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Hindi News हेल्थ Heart Blockage: हार्ट ब्लॉक कैसे हो जाता है? कैसे महसूस होता है कि आप इसके शिकार होने वाले हैं? जानें सबकुछ

Heart Blockage: हार्ट ब्लॉक कैसे हो जाता है? कैसे महसूस होता है कि आप इसके शिकार होने वाले हैं? जानें सबकुछ

Heart Blockage: आजकल देखा जा रहा है कि हार्ट अटैक से किसी की भी जान चली रही है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है क्या आपने सोचा है? हार्ट अटैक क्यों होता है?

Heart Blockage- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Heart Blockage

Highlights

  • जब हार्ट की मांसपेशियों में ब्लड की प्रवाह सही से नहीं होता है
  • छाती या जबड़े, गर्दन के बाईं ओर (या बीच) में दर्द महसूस होने लगता है
  • हार्ट का सिनोअट्रियल पार्ट ब्लॉक होता है

Heart Blockage:  कोरोना के संक्रमण का लहर खत्म होने के बाद एक गंभीर समस्या हार्ट अटैक देखने को मिल रहा है। हर महीने हार्ट अटैक से कई लोगों की जान जा रही है। आपने देखा भी होगा कि बॉलीवूड के यंग कलाकार सिद्धार्थ शुक्ला और अन्य कई कलाकारों की मौत हार्ट अटैक से हो गई। पहले एक मिथ माना जाता था कि हार्ट अटैक आमतौर पर पूराने लोगों को ही आता है लेकिन कोरोना महामारी के बाद जिस तरह मामले सामने आए, उसने मिथ को गलत साबित कर दिया।

अब युवा हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। आपने सोशल मीडिया पर वीडियो भी देखा होगा कि कैसे एक युवक भगवान शंकर का रोल स्टेज पर निभा रहा होता है तो तभी उसकी मौत हो जाती है। इसके पीछे हार्ट अटैक ही था। आज आपको हार्ट अटैक से जुड़ी जानकारी बताने का प्रयास करुंगा कि आखिर हार्ट अटैक आने से पहले कैसा महसूस होता है।  

हमारा हृदय एक अद्भुत मशीन है। हमारा दिल दिन में कम से कम 100,000 बार और 2.5 अरब बार रक्त पंप करता है। इसके लिए हृदय की सभी मांसपेशियों में अच्छे रक्त प्रवाह की आवश्यकता होती है और इसके लिए हमारे पास कोरोनरी धमनियां (हृदय की धमनियां) होती हैं। इसलिए जब कुछ गलत होता है और अगर धमनियां आंशिक रूप से या पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती हैं तो यह अक्सर आपको दिल का दौरा पड़ने से पहले चेतावनी के संकेत देती है।

हार्ट ब्लॉकेज के क्या है लक्षण 
आज हम आपको बताएंगे कि हार्ट ब्लॉक के लक्षण क्या होता है। दिल का दौरा पड़ने से पहले आपको किस तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसके साथ ही साथ कैसे आप किसी इंसान का ऐसी परिस्थिति मदद भी कर सकते हैं। बता दें कि जब किसी को छाती या जबड़े, गर्दन के बाईं ओर (या बीच) में दर्द महसूस होने लगता है, तो आपको जागरुक होने की जरुरत है। इसका मतलब है कि उसे दिल का दौरा पड़ने का खतरा हो सकता है। आसान भाषा में कहे तो दर्द हृदय की दीवार की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं में अपर्याप्त रक्त प्रवाह के कारण होता है।

हार्ट ब्लॉकेज कितने प्रकार के होते हैं?
राइट बंडल ब्लॉक तब होता है जब हार्ट की मांसपेशियों में ब्लड की प्रवाह सही से नहीं होता है। लेफ्ट बंडल में ब्लॉक तब होता है जब हार्ट की मांशपेशियों में चोट लगती है। जब आपके हार्ट का सिनोअट्रियल पार्ट ब्लॉक होता है उसे सिनोअट्रियल नोड ब्लॉक कहते हैं। वही एट्रयोवेंट्रिकुलर नोड ब्लॉक तब होता है जब हार्ट में इलेक्ट्रिक सिगनल की गति कम हो जाती है। 

हार्ट ब्लॉकेज क्यों होता है?
आमतौर पर देखा जाता है कि हार्ट ब्लॉकेज उन्हें ही होता है तो जिन लोगों की हार्ट की सर्जरी हुई है। इसके अलावा दिल की बिमारियों से लड़ने वाले लोग भी इसके चपेट में आ जाते हैं। वहीं कुछ बच्चों में जन्म के दौरान ही हार्ट ब्लॉकेज पाया जाता है। आपने देखा होगा कि कोरोना संक्रमण के बाद इसके कई लोग शिकार हुए तो संक्रमण भी हार्ट ब्लॉकेज होने का कारण हो सकता है।  

पेट में जलन एसिड के कारण होता है लेकिन इसका लक्षण कभी-कभी दिल के दौरे के समान होते हैं और व्यक्ति अधिक अशुभ निदान की अनदेखी करते हैं। कुछ लोगों और अधिकांश मधुमेह रोगियों को सीने में दर्द नहीं होगा और वे चुपचाप या उपरोक्त लक्षणों के साथ प्रकट होंगे। आमतौर पर कोई भी दिल की धड़कन को न तो नोटिस कर सकता है और न ही सुन सकता है। लेकिन अगर किसी कारण से बीमारी के कारण हृदय अनियमित या अत्यधिक पंप करता है, तो व्यक्ति को हृदय गति के बारे में पता चल जाता है।

आमतौर पर देखे जाते हैं यही लक्षण 
यदि आपको लगता है कि आपको कोई लक्षण हैं, खासकर यदि आपको उच्च रक्तचाप, मधुमेह या पारिवारिक इतिहास है, तो पूरी तरह से मूल्यांकन करवाना सबसे अच्छा है। समस्या की पहचान करते समय एक मूल्यांकन यह भी सुनिश्चित करेगा कि फ्लोराइड रोग की प्रगति को रोकने के लिए हृदय रोग के मामले में प्रारंभिक हस्तक्षेप किया जा सकता है। दिल का दौरा पड़ने पर आमतौर पर सीने में तेज दर्द, पसीना और बेचैनी के साथ जबड़े, पीठ या बाएं हाथ में झुनझुनी होती है। यदि ऐसा होता है, तो आपको तुरंत सहायता के लिए आपातकालीन चिकित्सा सहायता लाइन नंबर पर कॉल करना चाहिए और पीड़ित को लेटा देना चाहिए।

आखिर इतने क्यो आ रहे हैं हार्ट अटैक मामले 
फ्रेंच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च के प्रमुख डा. अबू बकर नांबिमा के अनुसार कम उम्र में हृदयाघात होना अब आम बात हो गई है। शोध में यह बात सामने आई है कि पर्याप्त नींद नहीं लेने वाले युवाओं में हृदयाघात का खतरा ज्यादा हो रहा है। शोध में नींद और हृदय रोग के बीच पारस्परिक संबंध है। अध्ययन के दौरान बेसलाइन स्लीप स्कोर और स्लीप स्कोर में समय के साथ होने वाले परिवर्तन और हृदय रोग के बीच संबंधों की जांच की गई तो यह तथ्य सामने आए।

पर्याप्त नींद नहीं लेने के अलावा खानपान में लापरवाही बरतना और दिनचर्या का नियमित नहीं होना भी युवाओं में हृदयाघात की बड़ी वजह बन रहा है। सोते समय देर रात तक मोबाइल देखने से भी नींद समय पर नहीं आती। यह भी कम उम्र में हार्ट अटैक के प्रमुख वजहों का कारण है। क्योंकि इससे नींद के घंटे काफी हद तक कम हो जाते हैं।

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