डायबिटीज और थायराइड सहित अन्य जेनेटिक बीमारियों को जड़ से करें खत्म, स्वामी रामदेव से जानिए तरीका
योग और मेडिटेशन से बीमारियों की फैमिली चेन को तोड़ा जा सकता है। योग की इसी ताकत को हम तक स्वामी रामदेव ने पहुंचाया है।
माता-पिता अपने बच्चों को विरासत में अच्छे संस्कार, अच्छा भविष्य देने की चाहत में दिन-रात मेहनत जरूर करते हैं, लेकिन अगर उन्होंने अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखा तो जाने-अनजाने में अपनी आने वाली पीढ़ी को विरासत में बीमारियां दे सकते हैं। इन्हें कहते हैं जेनेटिक डिसीज और आनुवांशिक बीमारियां, जिनसे बचना बेहद जरूरी है वर्ना वो पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार को अपना शिकार बनाती रहेंगी। दरअसल, हमारा शरीर सेल्स से मिलकर बना होता है। हर सेल में 46 क्रोमोसोम्स होते हैं। ये क्रोमोसोम डीएनए, आरएनए और प्रोटीन से बने होते हैं।
सीधे शब्दों में कहा जाए तो ये क्रोमोसोम्स ही हैं, जो अलग-अलग कैरेक्टर्स को पैरेंट्स से बच्चों तक लेकर आते हैं। इनमें कई बार कुछ बीमारियां भी ट्रांसफर हो जाती है। इसलिए इन्हें जेनेटिक बीमारियां भी कहते हैं। कई आनुवांशिक बीमारियां ऐसी भी होती हैं, जिनका कोई इलाज नहीं होता है, लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जैसे - डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल, थाइराइड, अस्थमा, अर्थराइटिस, जिनका इलाज किया जा सकता है और इनसे बचा भी जा सकता है।
कब्ज, खट्टी डकार और पेट से जुड़ी समस्याओं से हैं परेशान तो स्वामी रामदेव से जानिए कारगर इलाज
योग और मेडिटेशन से बीमारियों की फैमिली चेन को तोड़ा जा सकता है। योग की इसी ताकत को हम तक स्वामी रामदेव ने पहुंचाया है।
जेनेटिक रोग क्या है?
- 37 ट्रिलियन सेल से मिलकर बनता है शरीर।
- हर सेल में 46 क्रोमोसोम होते हैं।
- DNA, RNA और प्रोटीन से बनते हैं क्रोमोसोम्स।
- जीन के रूप में मौजूद होता है डीएनए।
- क्रोमोसोम्स में गड़बड़ी से होते हैं रोग।
कौन-कौन सी जेनेटिक बीमारियां:
- डायबिटीज
- हाइपरटेंशन
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- थाइरॉइड
- अस्थमा
- अर्थराइटिस
- स्किन की बीमारी
- खून की बीमारियां
- कई तरह के कैंसर
- मल्टीपल स्केलेरोसिस
जेनेटिक डिजीज में कारगर प्राणायाम:
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- भस्त्रिका
- भ्रामरी
- उज्जायी
- उद्गीथ
कपालभाति के फायदे:
- बॉडी में इंस्टेंट गर्मी लाता है।
- मजबूत बॉडी के लिए फायदेमंद है।
- शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।
- बंद सांस नली खुल जाती है।
योग से रहेंगे हमेशा हेल्दी:
- शीर्षासन
- सर्वांगासन
- हलासन
- चक्रासन
- सूर्य नमस्कार
- दंड बैठक
- भुजंगासन
- पश्चिमोत्तानासन
- पादवृत्तासन
- द्विचक्रिक आसन
मंडूकासन के फायदे:
- गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है।
- फैटी लिवर की समस्या दूर होती है।
- डायजेशन से जुड़े साइड इफेक्ट में कारगर है।
- लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है।
हलासन के फायदे:
- चेहरे पर चमक आती है।
- थाइराइड की बीमारी ठीक होती है।
- स्ट्रेस और थकान मिटाता है।
गोमुखासन के फायदे:
- कब्ज से जुड़े रोगों में फायदेमंद।
- पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- शरीर को लचकदार बनाता है।
- लिवर के लिए बेहद फायदेमंद है।
- दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
उत्तान पादासन के फायदे:
- पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।
- थकान, तनाव और चिंता दूर करता है।
- लिवर-किडनी की समस्या में लाभकारी।
- फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
नौकासन के फायदे:
- पाचन शक्ति अच्छी होती है।
- डायबिटीज को कंट्रोल करता है।
- टीबी और निमोनिया से बचने के लिए कारगर है।
- फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है।
- नियमित अभ्यास से मोटापे में कमी।
- शरीर में ऑक्सीजन का स्तर संतुलित रहता है।
- पेट, कमर और पीठ मजबूत बनती है।
अस्थमा में उपाय:
- गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा - खाने के बाद एक-एक गोली।
- खाली पेट श्वसारि वटी- एक से दो गोली सुबह-शाम लें।
लंग्स डिजीज में उपाय:
- श्वसारि खाली पेट दो गोली सुबह-शाम लें।
- लक्ष्मी विलास और संजीवनी खाने के बाद लें।
- अस्थमा के लिए स्वर्ण बसंत मालती लें।
सेहतमंद दिल के लिए:
- अकीक पिष्टी 10 ग्राम, मोती पिष्टी 4 ग्राम।
- संगेयसव पिष्टी 10 ग्राम।
- जहर मोहरा पिष्टी 10 ग्राम।
- योगेंद्र पिष्टी 1 ग्राम।
- मिलाकर 60 पैकेज बनाएं।
- सुबह-दोपहर-शाम लें।
- खाने के बाद सेवन करें।
- हार्ट के ब्लॉकेज दूर होते हैं।
- इससे कोलेस्ट्रॉल ठीक होता है।
- हृद्यामृत 2-2 गोली लें।
- सुबह-दोपहर-शाम लें।
- खाने के बाद सेवन करें।
- हरड़ का उपयोग हार्ट और गैस्ट्रिक में रामबाण।
- शहद दिल को मजबूत बनाता है।
- असली हार्ट के लिए फायदेमंद है।
- सेब का जूस और आंवला से हार्ट मजूबत होता है।
- बादाम खाने से हार्ट मजबूत होता है।
- जामुन और सेब का सिरका भी फायदेमंद है।
गठिया में रामबाण:
- वर्जिन कोकोनट ऑयल पीने से लाभ।
- चंद्रप्रभावटी, योगराज गुग्गल, अश्वशिला, पुनर्नवादि मंडूर
- खाने के बाद सुबह - शाम 1-1 गोली लें।
अर्थराइटिस में डाइट:
- एंटी इंफ्लेमेट्री गुणों वाले फूड्स खाएं।
- हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं।
- बादाम, अखरोट, पिस्ता फायदेमंद है।
- जामुन एंटी - ऑक्सीडेंट है, सूजन कम करता है।
- वातारि चूर्ण भी अर्थराइटिस में फायेदमंद।
- हल्दी, मेथी, सौंठ और अश्वगंधा - सभी को मिलाकर पाउडर बना लें।
- रोज सुबह एक-एक चम्मच लें।
- पीड़ातक क्वाथ का काढ़ा पिएं।
हाई बीपी होगा ठीक:
- मुक्ता वटी खाली पेट 2 गोली चबाकर खाएं।
- खाने के बाद मेधावटी सुबह-शाम 2-2 गोली लें।
- अश्वगंधा सुबह-शाम एक-एक गोली लें।
लौकी कल्प करें:
- लौकी का सूप, लौकी की सब्जी खाएं।
- लौकी का जूस रोजाना पीना फायदेमंद है।