अगर आप जरूरत से ज्यादा तनाव लेते हैं तो इससे आपकी पूरी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। तनाव बढ़ने पर शरीर कई तरह के हार्मोन रिलीज करता है, जिससे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ सकती है। यानि तनाव की स्थिति डायबिटीज के मरीज पर बुरा असर डाल सकती है। जब आप स्ट्रेस लेते हैं तो शरीर खून में एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल नाम के दो हार्मोन रिलीज करता है और आपकी सांस लेने की दर बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में जब शरीर इसे समझ नहीं पाता को ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। लगातार तनाव की स्थिति आपकी शारीरिक और मेंटल हेल्थ दोनों को प्रभावित करती है। इसलिए अगर आप शुगर के मरीज हैं तो अपने स्ट्रेस को कंट्रोल करना सीख लें।
डायबिटीज में खतरनाक है तनाव लेना
स्ट्रेस आपको अलग ठंग से प्रभावित कर सकता है। आप जैसे तनाव महसूस करते हैं वैसे ही आपका शरीर प्रतिक्रिया देता है। जब टाइप 2 डायबिटीज के लोग मानसिक तनाव महसूस करते हैं तो आम तौर पर ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। वहीं टाइप 1 डायबिटीज के रोगियों को कुछ और अलग महसूस हो सकता है। यानि स्ट्रेस से ब्लड शुगर बढ़ सकता है और कई बार कम भी हो सकता है। ये दोनों स्थिति टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के लोगों को प्रभावित कर सकती हैं।
स्ट्रेस से कैसे बचें?
इससे बचने के लिए सबसे पहले अपने स्ट्रेस के कारण को समझें। उस वक्त अपना ब्लड शुगर जरूर चेक करें। जैसे कई बार ऑफिस में सोमवार के दिन लोगों को काफी स्ट्रेस फील होता है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही है तो उस दिन अपने ब्लड शुगर को ट्रेक करें।तनाव को कम से कम करने की कोशिश करें। लगातार इस पैटर्न को कुछ हफ्तों तक चेक करें और उसे खत्म या कम करने की ओर प्रयास करें।
कैसे पहचानें कि आप तनाव में हैं?
- सिर में दर्द होना
- मांसपेशियों में दर्द या तनाव
- बहुत अधिक या बहुत कम सोना
- थकान महसूस होना
- चिड़चिड़ा
- अवसादग्रस्त
- बेचेन होना
- चिंतित होना
- लोगों से दूरियां बना लेना
- बहुत ज्यादा या कम खाना
- ज्यादा ड्रिंक और स्मोक करना
तनाव को कैसे कंट्रोल करें?
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- योगाभ्यास या ताई ची जैसे व्यायाम करें
- ध्यान जैसी माइंडफुलनेस तकनीक इस्तेमाल करें
- जाने हुई तनाव की स्थितियों से बचें
- कैफीन का सेवन कम करें
- दोस्त और परिवार के लोगों से बात करें
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