प्लास्टिक की बोतल में पानी पीते हैं तो जान लीजिए उसके दुष्प्रभाव, हो सकते हैं इन बीमारियों के शिकार
आजकल प्लास्टिक का इस्तेमाल हमारे जीवन का अहम हिस्सा हो चूका है। लेकिन क्या आप जानते हैं इसका इस्तेमाल आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक है।
प्लास्टिक मॉडर्न लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है, आजकल जहां देखो प्लास्टिक नज़र आता है, किचन के डब्बे हों, या बाज़ार में बिकने वाली पानी की बोतल। खाने की पैकिंग हो या सामान लाने वाले पॉलिथिन। कप, प्लेट, स्ट्रॉ हर चीज़ पर प्लास्टिक का कब्ज़ा है। यहां तक कि समंदर से निकलने वाले कचरे में भी सबसे ज़्यादा प्लास्टिक ही होता है। भारत सरकार प्लास्टिक पॉल्यूशन से लोगों को बचाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन भी लगा चुकी है। बावजूद इसके लोग प्लास्टिक से दूरी नहीं बना रहे हैं और आज भी प्लास्टिक की बॉटल में पानी पीते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं इससे आपकी सेहत को क्या नुकसान होगा।
शरीर को अंदर से खोखला कर रहा है प्लास्टिक
हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक हर हफ्ते 2 हज़ार तो पूरे साल में तकरीबन एक लाख से ज़्यादा पार्टिकलस शरीर में घुसकर ह्यूमेन सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। ये माइक्रोप्लास्टिक एक तरफ हार्ट के ब्लड वेसेल्स को जाम करते हैं, तो दूसरी तरफ किडनी के नेफ्रॉन को नुकसान पहुंचाते हैं। नतीजा हार्ट अटैक और किडनी फेलियर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। जाने अनजाने हम हर साल लाखों पार्टिकल्स प्लास्टिक के कन्ज्यूम करते हैं, जिसका खामियाजा हमारा शरीर चुकाता है। दरअसल, जिस प्लास्टिक का इस्तेमाल आप अपनी लाइफ स्टाइल को आसान बनाने के लिए कर रहे हैं, वहीं प्लास्टिक आपको अनजाने में लाइफ स्टाइल की बीमारियां दे रहा है।
प्लास्टिक क्यों है जानलेवा ?
- बढ़ जाता है कैंसर का खतरा
- हाई बीपी का डर
- लिवर और किडनी पर भी असर
- बढ़ जाता है हार्ट अटैक
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ऐसे हटाएँ प्लास्टिक का इस्तेमाल
- प्लास्टिक की बोतल की जगह कांच या स्टील की बोतल इस्तेमाल करें
- खाना रखने के लिए स्टील का टिफिन इस्तेमाल करें
- बाजार जाएं तो घर से ही कपड़े का बैग लेकर जाएं
- ऐसे प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचें जो सिंगल यूज प्लास्टिक हों, जैसे सिंगल यूज होने वाली पेन, डिस्पोजल गिलास, स्ट्रॉ आदि।
- बच्चों के लिए प्लास्टिक की जगह लकड़ी के खिलौने लें
- अगर आप इन छोटी छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो ना सिर्फ पर्यावरण की रक्षा करेंगे बल्कि शरीर को भी गंभीर रोगों से बचा सकेंगे।