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बदल गए होम आइसोलेशन के नियम, जानिए किन चीजों का रखना होगा ज्यादा ध्यान

स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन को लेकर कुछ नए निर्देश जारी किए हैं। आइसोलेशन में रहने के समय के साथ साथ कुछ नियम भी बदले गए हैं।

होन आइसोलेशन के नए निर्देश- India TV Hindi Image Source : AP होन आइसोलेशन के नए निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हल्के लक्षणों वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन को लेकर नई गाइडलाइन पेश की हैं। यानी जिन लोगों को कोरोना वायरस के कम लक्षण हैं वो किस तरह होम आइसोलेशन में हें। मंत्रालय ने कहा है कि नए नियम के अनुसार जिन मरीजों में कोरोना के शुरुआत लक्षण समझ आ रहे हैं  अब 17 दिन तक आइसोलेशन में रहना होगा, बशर्ते इन मरीजों को 10 दिन से बुखार न आया हो। नए नियमों में बताया गया है कि कौन लोग होम आइसोलेशन में रहेंगे और उन्हें क्या बातें ध्यान रखने की जरुरत है। इसके साथ ही इन मरीजों की देखभाल के लिए कोई व्यक्ति मौजूद है तो उसे क्या निर्देश मानने हैं।  

होम आइसोलेशन में कौन लोग रह सकते हैं

  • कोई भी संक्रमित मरीज तभी होम आइसोलेशन में हो सकता है जब किसी डॉक्टर ने रिपोर्ट में मरीज को घर जाने की इजाजत दें।
  • घर पर एक आदमी 24 घंटे संक्रमित व्यक्ति के पास होना चाहिए। 
  • वह व्यक्ति हॉस्पिटल से लगातार जुड़ा रहें और छोटी से बड़ी हर परेशानी के बारे में बताएं। 

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  • मरीज के फोन में आरोग्य सेतु एप होना चाहिए।
  • मरीज को समय-समय पर चेकअप करना होगा। जिसकी रिपोर्ट की जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी को होनी होगी।
  • स्वास्थ्य विभाग की भी टीम बराबर संक्रमित व्यक्ति की निगरानी करेंगे।
  • जो भी व्यक्ति होम आइसोलेशन में जा रहा है है उसे एक फॉर्म कर सभी निर्देशों का पालन करना होगा। 

संक्रमित मरीजों का इन 10 निर्देशों का करना पड़ेगा पालन

  • हर समय ट्रिपल लेयर वाला मेडिकल मास्क पहनना होगा। जिसे 8 घंटे में बदलना होगा। अगर मास्क गीला या फिर गंदा हो जाता है तो उसे तुरंत बदलना होगा।
  • मास्क को यूज करने के बाद  डिस्कार्ड करने से पहले 1% सोडियम हाइपो-क्लोराइट से संक्रमण रहित (डिसइन्फेक्ट) करना होगा।
  • मरीज को अपने कमरे में ही रहना होगा। वह घर के दूसरे सदस्यों खासकर बुजुर्गों और हाइपरटेंशन या फिर दिल की बीमारी वाले लोगों से दूरी बनाकर रखेगा।
  •  मरीज ज्यादा से ज्यादा आराम करेगा। इसके साथ ही अधिक मात्रा में पानी या कोई अन्य लिक्विड लेगा।
  • सांस की स्थिति पर नजर रखने के लिए जो निर्देश दिए गए हैं वे मानने पड़ेंगे।
  • अल्कोहॉल वाले सैनिटाइजर या पानी-साबुन से कम से कम 40 सेकंड तक हाथों को धोना होगा। 
  • पर्सनल चीजें दूसरों के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए।
  • कमरे में जिन सतहों को बार-बार छूना पड़ता है जैसे कि टेबलटॉप, दरवाजों के कुंडी और हैंडल) उन्हें 1% हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से साफ करना चाहिए।
  • मरीज को डॉक्टर के निर्देश और दवाओं से जुड़ी सलाह माननी पड़ेगी।
  • मरीज अपनी हालत को खुद मॉनिटर करेगा। हर दिन शरीर के तापमान की जांच करेगा। अगर स्थिति बिगड़ने के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना होगा

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मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति के लिए निर्देश

  • मरीज के कमरे में जाते समय ट्रिपल लेयर वाला मेडिकल मास्क पहनना होगा। मास्क इस्तेमाल करते वक्त उसका सामने वाला हिस्सा नहीं छूना चाहिए। अगर मास्क गीला या गंदा हो जाए तो तुरंत बदलना चाहिए। इसके साथ ही मास्क का यूज के बाद डिस्कार्ड करें और हाथों को सैनिटाइजर या साबुन-पानी से धोएं।
  • जो व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहा है वह अपने चेहरे, नाक या मुंह को नहीं छूएं।
  • मरीज या उसके कमरे के संपर्क में आने पर हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए।
  • खाना बनाने से पहले या बाद में, टॉयलेट जाने के बाद और जब भी हाथ गंदे लगें तो अच्छी तरह धोने चाहिए। अपने हाथो को सैनिटाइजर या साबुन-पानी से 40 सेकंड धोना चाहिए।
  • साबुन-पानी से हाथ धोने के बाद डिस्पोजेबल पेपर नैपकिन से पोंछने चाहिए। पेपर नैपकिन नहीं हो तो साफ तौलिए से हाथ पोंछे। जैसे ही तौलिया गीला  हो जाए वैसे ही उसे बदल दें। 
  • मरीज के शरीर से निकले फ्लूड के सीधे संपर्क में नहीं आएं। मरीज को संभालते वक्त ग्लव्स पहनें। ग्लव्स को सावधानी से उथारने के साथ हाथ भी साफ करें।
  • मरीज के साथ सिगरेट शेयर करने से बचें। इसके अलावा उसके बर्तन, पानी, तौलिए और चादर के संपर्क में आने से बचें।
  • मरीज को खाना उसके कमरे में ही पहुंचाएं। जिससे उसे कमरे से बाहर न आना पड़े। 
  • मरीज के बर्तन ग्लव्स पहनकर साबुन या डिटर्जेंट से साफ करें। सावधानी के साथ ग्लव्स उतारने के बाद हाथ साफ करें।
  • मरीज के कमरे की सफाई करते वक्त, कपड़ों या चादर को धोने वक्त ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क और डिस्पोजेबल ग्लव्ज पहनें। ग्लव्स पहनने से पहले और उतारने के बाद अच्छी तरह हाथ धोएं।
  • इस बात का ध्यान रखें कि मरीज समय-समय पर अपनी दवाएं लेता रहे।
  • देखभाल करने वाला व्यक्ति या मरीज के नजदीकी संपर्क वाले लोग अपनी हेल्थ को खुद मॉनिटर करें। रोज शरीर के तापमान की जांच करें। कोरोना से जुड़े लक्षण दिखें तो तुरंत मेडिकल ऑफिसर से संपर्क करें।

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