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Hindi News हेल्थ भगवान गणेश पर चढ़ने वाले गुड़हल के फूल और दूर्वा में छिपा है सेहत का खजाना, इन परेशानियों को करते हैं दूर, जानें कैसे करें इस्तेमाल?

भगवान गणेश पर चढ़ने वाले गुड़हल के फूल और दूर्वा में छिपा है सेहत का खजाना, इन परेशानियों को करते हैं दूर, जानें कैसे करें इस्तेमाल?

गुड़हल का फूल और दूर्वा भगवान गणेश की पूजा के समय अर्पित किया जाता है। इनके बिना गणेश भगवान की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। लेकिन क्या आप जानते हैं ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां सेहत के लिहाज़ से भी काफी फायदेमंद हैं।

Hibiscus Flowers And Durva Health Benefits- India TV Hindi Image Source : SOCIAL Hibiscus Flowers And Durva Health Benefits

गुड़हल का फूल और दूर्वा भगवान गणेश की पूजा के समय अर्पित किया जाता है। इनके बिना गणेश भगवान की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। लेकिन क्या आप जानते हैं ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां सेहत के लिहाज़ से भी काफी फायदेमंद हैं। गुड़हल के फूल मीठे और स्वाद में कसैले होते हैं। आयुर्वेदिक ग्रंथों में दुर्वा घास को "सहस्र वीर्य" कहा गया है, जो इसके कई लाभ को दर्शाता है। तो, चलिए जानते हैं ये दोनों सामग्री स्वास्थ्य से जुड़ी किन समस्याओ में कारगर हैं? 

गुड़हल और दूर्वा के फायदे:

  • गुड़हल: गुड़हल की तासीर ठंडे होती हैं, पित्त को कम करते हैं और कफ को संतुलित करते हैं। पित्त को शांत करने वाले और रक्तस्राव-रोधी गुणों के कारण, ये माइग्रेन,मुँहासे,एसिडिटी और अल्सर जैसे समस्याओं में बेहद फायदेमंद हैं। ये फूल हृदय स्वास्थ्य के लिए भी बेहतरीन हैं साथ ही ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में प्रभावी होते हैं। इनके इस्तेमाल से एनीमिया, बवासीर, अनिद्रा, यूटीआई, जैसे कई विकारों को कम किया जा सकता है।

  • दूर्वा: दूर्वा की प्रकृति ठंडी होती है ये स्वाद में हल्के मीठा -कसैले होते हैं इन्हें पचाना आसान होता है। इसके सेवन से बॉडी डिटॉक्स होती है साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।  दूर्वा वजन घटाने में मदद करता है। स्किन के लिए बेहद फायदेमंद है। रक्तस्राव और पीरियड में दर्द और ऐंठन को कम करता है। दांतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। 

गुड़हल और दुर्वा का कैसे करें इस्तेमाल?

  • गुड़हल का इस्तेमाल आप चाय के रूप में कर सकते हैं।एक गिलास उबलते पानी में 5 गुड़हल की पंखुड़ियाँ डालें। 2 मिनट उबलने के बाद, गैस पर से उतार लें। छान लें और ठंडा होने के बाद पिएं।

  • मुट्ठी भर दुर्वा घास को धोकर साफ करें, इसमें कुछ बूंदें पानी की डालकर बारीक पेस्ट बना लें। प्रतिदिन एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच पेस्ट लेने से ऊर्जा मिलती है और शरीर की समग्र प्रतिरक्षा को बढ़ावा मिलता है। दूर्वा जूस पीने के बाद कम से कम 3 घंटे तक कुछ भी खाना या पीना नहीं चाहिए। घास को सुखाकर उसका चूर्ण बनाया जा सकता है। सूखे चूर्ण को शहद में मिलाकर या बस पानी के साथ लिया जा सकता है। बस मुट्ठी भर घास को एक कप पानी में रात भर भिगोएँ, अगली सुबह इसे 3-5 मिनट तक उबालें, छान लें और पानी को घूँट-घूँट करके पिएँ।

 

 

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