
छोटी-बड़ी आतें सक्रिय होती हैं
वक्रासन
पेट पर पड़ने वाला दबाव फायदेमंद
कैंसर की रोकथाम में कारगर
पेट की कई समस्याओं में राहत
पाचन क्रिया होती है
कब्ज ठीक होता है
गोमुखासन
शरीर को लचकदार बनाता है
सीने को चौड़ा करने में सहायक
शरीर के पॉश्चर को सुधारता है
फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है
पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है
रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
मकरासन
लंग्स मजबूत करता है
कमर दर्द में आराम मिलता है
तनाव दूर होता है
पेट से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद
भुजंगासन
किडनी को स्वस्थ बनाता है
लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है
तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
छाती चौड़ी होती है
कमर का निचला हिस्सा मजबूत बनता है
मर्कटासन
रीढ़ की हड्डी लचीली बनाता है
पीठ का दर्द दूर हो जाता है
फेफड़ों के लिए फायदेमंद
पेट संबंधी समस्या दूर होती है
एकाग्रता बढ़ती है
गुर्दे, अग्नाशय, लीवर सक्रिय होते हैं
पवनमुक्तासन
फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
अस्थमा, साइनस में लाभकारी
किडनी को स्वस्थ रखता है
बीपी को कंट्रोल करता है
पेट की चर्बी को दूर करता है
मोटापा कम करने में मददगार
दिल को सेहतमंद रखता है
कारगर प्राणायाम
अनुलोम विलोम
कपालभाति
भस्त्रिका
भ्रामरी
उज्जायी
उद्गीथ
भस्त्रिका
लंग्स क्लियर करता है।
तनाव और चिंता दूर होती है।
वजन घटाने के लिए बहुत कारगर है।
दिल को स्वस्थ रखने में सहायक।
अस्थमा के रोग को दूर करता है।
इन बातों का रखें खास ध्यान
विटामिन सी और प्रोटीन जरूर लें।
प्राणायाम करें
ध्यान करें
खुश रहें
बीपी करें कंट्रोल
मुक्ता वटी खाली पेट 2 गोली चबाकर खाएं।
खाने के बाद मेधावटी सुबह-शाम 2-2 गोली लें।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल
लौकी की सब्जी खाएं
लौकी का जूस पिएं
सेहतमंद दिल के लिए
हरड़ का उपयोग हार्ट, गैस्ट्रिक में रामबाण
अलसी हार्ट के लिए फायदेमंद
सेब का जूस और आंवला से हार्ट करें मजबूत
इम्युनिटी के लिए
गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा
खाने के बाद एक-एक गोली लें
लंग्स बनेंगे सेहमंद
श्वसारि खाली पेट दो गोली सुबह-शाम लें
लक्ष्मी विलास और संजीवनी खाने के बाद लें
अस्थमा के लिए स्वर्ण बसंत मालती लें
श्वसारि खाली पेट दो गोली सुबह-शाम लें
गठिया में रामबाण
सुबह खाली पेट गिलोय, एलोवेरा पिएं
वर्जिन कोकोनट ऑयल पीने से लाभ
चंद्रप्रभावटी, योगराज गुग्गुल, अश्वशिला
पुनर्नवादि मंडूर खाने के बाद एक-एक गोली लें
वातारि चूर्ण भी अर्थराइटिस में फायदेमंद
हल्दी, मेथी, सौंठ, अश्वगंधा
सभी को मिलाकर पाउडर बना लें
रोज सुबह एक-एक चम्मच लें
पीड़ातक क्वाथ का काढ़ा पिएं