अक्सर छोटी-छोटी इग्नोरेंस शरीर को महंगी पड़ जाती हैं। चाहे वो बीपी, शुगर और थायराइड जैसी लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी ही क्यों ना हो। जिन्हें लोग अपनी लाइफ का हिस्सा मान लेते हैं। 'दिन में दो गोली ही तो खानी है'--इस एटीट्यूड के साथ खुद को जानलेवा बीमारी के जोखिम में डाल देते हैं। अब किडनी की बीमारी को ही ले लीजिए। एक रिपोर्ट के मुताबिक- हाई बीपी और डायबिटीज की वजह से करीब 70% मरीज किडनी की सीरियस बीमारी के शिकार होते हैं। सिर्फ बीपी, शुगर ही नहीं पैरों में दर्द..एड़ियों में सूजन को भी अक्सर लोग इग्नोर करते हैं। जबकि ये भी बढ़े हुए यूरिक एसिड का सिग्नल होते हैं।
यूरिक एसिड तब बढ़ता है। जब किडनी इस एसिड को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाती और ये तो हम सब जानते हैं कि अगर जल्दी यूरिक एसिड कंट्रोल को कंट्रोल नही किया तो किडनी डैमेज भी हो सकती है। दिक्कत वाली बात ये है कि किडनी के 85% मरीजों को अपनी बीमारी का पता चौथी स्टेज में लगता है। जब किडनी पूरी तरह खराब हो चुकी होती है। इसलिए किडनी से जुड़े छोटे-छोटे सिग्नल को समझना बेहद जरूरी है। मसलन पैरों में-चेहरे पर सूजन, यूरिन में ब्लड, भूख ना लगना, कमर में दर्द। ये सब किडनी की बीमारी के symptom हो सकते हैं।
इसके साथ ही अगर आप बीपी और शुगर के मरीज हैं तो साल में दो बार किडनी के टेस्ट करवाना भी जरूरी हैं। ताकि आप किडनी की हर बीमारी से बचे रहें इंफेक्शन-स्टोन की समस्या भी ना हो और क्रिएटिनिन लेवल भी कंट्रोल में रहे। इसके लिए सावधानी तो बरते ही साथ-साथ योगाभ्यास भी जरूर करें। क्योंकि योग से ना सिर्फ किडनी की बीमारी दूर होगी 100 साल तक हेल्थ गारंटी भी मिलेगी।
खतरे में किडनी, इग्नोर न करें शुगर-बीपी
- हाई बीपी और शुगर से किडनी पर असर
- 70 % मरीजों को किडनी की बीमारी
किडनी प्रॉब्लम के लक्षण
- बार-बार यूरिन का आना
- यूरिन में ब्लड का आना
- कमज़ोरी महसूस होना
- भूख का ना लगना
- कमर में दर्द होना
किडनी की बीमारियां
- बढ़ता क्रिएटिनिन लेवल
- किडनी स्टोन
- UTI इंफेक्शन
- पॉलीसिस्टिक किडनी
- प्रोटीन लीकेज
हेल्दी किडनी रखने का कारगर उपाय
- वर्कआउट करें
- वजन कंट्रोल करें
- स्मोकिंग ना करें
- खूब पानी पीएं
- जंकफूड ना लें
- ज्यादा पेनकिलर ना लें
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