हल्दी के गुणों को देखते हुए इसे आयुर्वेद में किसी औषधि से कम नहीं माना गया। सर्दियों में हल्दी वाला दूध पीने से शरीर में गर्मी आती है। रोजाना हल्दी वाला दूध पीने से सर्दी जुकाम की समस्या दूर रहती है। जो लोग गोल्डन मिल्क पीते हैं उनकी इम्यूनिटी भी मजबूत होती है। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो किसी भी संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। लेकिन हल्दी वाला दूध हर किसी को सूट नहीं करता है। कुछ लोगों को इसे पीने से फायदे की जगह नुकसान हो जाता है। आइये जानते हैं कि किन लोगों को हल्दी वाला दूध पीने से बचना चाहिए। हल्दी वाला दूध पीने के क्या नुकसान हैं?
हल्दी वाला दूध पीने के नुकसान
- प्रेगनेंसी में न पिएं हल्दी वाला दूध- हल्दी वाला दूध तासीर में गर्म होता है, इसलिए इसे पीने से बचना चाहिए। गर्भावस्था में हल्दी वाला दूध पीने से ब्लीडिंग होने का खतरा रहता है। कई बार इससे पेट दर्द और जी मिचलाने की समस्या भी हो सकती है। इसलिए हल्दी वाला दूध पीने से बचें।
- लिवर संबंधी बीमारी होने पर न पिएं हल्दी वाला दूध- अगर आपका लिवर कमजोर है या फिर लिवर से जुड़ी कोई बीमारी है तो आपको हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए। इसस पाचनतंत्र कमजोर हो सकता है। कई बार एसिड रिफ्लेक्शन और पेट में सूजन भी आ जाती है।
- एलर्जी होने का खतरा- अगर आप जरूरत से ज्यादा हल्दी वाला दूध का इस्तेमाल करते हैं तो इसके स्किन पर रैशेज होने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ लोगों को स्किन पर जलन और सांस लेने में परेशानी भी हो सकती है।
- आयरन की कमी- ज्यादा हल्दी का इस्तेमाल करने से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। ये सुनकर आपको हैरानी होगी, लेकिन जो लोग जरूरत से ज्यादा हल्दी खाते हैं उनके शरीर में आयरन सोखने की क्षमता कम हो जाती है।
- दस्त और जी मिचलाना- हल्दी में करक्यूमिन नामक कंपाउंड होता है जिससे कई बार जी मिचलाने या उल्टी दस्त की समस्या हो सकती है। हालांकि ऐसा जरूरत से ज्यादा हल्दी वाली चीजें इस्तेमाल करने पर ही होता है।
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