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Hindi News हेल्थ ठंड लगकर तेज बुखार आ रहा है, हो सकते हैं मलेरिया के शिकार, जान लें क्या हैं लक्षण

ठंड लगकर तेज बुखार आ रहा है, हो सकते हैं मलेरिया के शिकार, जान लें क्या हैं लक्षण

Malaria Fever Symptoms: मानसून में लोग तेजी से बुखार की चपेट में आते हैं। इस मौसम में वायरल फीवर, डेंगू और मलेरिया सबसे ज्यादा फैलता है। जान लें मलेरिया बुखार के क्या हैं लक्षण और इसे कैसे पहचानें?

मलेरिया के लक्षण- India TV Hindi Image Source : FREEPIK मलेरिया के लक्षण

बारिश के मौसम में बुखार तेजी से फैलता है। वायरल इंफेक्शन हो या फिर डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया हर बीमारी में बुखार जरूर आता है। हालांकि अलग-अलग बीमारी के कुछ लक्षण भी अलग होते हैं। जिससे समझा जा सकता है कि आपको क्या हुआ है। अब मच्छर से फैलने वाली बीमारी मलेरिया की बात करें तो इसमें मरीज को तेजी से ठंड लगने के बाद बुखार आता है। वैसे इससे अलग भी मलेरिया के कई दूसरे लक्षण भी हैं। आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 7 से 30 दिनों के भीतर मलेरिया होने का खतरा रहता है। आइये जानते हैं मलेरिया बुखार के क्या लक्षण होते हैं?

मलेरिया के लक्षण क्या हैं?

  1. बुखार- मलेरिया का सबसे प्रमुख लक्षण है बुखार आना। कई बार रुक-रुक कर या लगातार बुखार हो सकता है। मलेरिया में तेज बुखार आता है।

  2. ठंड लगना- बुखार तो वायरल और डेंगू में भी आता है, लेकिन मलेरिया का बुखार ठंड लगकर आता है। तेज कंपकंपी या फिर बहुत ठंड लगती है। ऐसे में कई बार स्थिति गंभीर हो सकती है।

  3. सिरदर्द- मलेरिया का एक लक्षण ये भी है इसमें बुखार से साथ सिरदर्द भी होता है। ये लक्षण कई बार हल्के या गंभीर भी हो सकते हैं।

  4. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द- मरीजों को मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। शरीर में भी सामान्य दर्द महसूस हो सकता है।

  5. थकान- उल्टी- मलेरिया बुखार में बहुत कमजोरी और थकान होती है। इसके अलावा उल्टी भी हो सकती हैं।

  6. पसीना आना- मलेरिया में तेज पसीना आता है और खासतौर से बुखार के बाद ये मलेरिया बुखार की खासियत है।

  7. पेट दर्द- कई बार पेट दर्द, दस्त या अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों की शिकायत भी हो सकती है।

मलेरिया के गंभीर मामलों में परेशानी बढ़ सकती है। इसमें सामान्य लक्षण काफी गंभी हो सकते हैं। जैसे खून की कमी से पीलापन, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। दिमाग में भ्रम, दौरे और कोमा जैसी स्थिति खतरनाक हो सकती है। अगर सही समय पर इलाज नहीं कराया जाए और मलेरिया का बुखार बिगड़ जाए तो इससे किडनी और लिवर पर बुरा असर पड़ता है। 

 

 

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