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Hindi News हेल्थ 1 मिनट में 100 से ज्यादा बार धड़कता है आपका दिल तो हो सकती है ये बीमारी, जानें कारण और लक्षण

1 मिनट में 100 से ज्यादा बार धड़कता है आपका दिल तो हो सकती है ये बीमारी, जानें कारण और लक्षण

आपने सुना होगा धड़कन की बीमारी के बारे में। लेकिन, क्या कभी आपने सोचा है कि ये है क्या? नहीं, तो आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से।

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धड़कनों का तेज होना, हाई बीपी और कई बार कुछ शारीरिक क्रियाओं से जुड़ा हुआ हो सकता है। लेकिन, हर बार इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि धड़कनों का तेज होना एक प्रकार की गंभीर बीमारी है जो कि आपके दिल से जुड़ी हुई है। इस बीमारी को टैकीकार्डिया (Tachycardia) कहा जाता है।  इसमें आपका दिल 1 मिनट में 100 से ज्यादा बार तेजी से धड़कता है। इसके अलावा भी इस बीमारी में आप कई प्रकार के लक्षण देख सकते हैं। कैसे, जानते हैं इस बारे में।

धड़कनों का तेज होना कौन सी बीमारी है-Tachycardia in hindi 

टैकीकार्डिया में 1 मिनट में 100 से अधिक बार आपका दिल धड़कता है। असल में ये हृदय गति का बढ़ना है जो है आमतौर पर व्यायाम के दौरान या तनाव की प्रतिक्रिया के रूप में बढ़ जाती है। टैकीकार्डिया से शुरुआत में तो शरीर को कोई दिक्कत नहीं होती लेकिन, लंबे समय तक रहने के बाद ये हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक या अचानक हृदय की मृत्यु का कारण बन सकता है। इस बीमापी में शरीर में कई प्रकार के लक्षण नजर आते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 

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टैकीकार्डिया के कारण-Tachycardia Causes in hindi

टैकीकार्डिया का सबसे बड़ा कारण है तनाव। इसके अलावा कैफीन या अल्कोहल का ज्यादा सेवन भी इस बीमारी का कारण बन सकता है।  धूम्रपान करना या तंम्बाकू उत्पादों का उपयोग करना भी इस समस्या को बढ़ा सकता है। इसके अलावा कई बार आपकी कोरोनरी धमनियों में पर्याप्त खून न मिल पाना भी इस बीमारी का कारण हो सकती हैं। इसके अलावा हाई बीपी, प्रेगनेंसी और  गैरकानूनी दवाओं का सेवन भी टैकीकार्डिया का कारण हो सकता है।

टैकीकार्डिया के लक्षण-Tachycardia symptoms in hindi

कुछ लोगों में टैकीकार्डिया के लक्षण नहीं होते हैं, जबकि कुछ लोगों में इसके गंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं। जैसे कि
-सांस लेने में कठिनाई 
-छाती में दर्द
-दिल की घबराहट
-चक्कर आना
इन तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए आपको इस बीमारी को बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसलिए समय-समय पर ईसीजी टेस्ट करवाएं। लक्षण महसूस हो तो डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही तेज दिल की धड़कन को नियंत्रित करने के लिए कुछ खास योगा और कार्डियो एक्सरसाइज करें।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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