मानसून में पड़ने वाली गर्मी बहुत खतरनाक होती है। पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है। आलम ये है कि स्कूलों में बच्चे बेहोश हो रहे हैं। यूपी के कई जिलों से स्कूल में बच्चों के बेहोश होने की खबरें आ रही हैं। जिसका बड़ा कारण गर्मी को माना जा रहा है। बारिश के दिनों में शरीर में पानी की कमी होने लगती है। दिनभर पसीना निकलने से शरीर में इलेक्ट्राइट्स का संतुलन बिगड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि भरपूर पानी पीते रहें और कुछ खास बातों का ख्याल जरूर रखें।
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बारिश के दिनों में उमस और गर्मी के कारण शरीर में घबराहट महसूस होती है। अगर ऐसा हो तो तुरंत शरीर को कूलडाउन करने की कोशिश करें। बारिश के दिनों में भरपूर पानी पीते रहें। खुद को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें। तेज धूप में ज्यादा देर खड़े न हों। बच्चों को खुले में ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी न कराएं।
हवादार कपड़े पहनें और हाइड्रेट रहें
लूज फिट कपड़े पहने जिसमें हवा पास होती रहे। घर में या बाहर हवादार जगहों पर ही रहें। अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है तो उसे तुरंत पानी नहीं पिलाएं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बेहोशी की हालत में पानी निगलने में परेशानी होती है। ऐसे में पानी पेट में जाने की बजाय कई बार लंग्स में जा सकता है। जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इससे निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है।
गर्मी में बेहोश होने पर क्या करें?
शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी की मानें तो कोई बेहोश हो जाए तो इमरजेंसी सिचुएशन में पीड़ित व्यक्ति के सिर को हल्के से एक तरफ झुकाएं और ठुड्डी को ऊपर की उठाएं। इससे सांस लेने में परेशानी नहीं होगी। सांस नहीं आने पर इसे रिकवरी पोजीशन कहा जाता है। अगर बेहोश होने के बाद उल्टी भी हो रही हैं तो ऐसे में दम घुटने से बचता है। इसलिए चेक करें कि सांस आ रही है या नहीं। पीड़ित व्यकित को किसी हवादार जगह पर लिटाएं और ठंडे पानी के छींटे फेस पर मारें। अगर सांस नहीं आ रही तो तुरंत सीपीआर दें और अस्पताल लेकर जाएं।
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