इन उपायों को अपनाने से दूर होगी महिलाओं की परेशानियां, जानें स्वामी रामदेव से
40 परसेंट महिलाएं किसी न किसी लाइफ स्टाइल डिजीज की दवा ले रही हैं। इस बीमारियों में थायराइड, मोटापा, डायबिटीज और हाइपरटेंशन सबसे कॉमन है।
हाल ही में एक महिलाओं के ग्रुप पर स्टडी की गई है। इस स्टडी में पाया गया कि 6 मिनट लंबे वॉक के बाद टेस्ट में 50 परसेंट से ज्यादा महिलाओं का हार्ट बीट तेजी से नहीं बढ़ा और बढ़ा भी तो जल्दी नॉर्मल नहीं हुआ। ये सारी समस्या हार्मोनल इम्बैलेंस की हैं। जिसकी वजह से महिलाओं को तमाम तरह की परेशानियां होती हैं। उस पर 52 परसेंट महिलाओं के पास अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए वक्त ही नहीं है। 40 परसेंट महिलाएं किसी न किसी लाइफ स्टाइल डिजीज की दवा ले रही हैं। इस बीमारियों में थायराइड, मोटापा, डायबिटीज और हाइपरटेंशन सबसे कॉमन है।
कोरोना के बाद हर 5 में से एक महिला को PCOD की परेशानी है। तो वहीं हर 7 में से एक इनफर्टिलिटी से जूझ रही हैं। देश में करीब 56 परसेंट महिलाएं एनिमिक हैं। 40 साल की उम्र के बाद कैल्शियम की कमी बड़ी समस्या है।
पिछले दो साल में महिलाओं में क्रोनिक डिजीज भी बढ़े हैं। ऐसे में महिलाएं घर के बाकि मेंबर्स के साथ अपना ख्याल कैसे रखें? स्वामी रामदेव से जानिए इन समस्याओं के लिए कारगर योगाभ्यास और आयुर्वेदिक उपचार।
भस्त्रिका योगासन
यह योगासन महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है, इससे मोटापा भी दूर होता है और मोटापे से जुड़ी बीमारियां जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, डाईबिटीज जैसी तमाम बीमारियां भी दूर होंगी।
कैसे करें भस्त्रिका योगासन
किसी भी शांत वातावरण में बैठ जाइए। आखें बंद करें और थोड़ी देर के लिए शरीर को ढीला छोड़ा दें। हाथों को चिन या ज्ञान मुद्रा में रखें। 10 बार दोनों नथनों से तेज़ गति से सांस लें और छोड़ें।
कपालभाति
रामदेव ने बताया कि कपालभाति बहुत जरूरी योगासन है महिलाओं के लिए,। इस योगासन से महिलाओं की तमाम बीमारियां दूर होंगी। पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी। साथ ही बांझपन जैसी समस्याएं भी इस योग से दूर होंगी। इस योगासन के साथ आप गुड़ और अंकुरित अनाज लें, विटामिन बी 12 और विटामिन डी की कमी दूर होगी।
कैसे करें कपालभाति
कपाल भाति प्राणायाम करने के लिए रीढ़ को सीधा रखते हुए किसी भी ध्यानात्मक आसन, सुखासन या फिर कुर्सी पर बैठें। इसके बाद तेजी से नाक के दोनों छिद्रों से साँस को यथासंभव बाहर फेंकें। साथ ही पेट को भी यथासंभव अंदर की ओर संकुचित करें। तत्पश्चात तुरन्त नाक के दोनों छिद्रों से साँस को अंदर खीचतें हैं और पेट को यथासम्भव बाहर आने देते है।
अनुलोम विलोम
महिलाओं के लिए अनुलोम विलोम एक जरूरी योगासन है। इससे भी पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं, साथ ही बांझपन भी दूर होता है। रामदेव ने बताया कि इस योगासन को करने से जोड़ों में दर्द नहीं रहता है। सभी महिलाओं के लिए ये योगासन रामबाण की तरह काम करता है।
कैसे करें अनुलोम विलोम
अनुलोम का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ है उल्टा। यहां पर सीधा का अर्थ है नासिका या नाक का दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है-नाक का बायां छिद्र। अर्थात अनुलोम-विलोम प्राणायाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं, तो बायीं नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते है। इसी तरह यदि नाक के बाएं छिद्र से सांस खींचते है, तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते है।