हल्दी के बिना दाल या सब्जी कुछ भी नहीं बना सकते हैं। सब्जी या दाल में जब इसका पीला रंग चढ़ता है तो देखने में बेहद आकर्षक लगता है। आयुर्वेद में भी हल्दी को एक सेहतमंद मसाला कहा गया है यह सेहत के साथ साथ खूबसूरती में भी चार चाँद लगाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं फायदे के साथ साथ हल्दी का सेवन कुछ लोगों के लिए बेहद नुकसानदायक है। इसके ज्यादा सेवन से कई परेशानियां पैदा हो सकती हैं। चलिए जानते हैं कि किन हालात में हल्दी का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।
- डायबिटीज के मरीज: यूं तो डायबिटीज और हल्दी का आपस में कोई संबंध नहीं दिखता लेकिन ऐसे मरीजों को ज्यादा हल्दी का सेवन करने की सलाह आयुर्वेद नहीं देता, जो खून पतला करने की दवाएं ले रहे हैं। दरअसल हल्दी का सेवन करने से शरीर में खून के थक्के नहीं जमते और अगर मरीज इसी बात के लिए किसी दवा का सेवन कर रहा है तो सीमा से ज्यादा हल्दी का सेवन इसके लिए नुकसानदेह हो सकता है।
- पीलिया के मरीज: पीलिया के मरीज हैं तो हल्दी का सेवन सोच समझ कर ही करें। आमतौर पर ज्वाइंडिस यानी पीलिया की बीमारी के वक्त डॉक्टर भी हल्दी से परहेज रखने को कहते हैं, इसलिए अगर पीलिया के मरीज हैं तो इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
- पथरी के मरीज: जिन लोगों को बार बार पथरी की समस्या होती है, उन्हें हल्दी के संयमित सेवन की सलाह दी जाती है। दरअसल हल्दी में घुलनशील ऑक्सालेट के उच्च स्तर होते हैं जो आसानी से कैल्शियम से जुड़ सकते हैं और अघुलनशील कैल्शियम ऑक्सलेट बना सकते हैं। अघुलनशील कैल्शियम ऑक्सालेट किडनी की 75% परेशानियों की वजह निकलता है।
- एनीमिया के मरीज: जिन लोगों के भीतर खून की कमी है उन्हें भी हल्दी की कम ही सेवन करना चाहिए। दरअसल ज्यादा हल्दी के सेवन से शरीर में आयरन का अब्जार्शन बढ़ जाता है और इससे एनीमिया के बढऩे की समस्या पैदा हो जाती है।
- जो खून पतला करने की दवा ले रहे हों: जो खून पतला करने की दवा ले रहे हों, उन्हें भी हल्दी का कम ही सेवन करना चाहिए। क्योंकि हल्दी भी यही काम करती है और अगर दवा के साथ इसका सेवन जारी किया गया तो परेशानी बढ़ सकती है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें
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