योग करने के बावजूद नहीं हो रहा है शरीर पर कुछ असर? स्वामी रामदेव से जानिए योगासन का सही तरीका
अगर योग सही तरीके से ना किया जाए तो ब्रीदिंग पर ध्यान नहीं दिया जाए तो योग का 100 फीसदी फायदा नहीं मिल पाता है।
आजकल की दौड़भाग भरी जिंदगी में सेहत का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। कुछ लोग अपने बिजी शेड्यूल से वक्त निकालकर हेल्थ का पूरा ध्यान भी रखते हैं। अपनी बॉडी को फिट रखने के लिए योगा करते हैं। हालांकि, इनमें से कुछ लोगों की ऐसी शिकायत भी रहती है कि वो भले ही पिछले कई महीनों से लगातार योग कर रहे हैं, लेकिन उनके शरीर पर इसका असर नहीं दिखता है। इसकी वजह ये भी हो सकती है कि आप सही तरीके से योग नहीं कर रहे हैं।
दरअसल, अगर योग सही तरीके से ना किया जाए तो ब्रीदिंग पर ध्यान नहीं दिया जाए तो योग का 100 फीसदी फायदा नहीं मिल पाता है। आज स्वामी रामदेव ने आपको योग से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारियां दी हैं। उन्होंने बताया है कि योग में छोटी-छोटी कुछ चीजों का कितना महत्व होता है। जैसे- आसन के दौरान सांस कैसे लें? योग करने से पहले या बाद में कितना पानी पीना चाहिए या खाने में क्या खाना चाहिए? योग करते वक्त अगर मसल्स में खिंचाव आ जाए तो क्या करना चाहिए? कितनी देर योगाभ्यास करें? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब यहां जानिए...
सही तरीके से योग मिटाएगा रोग:
- ताड़ासन
- तिर्यक ताड़ासन
- वृक्षासन
- कोणासन
- पादहस्तासन
- मंडूकासन
- योगमुद्रासन
- गोमुखासन
- वक्रासन
- पद्मासन
- पवनमुक्तासन
- उत्तानपादासन
- भुजंगासन
- मर्कटासन
- उष्ट्रासन
- चक्रासन
- शीर्षासन
- सर्वांगासन
- हलासन
- नौकासन
सूर्य नमस्कार के फायदे:
- सूर्य नमस्कार से इम्युनिटी बढ़ती है।
- शरीर को ऊर्जा मिलती है।
- पाचन तंत्र बेहतर होता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- डिप्रेशन दूर करता है।
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है।
- शरीर को डिटॉक्स करता है।
- फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है।
- लिवर को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करता है।
ताड़ासन के फायदे:
- रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
- शरीर को लचीला बनाता है।
- थकान, तनाव और चिंता दूर करता है।
- कई तरह के दर्द से राहत मिलती है।
- पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है।
- बॉडी को एक्टिव करता है।
शीर्षासन के फायदे:
- लिवर को मजबूत बनाने में बेहद कारगर है।
- मेंटल पीस और मेमोरी बढ़ाता है।
- आंखों की रोशनी बढ़ती है।
- बालों से जुड़ी बीमारियां दूर होती हैं।
- ब्रेन में पूरी तरह ऑक्सीजन पहुंचता है।
- बच्चों के हाथ मजबूत होते हैं।
उष्ट्रासन के फायदे:
- शरीर का पोश्चर सुधारता है।
- कंधों और पीठ को मजबूत बनाता है।
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी है।
- पाचन प्रणाली ठीक होती है।
- किडनी को स्वस्थ रखता है।
- मोटापा दूर करता है।
स्लिप डिस्क में न करें:
- आगे झुकने वाले आसन न करें।
- पादहस्तासन
- त्रिकोणासन
- उत्तानपादासन
दिल के मरीज न करें:
- चक्रासन
- हलासन
- सर्वांगासन
- शीर्षासन
- कपालभाति धीरें करें।
- भस्त्रिका धीरे करें।
सर्वाइकल के मरीज ना करें:
- गर्दन को आगे न झुकाएं।
- आसन में झटके से वापस न आएं।
- चक्कर आने पर रुक जाएं।
- पवनमुक्तासन में सिर न उठाएं।
- कपालभाति धीरे-धीरे करें।
हाई बीपी वाले न करें:
- पावर योग न करें।
- दंड बैठक न करें।
- शीर्षासन न करें।
- सर्वांगासन न करें।
- क्षमता के हिसाब से योगासन करें।
कपालभाति कैसे करें:
- खाली पेट ही कपालभाति करें।
- कमर को सीधा करके बैठें।
- हाथ को घुटनों पर रख लें।
- आंखें बंद कर लें।
- नाक से गहरी और लंबी सांस लें।
कपालभाति के फायदे:
- सेहत अच्छी बनी रहती है।
- बंद सांस नली खुल जाती है।
- मजबूत बॉडी के लिए फायदेमंद है।
- शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।
- पेट के कैंसर में बेहद कारगर है।
अनुलोम विलोम कैसे करें:
- जमीन या कुर्सी पर आराम से बैठें।
- कमर को सीधा रखें।
- दाएं अंगूठे से दाएं नाक को बंद करें।
- बाईं नाक से सांस अंदर लें।
- अब रिंग फिंगर से बाईं नाक बंद करें।
- दाईं नाक खोलें और सांस बाहर छोड़ें।
- अब दाईं नाक से ही सांस अंदर लें।
अनुलोम विलोम के फायदे:
- स्ट्रेस दूर होता है।
- डिप्रेशन से बचाता है।
- नर्व मजबूत और शरीर के ब्लड में फ्लो आता है।
- शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।
- आंखों के लिए फायदेमंद है।
- सांस का लेना आसान हो जाता है।