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How to Control Psoriasis: क्या है सोरायसिस? जानें इस स्किन बीमारी के लक्षण और उपाय

How to Control Psoriasis: सोरायसिस एक स्किन से जुड़ी गंभीर बीमारी है। जो धीरे-धीरे आपकी शरीर के कुछ अंगों पर फैलने लगता है। ऐसे में इसे कंट्रोल करने के लिए इन उपायों को आज़माएं

क्या है सोरायसिस?- India TV Hindi Image Source : FREEPIK क्या है सोरायसिस?

सोरायसिस एक त्वचा संबंधी बीमारी है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। स्किन से जुड़ी इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच में अभी भी कोई जागरूकता नहीं है। कई बार स्किन पर आने वाले पपड़ीदार पैचेस या फिर लाल रंग के दाग-धब्बों को देखकर लोग उसे नज़रअंदाज़ करते हैं। लेकिन ये सामान्य से समझे जानेवाले पैचेस सोरायसिस का शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। आपको बता दें ये बीमारी ज़्यादातर ठंडे प्रदेशों में रहने वाले लोगों को होती है। गर्मियों के मौसम में कई बार ये पैचेस खुद ब खुद गायब हो जाते हैं। अगर आपकी स्किन पर भी लाल या भूरे  रंग के दाग-धब्बे नजर आ रहे हैं तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। मुंबई के क्युटिस स्किन स्टूडियो की सीईओ और मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर अप्रतिम गोयल हमे बता रही हैं कि आखिर सोरायसिस क्यों होती है और होने के बाद बचाव के लिए हमें क्या करना चाहिए। 

सोरायसिस के लक्षण

डॉक्टर अप्रतिम गोयल कहती हैं, ‘’सोरायसिस होने पर आपकी स्किन पर लाल और भूरे कलर के पपड़ीदार दाग-धब्बे नज़र आने लगते हैं। इन धब्बों पर लगातार खुजली होती जिससे इनमे दरार पा जाती है।  खुजली की वजह से स्किन से गाढ़ा पानी निकलने लगता है, जो मवाद जैसा होता है। अगर सोरायसिस सिर पर है तो मरीजों के स्कैल्प पर धब्बे या पपड़ी बनने शुरू हो जाते हैं। बहुत ज़्यादा तनाव लेने से भी आप इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। ये बीमारी जेनेटिक भी होती है। अगर आपके परिवार में से किसी को सोरायसिस हुआ है तो आप इसकी चपेट में आ सकते हैं। ’’

इन अंगों को प्रभावित करता है सोरायसिस

डॉक्टर अप्रतिम गोयल आगे कहती हैं, ''सोरायसिस ज़्यादातर शरीर के कुछ हिस्सों पर ही होता है। जिसमें स्कैल्प, कान के आसपास, घुटनों, कोहनी और पीठ के निचले हिस्से शामिल हैं। इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच अभी भी ज़्यादा अवेयरनेस नहीं है। कई बार लोगों के स्कैल्प पर सोरायसिस होता है लेकिन लोग उसे फोड़ी या फिर इंफेक्शन समझने लगते हैं।''

किस उम्र में होती है यह बीमारी?

डॉक्टर अप्रतिम गोयल कहती हैं यह बीमारी किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकती है।  यह आपके जेनेटिक कंडीशन पर डिपेंड करती है। लेकिन यह ज़्यादातर 15 साल से शुरू हो जाती है। अगर सही समय पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह बीमारी लम्बे समय तक चलती है। 

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क्या हैं उपाय

इस बीमारी को पूरी तरह खत्म करने के लिए अभी तक कोई ट्रीटमेंट नहीं आया है। लेकिन अपना बेहतरीन देखभाल और रेगुलर चेकअप से इसे आप कम ज़रूर कर सकते हैं। ओमेगा 369 कैप्सूल की मदद से कम कर सकते हैं। साथ ही चावल के पानी और ओटमील को अपनी डाइट में शामिल करें।इसे कम करने के लिए आप नारियल के तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। लेकिन घरेलू नुस्खें आज़माने की बजाय आप इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर से कंसल्ट करें।

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