कोरोनाकाल में संजीवनी बूटी की तरह फायदेमंद साबित हुई गिलोय, जानें इसके फायदे और नुकसान
कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए हर कोई आयुर्वेद की ओर रुख कर रहा हैं। हम आपको आयुर्वेदिक हर्ब्स सीरीज में गिलोय के बारे में विस्तार से बताएंगे। इसमें हम आपको गिलोय के फायदे, सबसे ज्यादा चर्चित इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा बनाने का तरीका सहित किन लोगों को इस आयुर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए ये भी बताएंगे।
कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए हर कोई आयुर्वेद की ओर रुख कर रहा हैं। आयुष मंत्रालय ने भी इस बात पर जोर दिया कि अपनी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए अश्वगंधा, हल्दी, गिलोय आदि का काढ़ा पीना मददगार साबित होगा। ऐसे में गिलोय के बारे में हर कोई अधिक से अधिक जानने की कोशिश कर रहा हैं। गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करने के साथ-साथ कई बीमारियों में कारगर साबित हुआ। इन बीमारियों में डायबिटीज से लेकर अर्थराइटिस भी शामिल हैं।
AlSO READ: 12 सितंबर से चलने वाले 80 स्पेशल ट्रेनों की देखिए पूरी लिस्ट
गिलोय को कुछ लोग अमृता नाम से भी जानते हैं। आज हम आपको आयुर्वेदिक हर्ब्स सीरीज में गिलोय के बारे में विस्तार से बताएंगे। इसमें हम आपको गिलोय के फायदे, सबसे ज्यादा चर्चित इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा बनाने का तरीका सहित किन लोगों को इस आयुर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए ये भी बताएंगे।
गिलोय में पाए जाने वाले तत्व
गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कॉपर, आयरन, फास्फोरस, जिंक,कैल्शियम, मैग्नीशियम के साथ-साथ एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर आदि तत्व पाए जाते हैं। जो आपको हर बीमारियों से कोसों दूर रखते हैं।
कैसे करें गिलोय का सेवन
आज के समय में अधिकतर लोगों को यह नहीं पता है कि आखिर गिलोय का सेवन कैसे और कितनी मात्रा में करना उनकी सेहत के लिए अच्छा है। आप गिलोय का सेवन 3 तरीके से कर सकते हैं। गिलोय सत्व, गिलोय जूस या गिलोय स्वरस और गिलोय चूर्ण। इसका तना, जड़, पत्ते हर एक चीज में औषधिय गुण पाएं जाते हैं।
गिलोय के फायदे
डायबिटीज के मरीज
अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो रोजाना गिलोय या फिर गिलोय जूस का सेवन करें। इसमें पाया जाने वाला हाइपोग्लाईकैमिक ब्लड शगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
अर्थराइटिस
जोड़ों में दर्द की समस्या, अर्थराइटिस आदि में गिलोय का सेवन फायदेमंद है। गिलोय में एंटी इंफ्लेट्री और एंटीआर्थराइटिक गुण पाए जाते हैं जो इस रोग से निजात दिलाते हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाएं
गिलोय में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी बूस्ट कर सकते हैं। इसलिए रोजाना गिलोय, तुलसी, लहसुन, अश्वगंधा और हल्दी का काढ़ा पीना चाहिए।
तनाव से दिलाएं निजात
गिलोय में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो शरीर से टॉक्सिन को निकालने में मदद करते हैं। जिससे आपका दिमाग शांत रहता है और तनाव से मुक्ति मिलती है।
हिचकी रोकने के लिए
अगर आपको हिचकी आ रही है तो गिलोय काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए दूध में गिलोय और सौंठ का पाउडर मिलाकर पी लें। इससे तुंरत हिचकी आना बंद हो जाएगी।
टीबी रोग
गिलोय के औषधिय गुण टीबी रोग को भी आसानी से सही कर सकते हैं। इसके लिए अश्वगंधा, गिलोय, शतावर, दशमूल, बलामूल, अडूसा, पोहकरमूल और अतीस को बराबर भाग में लेकर इसका काढ़ा बनाएं। इस काढ़ा को सुबह और शाम पिएं।
बवासीर का इलाज
गिलोय बवासीर के लिए भी काफी फायदेमंद है। इसके लिए गिलोय, हरड़ और धनिया के पत्ते को बराबर मात्रा में लेकर पानी में उबाल लें। जब थोड़ा सा पानी बच जाएं को इसे छानकर पी लें। दिन में कम से कम 2 बार इसका सेवन करें। आप चाहे को इस काढ़ा के साथ गुड़ खा सकते हैं।
पाचन को रखें फिट
अगर आपको हमेशा पाचन तंत्र की समस्या रहती है तो गिलोय काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए गिलोय, अतिविषा और अदरक का काढ़ा बनाकर पिएं।
अस्थमा में फायदेमंद
जिन लोगों को अस्थमा की समस्या हैं उनके लिए भी गिलोय काफी फायदेमंद है। इसके लिए रोजाना इसके पत्ते या जड़ का सेवन करें।
आंखों की बढ़ाएं रोशनी
आंखों में चश्मा लगा है तो आपके गिलोय मदद कर सकता है। इसके लिए 10 मिली गिलोय के रस में 1-1 ग्राम शहद और सेंधा नमक मिलाकर खूब अच्छी तरह से पीस लें। इसे आंखों में काजल की तरह लगाएं। इससे अंधेरा, चुभन, और काला तथा सफेद मोतियाबिंद रोग से मुक्ति मिल जाएगी।
गिलोय का काढ़ा
गिलोय का काढ़ा इम्यूनिटी बूस्ट कर आपको कई रोगों से बचाए रखेगा। जानिए इस काढ़े को कैसे घर पर आप आसानी से बना सकते हैं।
गिलोय काढ़ा बनाने के लिए जरूरी चीजें
- गिलोय का एक टुकड़ा
- 4-5 तुलसी की पत्तियां
- 2 काली मिर्च
- थोड़ी सी कच्ची हल्दी
- थोड़ी अदरक
- थोड़ी अश्वगंधा
बनाने की विधि- अगर आप गिलोय का काढ़ा पीना चाहते हैं तो इसके लिए इमामदत्ता में गिलोय के एक टुकड़ा, 4-5 तुलसी की पत्तियां, 2 काली मिर्च, थोड़ी सी कच्ची हल्दी, थोड़ी अदरक, थोड़ी अश्वगंधा डालकर कूट लें। इसके बाद एक पैन में 2 गिलास पानी डालकर गर्म करें और इसमें यह कूटी हुई सामग्री डाल दें। अब धीमी आंच में पकने दें। जब पानी आधा बचे। तो गैस बंद करके इसे कप में छान लें और हल्का गुनगुना इसका सेवन करें। यह एक बार में आधा से एक गिलास पिया जा सकता है।
पेट संबंधित रोग में ना करें सेवन
अगर किसी को पेट से संबंधित कोई समस्या हो, तो गिलोय का सेवन करने से बचना चाहिए। गिलोय अपच की समस्या को बढ़ा सकता है। इसके कारण पेट में दर्द और मरोड़ की शिकायत हो सकती है।
ब्लड शुगर के स्तर को करें प्रभावित
जिन लोगों को रक्त शर्करा के स्तर से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं हैं, उन्हें पूरी तरह से इस हर्ब के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को और भी ज्यादा प्रभावित कर सकता है।
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
गिलोय कई बार इम्यून सिस्टम को अधिक उत्तेजित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के लक्षण जैसे कि ल्यूपस, मल्टीपल स्केलेरोसिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में ना करें सेवन
गर्भावस्था में या फिर स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय का सेवन कम करना चाहिए। इससे शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है।