दिल को स्वस्थ रखने के लिए खान-पान में इन चीजों को करें शामिल, स्वामी रामदेव से जानिए योगाभ्यास और आयुर्वेदिक उपाय
किसी भी तरह की एक्सरसाइज के दौरान अगर आपका हार्ट नॉर्मल तरीके से ज्यादा काम करता है। किसी तरह का दर्द या थकान नहीं होती है। बीपी नहीं बढ़ता है तो आपका हार्ट हेल्दी है और अगर ऐसा नहीं है तो हार्ट अटैक के चांसेस बढ़ जाते हैं।
जिंदगी चलती रहे, इसके लिए जरूरी है कि दिल धड़कता रहे और आपके दिल की सेहत कैसी है? ये आप महज 60 सीढ़ियों से पता लगा सकते हैं। यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की लेटेस्ट रिपोर्ट सामने आई है, उसके मुताबिक अगर आप 60 सेकेंड में 60 सीढ़ियां चढ़ लेते हैं तो आपका दिल स्वस्थ है, लेकिन अगर 60 सीढ़ियां चढ़ने में आपको 1 मिनट से ज्यादा का वक्त लग रहा है तो समझ लीजिए कि थोड़ा खतरा है।
दरअसल, किसी भी तरह की एक्सरसाइज के दौरान अगर आपका हार्ट नॉर्मल तरीके से ज्यादा काम करता है। किसी तरह का दर्द या थकान नहीं होती है। बीपी नहीं बढ़ता है तो आपका हार्ट हेल्दी है और अगर ऐसा नहीं है तो हार्ट अटैक के चांसेस बढ़ जाते हैं। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, हार्ट प्रॉब्लम, दुनिया की नंबर वन किलेर डिसीज बन चुकी है। दिल की बीमारी से होने वाली मौतों में पिछले 20 साल में 20 लाख की बढ़ोतरी हुई है। इन सबके बीच डराने वाली बात ये है कि युवा तेजी से इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
हम सब जानते हैं कि आज के दौर का लाइफस्टाइल, खानपान, स्ट्रेस बीमारियों को न्योता देने वाला है, लेकिन तय आपको करना है कि बीमारियों के साथ रहना है या फिर योग और आयुर्वेद को अपने जीवन में शामिल करके न सिर्फ अपने हार्ट बल्कि अपनी पूरी बॉडी को हेल्दी और फिट रखना है। स्वामी रामदेव ने सर्दियों में दिल का ख्याल रखने के लिए टिप्स दिए हैं।
दिल की बीमारियों के लक्षण:
- सीने में दर्द
- सांस की तकलीफ
- कमजोरी
- पैर-हाथ ठंडे पड़ना
- असामान्य धड़कन
- तेज हार्ट बीट
- धीमी हार्ट बीट
- धबराहट
खतरे में है हार्ट:
- हार्ट डिजीज है नंबर 1 किलर
- 20 साल में हार्ट अटैक से सबसे ज्यादा मौतें
- युवाओं में बढ़ी दिल की बीमारी
- 25 से 30 साल की उम्र में हार्ट डिजीज
- आर्टरीज ब्लॉकेज वीक वॉल्व की प्रॉब्लम
आयुर्वेदिक औषधि:
- अकीक पिष्टी 10 ग्राम, मोती पिष्टी 4 ग्राम
- जहरमोहरा पिष्टी 10 ग्राम
- हृघामृत 2-2 गोली लें।
- सुबह-दोपहर-शाम रोज लें।
- हृघामृत को खाने के बाद ही लें।
- हार्ट के ब्लॉकेज दूर होते हैं।
- संगेयसव पिष्टी 10 ग्राम
- योगेंद्र रस 1 ग्राम
- सब मिलाकर 60 पैकेज बनाएं।
- सुबह-शाम 1-1 गोली लें।
बीपी कंट्रोल करें:
- मुक्ता वटी खाली पेट 2 गोली चबाकर खाएं।
- खाने के बाद मेधावटी सुबह-शाम 2 गोली लें।
- अश्वगंधा सुबह-शाम एक-एक गोली साथ लें।
हार्ट के लिए खान-पान:
- अंकुरित अनाज ज्यादा से ज्यादा लें।
- मल्टीग्रेन आटे का सेवन करें।
- कम मसाले वाली सब्जी लें।
- नमक-चीनी कम खाएं।
- खाना चबा-चबाकर खाएं।
हेल्दी हार्ट के लिए सुपरफूड:
- अलसी
- हल्दी
- लहसुन
- दालचीनी
- अनार
- नींबू
- अंगूर
- तुलसी
- लौकी
- इलायची
आयुर्वेदिक उपाय:
- हरड़ का उपयोग हार्ट और गैस्टिक में रामबाण
- शहद दिल को मजबूत बनाता है।
- अलसी हार्ट के लिए फायदेमंद।
- सेब का जूस और आंवला से हार्ट मजबूत होता है।
- बादाम खाने से हार्ट मजबूत होता है।
- जामुन, सेब का सिरका भी फायदेमंद है।
लौकी कल्प करें:
- रोजाना लौकी का सूप पिएं।
- सूप में काली मिर्च, अदरक और हल्दी डालें।
- लौकी की सब्जी फायदेमंद है।
- लौकी के जूस का सेवन करें।
हार्ट के लिए काढ़ा:
- अर्जुन की छाल 5 ग्राम, दालचीनी 2 ग्राम
- 400 ग्राम पानी उबाल लें।
- 100 ग्राम बचे तो दूध के साथ मिलाकर लें।
- इसे छीरपाक कहते हैं।
- छीरपाक महीने भर में हार्ट क्लीन करता है।
सेहतमंद दिल के लिए:
सिगरेट कैसे छोड़ें? लंग्स को कैसे बनाएं स्ट्रॉन्ग? स्वामी रामदेव से जानिए अचूक उपाय
- 3-5 कली लहसुन का रस।
- एक चम्मच अदरक का रस।
- एक चम्मच प्याज का रस।
- एक चम्मच नींबू का रस।
- सबको आग पर पका लें।
- आधे चम्मच शहद के साथ मिलाएं।
- खाली पेट सुबह-शाम खाएं।
हार्ट के लिए योगाभ्यास:
- ताड़ासन
- तिर्यक ताड़ासन
- कटि चक्रासन
- अर्ध चक्रासन
- शशकासन
- उष्ट्रासन
- गोमुखासन
- उत्तानकुर्मासन
- भुजंगासन
- शलभासन
- मर्कटासन
- पवनमुक्तासन
प्रस्थित हस्तासन:
- दिल की बीमारियों में फायदेमंद है।
- लंग्स को मजबूत करता है।
- मोटापा कम करता है।
- छाती चौड़ी होती है।
ताड़ासन:
- बॉडी को एक्टिव करता है।
- शरीर को लचीला बनाता है।
- थकान, तनाव और चिंता दूर होती है।
- कई तरह के दर्द से राहत मिलती है।
- पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है।
- रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
तिर्यक ताड़ासन:
- कोलेस्ट्रॉल कम करने में मददगार है।
- कमर की चर्बी पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
- कद बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
- वजन घटाने में मदद मिलती है।
- मन को शांत रखने में सहायक है।
- लंग्स, ब्लड और पेट के कैंसर में कारगर है।
- शरीर लचीला बनाता है।
उष्ट्रासन:
- मोटापा दूर करने में सहायक है।
- कंधों और पीठ को मजबूत करता है।
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी है।
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार है।
- किडनी को स्वस्थ बनाता है।
- शरीर का पोश्चर सुधारता है।
- पाचन प्रणाली को ठीक करता है।
गोमुखासन के फायदे:
- दिल के मरीजों के लिए फायेदमंद है।
- पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- शरीर को लचकदार बनाता है।
- थकान, तनाव और चिंता दूर होती है।
- लिवर और किडनी की समस्या में लाभकारी है।
- फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
- लिवर के लिए फायदेमंद है।
उत्तानकुर्मासन:
- वेरीकोज वीन्स की समस्या ठीक होती है।
- कंधों को मजबूत बनाता है।
- हार्ट की बीमारियों में फायदेमंद है।
- पेट की चर्बी को कम करता है।
- डायजेशन को बेहतर करता है।
भुजंगासन के फायदे:
- दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- शरीर को सुंदर और स्लिम बनाता है।
- मोटापा कम करने में मदद करता है।
- तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर करता है।
- आसन से लंग्स मजबूत होते हैं।
- फेफड़े, कंधे और सीने को स्ट्रेच करता है।
पवनमुक्तासन के फायदे:
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है।
- किडनी को स्वस्थ रखता है।
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है।
- पेट की चर्बी को दूर करता है।
- मोटापा कम करने में मददगार है।
- अस्थमा और साइनस में लाभकारी है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
सूक्ष्म व्यायाम के लाभ:
- बॉडी को एक्टिव करता है।
- शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है।
- शरीर में थकान नहीं होती है।
- कई तरह के दर्द से राहत मिलती है।