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Hindi News हेल्थ गैस का दर्द है या हार्ट अटैक, डॉक्टर से जानिए दोनों के बीच क्या अंतर और किन लक्षणों से करें पहचान?

गैस का दर्द है या हार्ट अटैक, डॉक्टर से जानिए दोनों के बीच क्या अंतर और किन लक्षणों से करें पहचान?

Gas Pain Or Heart Attack Difference: गैस का दर्द और हार्ट अटैक दो अलग-अलग कंडीशन हैं, जिसकी वजह से सीने में दर्द हो सकता है। हालांकि कई बार लोग इनके बीच अंतर नहीं समझ पाते हैं। एक्सपर्ट से जानते हैं गैस के दर्द और दिल के दौरे में क्या अंतर होता है?

Chest Pain- India TV Hindi Image Source : FREEPIK Chest Pain

सीने में दर्द और बेचैनी का कारण गैस और हार्ट अटैक दोनों हो सकते हैं। कई बार लोग हल्के दर्द को गैस का दर्द समझकर नज़रअंदाज कर देते हैं। जबकि ये हार्ट अटैक का दर्द भी हो सकता है। ऐसी लापरवाही की वजह से कई बार जान खतरे में आ जाती है। वहीं कुछ लोगो गैस के दर्द और हार्ट अटैक के दर्द में आसानी से फर्क करना जानते हैं जिससे गंभीर समस्या से बचने में मदद मिलती है। आज हम हेल्थ एक्सपर्ट से जानेंगे कि कैसे पचा चलता है सीने में होने वाला दर्द गैस का का है या फिर हार्ट अटैक का?

गैस के दर्द और हार्ट अटैक के बीच अंतर

यशोदा हॉस्पिटल्स हैदराबाद के कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. काला जीतेंद्र जैन के अनुसार, गैस का दर्द आमतौर पर छाती के निचले हिस्से या पेट में होता है। ये दर्द सामान्य तौर पर शरीर के दूसरे हिस्सों तक नहीं फैलता है। गैस के दर्द के साथ कभी-कभी मतली जैसा भी महसूस हो सकता है। मसालेदार भोजन खाने के वजह से ऐसा हो सकता है। इस दर्द में कुछ खास पॉजिशन में राहत मिल सकती है। डॉक्टर की सलाह से आप कोई एंटीएसिड दवा ले सकते हैं।

हार्ट अटैक के दर्द में आमतौर पर छाती के बीच में पेन होता है। कभी-कभी बाएं हाथ, जबड़े या पीठ के ऊपरी हिस्से तक ये दर्द फैल सकता है। इसके साथ हार्ट अटैक के अन्य लक्षण जैसे अचानक सांस फूलना, पसीना आना, चक्कर आना, उल्टी भी महसूस होने लगती है। चलने या एक्सरसाइज करने पर ये लक्षण बढ़ जाते हैं, आराम करने या हार्ट संबंधी दवाओं का सेवन करने से दर्द में राहत मिलती है।

चेस्ट में दर्द होने पर क्या करें?

किसी को दोनों के बीच अंतर करने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, बल्कि तुरंत डॉक्टर या किसी हार्ट स्पेशलिस्ट को दिखाकर दवा लेनी चाहिए।
गैस के दर्द और हार्ट अटैक के दर्द को नॉर्मल ईसीजी करके पता लगाया जा सकता है। डॉक्टर को काफी हद तक लक्षणों से पता लग जाता है।
यदि पीड़ित व्यक्ति को लंबे समय से शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, परिवार में हार्ट की बीमारी का इतिहास रहा है तो इसके लिए अच्छी तरह जांच की जाती है जिससे हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है।
नॉर्मल एंटासिड या प्रोटॉन पंप गैस के लक्षणों से राहत देते हैं जबकि एस्पिरिन, स्टैटिन और नाइट्रेट शुरुआत में दिल के दर्द को कम करने में मदद करते हैं और कोरोनरी एंजियोग्राम करके दिल के दौरे के लिए जिम्मेदार ब्लॉकेज को कम किया जाता है।

ये बात सही है 'समय पर एक टांका नौ टांकों को बचाता है' यह मुहावरा आपकी सेहत पर भी लागू होता है। अगर समय रहते किसी भी बीमारी का इलाज कराया जाए तो जीवन बच सकता है। इससे बीमारी खतरनाक लेवल पर पहुंचने से पहले ही कंट्रोल की जा सकती है। अगर आपको भी सीने में किसी तरह का दर्द या दबाव महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

 

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