क्या आप जानते हैं चावल बनाने और खाने का सही तरीका? Diabetes और PCOD वाले जरूर जान लें
best way of having rice in diabetes: डायबिटीज और पीसीओडी, दोनों ही स्थितियों में चावल खाना कई बार नुकसानदेह भी हो सकता है। ऐसे में जानते हैं Celebrity Nutritionist Pooja Makhija से इसे बनाने और खाने का तरीका।
चावल खाने के जितने फायदे नहीं बताए जाते हैं, उससे ज्यादा इसके नुकसान गिनाए जाते हैं। हालांकि, चावल खाने के कुछ नुकसान हैं भी जैसे कि इसे खाने से शरीर में स्टार्च की मात्रा बढ़ती है जिससे वजन तेजी से बढ़ता है और फिर शुगर मेटाबोलिज्म भी प्रभावित हो जाता है। सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा (Celebrity Nutritionist Pooja Makhija), जो कि दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की भी वेलेनेस कोच हैं, इनका मानना है कि चावल को खाने का तरीका अगर बदल दिया जाए तो ये आपके शरीर में दूसरी समस्याओं का कारण नहीं बनेगा।
चावल बनाने और खाने का सही तरीका-best way of having rice in diabetes and pcod
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा (Celebrity Nutritionist Pooja Makhija), बताती हैं कि चावल खाना तब नुकसानदेह होता है जब ये आपके शरीर में स्टार्च जोड़ता है। इससे होता ये है कि शुगर की मात्रा तेजी से बढ़ती है जिससे डायबिटीज और पीसीओडी का खतरा बढ़ता है। इससे पेनक्रियाज का कामकाज खराब होता है और एक्सोक्राइन फंक्शन भी प्रभावित हो जाता है। ऐसे में आपको चावल खाने के अपने तरीके में बदलाव करना चाहिए।
पहले तो आपको करना ये है कि चावल बनाएं और फिर इसे फ्रिज में रख दें। ऐसा करना चावल के स्टार्च को रेजिस्टेंस स्टार्च में बदल देता है जिससे इसका नुकसान कम हो जाता है। इसके अलावा रातभर चावल को फ्रिज में रखने से ये प्रोबायोटिक हो जाता है जिससे पाचन तंत्र सही रहता है और ये आपको कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
रेजिस्टेंस स्टार्च वाला चावल खाने के फायदे-Effect of cooling of cooked white rice
1. लो जीआई वाला है ये चावल
Pubmed की मानें तो रेजिस्टेंस स्टार्च वाला चावल, असल में लो जीआई वाला होता है जिससे आपका शुगर स्पाइक नहीं होता और इससे शुगर मेटाबोलिज्म में मदद मिलती है। इस वजह से डायबिटीज और पीसीओडी के मरीज इसे आराम से बैठकर खा सकते हैं।
2. प्रोबायोटिक से भरपूर है ये चावल
रेजिस्टेंस स्टार्च वाला चावल, प्रोबायोटिक से भरपूर है और ये आपकी कई समस्याओं को कम कर सकता है। ये आपके पेट का मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है और आंतों की गतिविधियों को तेज करता है। इससे कब्ज की समस्या नहीं होती और पेट हेल्दी रहता है।
Source:https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26693746/