बिगड़ती लाइफस्टाइल जैसे- अल्कोहल का सेवन, प्यूरिन युक्त फूड्स, शुगरी चीज़ों का सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर तेजी से बढ़ने लगता हैं। दरअसल, ज़्यादातर यूरिक एसिड खून में घुल जाता है और किडनी से होते हुए पेशाब के रस्ते शरीर से बाहर निकलता है। जब शरीर बहुत ज़्यादा यूरिक एसिड बनाता है या पर्याप्त मात्रा में यूरिक एसिड नहीं निकाल पाता है, तो इससे गाउट, किडनी स्टोन, जोड़ों का दर्द और कई गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। ऐसे में यूरिक एसिड को कम करने के लिए दवाइयों के आलावा आप कुछ घरेलू नुस्खें भी आज़मा सकते हैं। सब्जी और बिरयानी में इस्तेमाल होने वाला तेजपत्ता भी यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकता है। चलिए बताते हैं यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में तेजपत्ता कैसे फायदेमंद है?
यूरिक एसिड में तेजपत्ता है फायदेमंद:
तेजपत्ता में विटामिन ए और सी के साथ-साथ फोलिक एसिड भी होता है, जो आपकी सेहत के लिए लाभकारी है। इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं और ये किडनी को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। तेजपत्ता में मूत्रवर्धक प्रभाव होता है, जो किडनी को डिटॉक्सीफाई कर, उसे स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
ऐसे करें तेजपत्ते का इस्तेमाल:
यूरिक एसिड जोड़ों के दर्द, किडनी की पथरी और दिल से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। ऐसे में उसे कंट्रोल करने के लिए आप तेजपत्ता की चाय पी सकते हैं। चाय बनाने के लिए 10-20 तेजपत्ता धो लें। धुले हुए तेजपत्ता को एक पैन में तीन गिलास पानी में डालें। तब तक उबालें जब तक पानी एक गिलास न रह जाए। चाय को दिन में दो बार गर्म करके पिएँ। प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ खाने से भी यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है।
इन समस्याओं में भी कारगर है तेजपत्ता:
तेजपत्ता के सेवन से सांस से जुड़ी समस्याओं जैसे खांसी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा व इन्फ्लूएंजा से राहत मिलती है। साथ ही इसके सेवन से किडनी की हेल्थ बेहतरीन रहती है। तेजपत्ता में विटामिन ए, विटामिन बी 6 और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाई जाती है।ये सभी विटामिन्स इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। ऐसे में नियमित रूप से तेजपत्ता का सेवन करके आप शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं।
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